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Ranchi news : सीएम तक बने हैं श्रमिक नेता, इस बार भी कई मैदान में

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बेरमो सीट से जीतकर बिंदेश्वरी दुबे (इंटक) संयुक्त बिहार में मुख्यमंत्री रहे थे. कई मजदूर नेता मंत्री रहे हैं, वहीं कुछ विधायक रहकर ही संघर्ष करते रहे हैं.

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मनोज सिंह, रांची.

झारखंड का बड़ा इलाका उद्योगों वाला है. करीब 14 जिलों में कोयला उद्योग है. जमशेदपुर और बोकारो जैसे जिले में दो-दो बड़ी कंपनियां हैं. राजधानी में कई कंपनियों का मुख्यालय है. कोल्हान में आयरन ओर, तो उत्तरी छोटानागपुर अभ्रक व अन्य खदानों के लिए प्रसिद्ध है. इसके साथ ही संताल में भी कई कंपनियां खनन का काम कर रही हैं. यहां काम करने वाले मजदूरों के अधिकार के लिए कई नेता लड़ाई लड़ते रहे हैं. सड़क से लेकर सदन तक मजदूरों की आवाज बुलंद करते रहे हैं. यही कारण है झारखंड के एक मजदूर नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं. कई मजदूर नेता मंत्री रहे हैं. वहीं, कुछ विधायक रहकर ही संघर्ष करते रहे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में फिर कई मजदूर नेता मैदान में हैं. मजदूरों के मुद्दे को लेकर जनता के बीच में है. उनके हक की लड़ाई सदन तक पहुंचाने का वादा कर रहे हैं.

इंटक के अनूप तो जेबीसीसीआइ सदस्य रहे अरूप भी मैदान में

इस बार के विधानसभा चुनाव में इंटक के अध्यक्ष कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह कांग्रेस के टिकट से बेरमो से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके पिता भी यहां से कई बार विधायक रहे हैं. इसी सीट से जीतकर बिंदेश्वरी दुबे (इंटक) संयुक्त बिहार में मुख्यमंत्री रहे थे. सांसद और भारत सरकार में मंत्री भी रहे थे. इस सीट से रामदास सिंह जैसे दिग्गज नेता भी जीते थे. इनके साथ-साथ झरिया से रागिनी सिंह भी चुनावी मैदान में हैं. वह जनता श्रमिक संघ से जुड़ी हैं. उनके ससुर इस यूनियन के संस्थापक थे. श्रीमती सिंह के पति संजीव सिंह और सास कुंति देवी भी इस सीट का नेतृत्व कर चुके हैं. निरसा से अरूप चटर्जी मैदान में हैं. वह माले के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. श्री चटर्जी कोल इंडिया के वेतन समझौते के लिए गठित कमेटी (जेबीसीसीआइ) के सदस्य भी रह चुके हैं. इनके पिता गुरुदास चटर्जी यहां से विधायक रहे हैं. झारखंड कोलियरी कर्मचारी संघ के जलेश्वर महतो भी बाघमारा से चुनावी मैदान में हैं. वह पहले भी विधायक रह चुके हैं. बिहार कोलियरी कर्मचारी संघ के जुड़े रहे मथुरा महतो भी टुंडी से चुनावी मैदान में रहे हैं. आजसू द्वारा संचालित कोयला यूनियन के पदाधिकारी रौशन चौधरी भी इस बार चुनाव मैदान में हैं. वह बड़कागांव सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. आरसीएमएस से जुड़े रहे अजय दुबे एक बार फिर धनबाद विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यहां की लोकसभा सीट से ददई दुबे भी जीत चुके हैं. श्री दुबे इंटक (दुबे) के अध्यक्ष रहे हैं. वह विश्रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं.

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