24.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 06:21 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ब्याज दर घटाने के लिए आरबीआई पर सरकार का दबाव, शक्तिकांत दास का टिप्पणी से इनकार

Advertisement

Interest Rate: पीयूष गोयल ने कहा कि वह पिछले 20 साल से खाद्य मुद्रास्फीति को ब्याज दरों में शामिल नहीं करने के पक्षधर रहे हैं. आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती कर आर्थिक वृद्धि को गति देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के कारण आरबीआई दर निर्धारण में दो साल तक कोई भी बदलाव नहीं कर पाया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Interest Rate: ब्याज दरों में कटौती के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर सरकार का दबाव बढ़ता जा रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक मंच से आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती की नसीहत दे दी. वहीं, उसी कार्यक्रम में मौजूद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पीयूष गोयल की नसीहत पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने इस बात का इशारा जरूर कर दिया कि दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में उचित निर्णय लिया जाएगा.

- Advertisement -

ब्याज दर निर्धारण में खाद्य महंगाई का इस्तेमाल गलत: पीयूष गोयल

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में सीएनबीसी टीवी18 के एक कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती कर आर्थिक वृद्धि को गति देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के कारण आरबीआई दर निर्धारण में दो साल तक कोई भी बदलाव नहीं कर पाया है. ब्याज दर तय करने में खाद्य मुद्रास्फीति का उपयोग एक ‘दोषपूर्ण सिद्धांत’ है. पीयूष गोयल ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि आरबीआई को ब्याज दर में कटौती करनी चाहिए. आर्थिक वृद्धि को और बढ़ावा देने की जरूरत है. हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं. हम और भी बेहतर कर सकते हैं.’

खाद्य महंगाई का मुद्रास्फीति प्रबंधन ने नाता नहीं

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि वह पिछले 20 साल से खाद्य मुद्रास्फीति को ब्याज दरों में शामिल नहीं करने के पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ​कि जब वह विपक्ष में थे, तब भी वे इसके विरोधी रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं लगातार कहता रहा हूं कि यह एक दोषपूर्ण सिद्धांत है.’ ब्याज दर ढांचा पर निर्णय लेते समय खाद्य मुद्रास्फीति पर विचार किया जाना चाहिए. खाद्य महंगाई का मुद्रास्फीति प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है. यह मांग-आपूर्ति पर निर्भर करता है.

महंगाई में कमी आने की उम्मीद: शक्तिकांत दास

इसी कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की नसीहत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ब्याज दर निर्धारण करने वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति दिसंबर के पहले सप्ताह में होने वाली अपनी अगली बैठक में उचित निर्णय लेगी. अक्टूबर में सकल मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 6% के लक्ष्य से अधिक रही है. इस बारे में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई में समय-समय पर उतार-चढ़ाव के बावजूद इसे कम होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ने हाल के दिनों में लंबे समय तक जारी उथल-पुथल के दौर में भी बहुत अच्छी तरह से काम किया है.

इसे भी पढ़ें: Video: जमुई में जब आदिवासी पारंपरिक वाद्य-यंत्र बजाने लगे पीएम नरेंद्र मोदी, ड्रम बजाते भी दिखे प्रधानमंत्री

वैश्विक अर्थव्यवस्था में कई तरह की बाधाएं

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अभी कई तरह की बाधाएं हैं. इनमें बॉण्ड यील्ड में बढ़ोतरी, वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम शामिल हैं. इसके बावजूद वित्तीय बाजारों ने मजबूती दिखाई है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है, जिसे मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे, स्थिर वित्तीय प्रणाली और मजबूत बाह्य क्षेत्र की वजह से बल मिल रहा है.

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद सोने की चमक पड़ गई फीकी, 4 दिन में 4% तक घट गया दाम

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें