Black Potatoes: देश में खरीफ फसल की कटाई के बाद आलू की बुवाई शुरू हो जाती है. आमतौर पर किसान सफेद आलू की खेती करते हैं, लेकिन काले आलू की खेती एक बेहतर विकल्प बन सकता है क्योंकि इससे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. काले आलू की खेती से सफेद आलू की तुलना में तीन से चार गुना अधिक आय संभव है, और यह बाजार में 100-200 रुपये प्रति किलो तक बिकता है, जबकि साधारण आलू की कीमत 25-30 रुपये प्रति किलो होती है.
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बुवाई का सही समय और मिट्टी का चयन
काले आलू की खेती के लिए दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें पहले तीन से चार बार गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बनाना आवश्यक है. इसकी बुवाई के लिए समय भी अहम है.अगेती बुवाई का सबसे अच्छा समय 15 से 25 सितंबर है, जबकि पछेती बुवाई के लिए 15 से 25 अक्टूबर उपयुक्त रहता है. कुछ किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर तक भी पछेती बुवाई कर सकते हैं, जो उनके स्थानीय मौसम और खेत की तैयारी पर निर्भर करता है.
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अधिक मुनाफा और स्वास्थ्य लाभ
भारत में काले आलू की खेती ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और कुछ उत्तरी राज्यों के ठंडे और पहाड़ी इलाकों में होती है. यहाँ की जलवायु और मिट्टी इसे उगाने के लिए उपयुक्त है जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है.
स्वास्थ्य लाभ
काले आलू एंथोसाइनिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर होते हैं. ये पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, सूजन को कम करते हैं और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं. फाइबर युक्त होने के कारण यह पाचन स्वास्थ्य में सुधार और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है.
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