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शिक्षकों को प्रताड़ित करने की साजिश है नई स्थानांतरण नीति – प्रदेश अध्यक्ष

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शिक्षकों को प्रताड़ित करने की साजिश है नई स्थानांतरण नीति - प्रदेश अध्यक्ष

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प्रतिनिधि,मधेपुरा

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार शिक्षक एकता मंच के संयोजक प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा है कि शिक्षा विभाग के द्वारा लायी गयी नई स्थानांतरण नीति शिक्षकों को प्रताड़ित करने की साजिश है. सरकार ने खासकर पुरुष शिक्षकों को नये पदस्थापन के लिए गृह अनुमंडल को छोड़कर 10 अन्य अनुमंडलों का विकल्प मांगा है. यह सभी पुरुष शिक्षकों को घर परिवार से बहुत दूर तथा दूसरे जिलों में पदस्थापित करने की योजना है. सरकार स्वस्थ्य पुरुष शिक्षकों को सजा देना चाहती है.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नई स्थानांतरण नीति से सिर्फ राज्य के बाहरी शिक्षकों को ही लाभ होगा. क्योंकि उन्हें अपने राज्य के सीमा क्षेत्र के नजदीक पदस्थापित होने का मौका मिलेगा, लेकिन बिहार के निवासी शिक्षक न सिर्फ अपने गृह अनुमंडल से बल्कि गृह जिले से भी बाहर स्थानांतरित हो जायेंगे. सरकार को महिला शिक्षिकाओं के समान ही पुरुष शिक्षकों को भी अपने गृह पंचायत को छोड़कर पड़ोस के पंचायतों में पदस्थापन की नीति लानी चाहिए. ताकि सभी शिक्षक चिंता मुक्त होकर विद्यालय में बेहतर ढंग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें. 10 पंचायतों का विकल्प लेने से अधिकांश शिक्षिकाएं जो अपने नैहर या ससुराल के नजदीक के विद्यालय में कार्यरत हैं, वे भी अब घर – परिवार से दूर हो जायेंगी. असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को भी मनचाहा जगह मिलने की गारंटी नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की मंशा को भांप कर अधिकांश सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक स्थानांतरण नहीं चाहते हैं तथा नियोजित शिक्षक की सेवा में ही बने रहना चाहते हैं,लेकिन सरकार सभी शिक्षकों को बल पूर्वक हटाने की नीति लाई है. यह अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक कार्रवाई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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