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निस्वार्थ भक्ति से ही प्राप्त होती है भगवान की कृपा : आचार्य चंदन

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भक्ति में स्वार्थ होती तो भक्त को भगवान कृपा मिलने लगती

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चितरा. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तिवारी टोला में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सह एकादशी उद्यापन का कार्यक्रम चल रहा है. इस दौरान श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन रात्रि में व्यास पीठ से कथा वाचक आचार्य चंदन तिवारी ने कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि जीवन में निः स्वार्थ भक्ति करनी चाहिए. अगर भक्ति में स्वार्थ होती तो भक्त को भगवान कृपा मिलने लगती है. साथ ही उन्होंने कहा कि गुरु के माध्यम से भगवान से जुड़ा जा सकता है. बिना गुरु से ज्ञान संभव नहीं है. जुड़ने का एकमात्र मार्ग गुरु है. इसीलिए जीवन में गुरु को महत्व देना चाहिए. गुरु से दीक्षा लेना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि मीठी बोली बोलने वाले से हमेशा सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि मीठी बोल बोलने वाले ही पीठ पीछे खंजर घोंप सकते हैं. जबकि कड़वा बोलने वाले लोग प्राय अच्छे होते हैं. कहा कि हिंदू धर्म वाले सभी लोगों को गले में तुलसी की माला धारण करना चाहिए. तुलसी माला धार्मिक रूप से शारीरिक रूप से फायदा पहुंचाते है. कहा कि तुलसी माला धारण करने शरीर में विकार उत्पन्न नहीं होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि मन शांत और एकाग्रता होकर कथा का श्रवण करना चाहिए. अगर मन शांत कर कथा का श्रवण करना चाहिए. अशांत मन से कथा सुनने का कोई फायदा नहीं मिलता है. इसलिए कथा, सत्संग जहां भी सुनें मन को शांत कर एकाग्रता कर सुने. साथ ही उन्होंने कथा दौरान महाभारत का प्रसंग भी सुनाया. कथा श्रवण कर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गए. मौके पर रतनलाल तिवारी, श्याम सुंदर तिवारी, धनंजय तिवारी, ध्रुव तिवारी, चंदन तिवारी, कुंदन तिवारी, पूर्णानंद तिवारी, नित्यानंद तिवारी, जयनन्दन सिंह, तारापद अड्डी आदि मौजूद थे.

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