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National Education Day 2024: मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को समर्पित है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

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National Education Day 2024: आज यानि 11 नवंबर के तारीख को पूरे भारत वर्ष में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के जयंती के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को विशेष तौर से नेशनल एजुकेशन डे का दर्जा भी दिया गया है. ऐसे में जानें आज के दिन का इतिहास और महत्व.

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National Education Day 2024: आज, 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया जाता है. यह दिन भारत के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. वे स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे, जब शिक्षा मंत्रालय का नाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय था.

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2008 में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया

शिक्षा के प्रति उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए, 11 नवंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. मौलाना आजाद को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उन्होंने 1958 में अंतिम सांस ली.

अबुल कलाम आजाद कौन थे ?

अबुल कलाम आजाद एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे, जो आजादी से पूर्व अपने विचारों और कार्यों के लिए जाने जाते थे. वे एक विद्वान और प्रसिद्ध शिक्षाविद् भी थे. स्वतंत्रता के बाद, उन्हें देश का पहला शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया, और वे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं. उन्होंने AICTE (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) और अन्य तकनीकी संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ का महत्व

इस दिन, देशवासियों द्वारा मौलाना आजाद को याद किया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इस अवसर पर स्कूलों में विभिन्न सेमिनार, कार्यक्रम और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. छात्र और शिक्षक मिलकर इस दिन शिक्षा के महत्व पर चर्चा करते हैं.

कई कार्यक्रम होते हैं आयोजित

हर वर्ष 11 नवंबर को सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं. कई सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं. विभिन्न विद्यालयों में निबंध, भाषण और पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.

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