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पॉक्सो मामले में दोषी को पांच साल की सजा

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पढ़ाई के बाद लौटने के दौरान दिया था घटना को अंजाम

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सहरसा. व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कृष्ण कुमार चौधरी की अदालत द्वारा दोषसिद्ध अभियुक्त सौरबाजार थाना क्षेत्र के लहौना निवासी मो ताविश पिता मो गयीश को अपहरण कर यौन हमला करने के मामले में दो धाराओं में सजा सुनायी गयी है. दोष सिद्ध अभियुक्त को भादवि की धारा 366 ए में पांच वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया. जुर्माने की रकम जमा नहीं करने की स्थिति में तीन महीने का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं, पॉक्सो की धारा आठ में चार वर्ष का कठोर कारावास तथा 25 हजार का अर्थदंड किया गया. अर्थदंड नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. अभियुक्त द्वारा कारा में बितायी गयी अवधि को सजा में समायोजित की जायेगी. अर्थदंड की 50 हजार की राशि पीड़िता को चिकित्सीय उपचार के लिए दी जायेगी. इसके अलावा न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भी पीड़िता के उज्ज्वल भविष्य एवं पुनर्वास, शारीरिक, मानसिक हानि एवं स्वास्थ्य के लिए जांच के बाद एक लाख मुआवजा देने का भी आदेश दिया. न्यायालय में बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि अभियुक्त को यौन उत्पीड़न या यौन हमला करने का दोषी पाया गया है. इसलिए अधिकतम सजा दी जाये. जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि अभियुक्त को ग्रामीण गंदी राजनीति के तहत झूठे मुकद्दमे में फंसाया गया है तथा परिवार के भरण पोषण का दायित्व भी इसी पर है. इसीलिए कारा अवधि को ही सजा मान कर मुक्त कर दिया जाये. अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पीड़िता, हेड मास्टर तथा आईओ सहित कुल छह साक्षियों का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया. जिन्होंने घटना का पूर्ण समर्थन भी किया. मालूम हो कि उक्तवाद की पीड़िता के पिता ने सौरबाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि आरोपी ताविश ने पठन पाठन से लौटते समय पीड़िता को जबरदस्ती अपने मोटर साइकिल पर बैठाकर ले गया और यौन हमला किया था.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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