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बच्चे की मौत के बाद हंगामा, इलाज में लापरवाही का आरोप

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बच्चे की मौत के बाद हंगामा, इलाज में लापरवाही का आरोप

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– मायागंज अस्पताल का मामला, भर्ती के बाद बच्चे को सुबह आठ से दो बजे तक नहीं दी गयी दवा

– परिजनों ने अस्पताल कर्मी पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया, अस्पताल का इलाज में कोताही से इनकार

वरीय संवाददाता, भागलपुर

मायागंज अस्पताल में शनिवार को एक बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया. दो वर्षीय बच्चे का शव गोद में लेकर पिता व परिजन अस्पताल के अधीक्षक डॉ केके सिन्हा के कार्यालय में पहुंच गये. अस्पताल के कर्मियों ने परिजनों को अधीक्षक से मिलने से रोका तो दोनों पक्षों के बीच हाथापायी भी हो गयी. इसके बाद अधीक्षक से लोगों की बातचीत हुई. अधीक्षक ने परिजनों की बात सुनने के बाद मामले पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. मृत बच्चे के पिता व कहलगांव के नयानगर निवासी हरेराम मंडल ने बताया कि बच्चे का नाम सुभाष कुमार है. वह कई दिनों से सर्दी व बुखार से पीड़ित था. शनिवार सुबह ब्रह्मपुत्र मेल से कहलगांव से बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे.

सुबह आठ बजे बच्चे को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. बच्चों को जांच के लिए ओपीडी में भेज दिया गया. ओपीडी में चेकअप के बाद शिशुरोग विभाग के इंडोर वार्ड में भर्ती किया गया. वहां पर एक कर्मचारी ने बताया कि एक हजार रुपये खर्च करो, तब बच्चे का अच्छे से इलाज करेंगे. जब कहा गया कि सरकारी अस्पताल में पैसा नहीं लगता है. कर्मचारी ने कहा कि तब बैठे रहो, और वह चला गया. भर्ती करने के बाद बच्चे को एक भी दवा नहीं दी गयी. इंजेक्शन देने के लिए हमलोग गिड़गिड़ाते रहे. नर्स यह कहकर चली गयी कि बड़े साहब आयेंगे, तब इलाज शुरू होगा. जब हालत बिगड़ने लगी तो इसे ऑक्सीजन लगा दिया गया. बच्चे के नाक से खून बहने लगा और उसकी तड़प-तड़पकर करीब दो बजे मौत हो गयी. मरने से एक घंटा पहले तक बच्चे की हालत ठीक थी. लेकिन इलाज के अभाव में बच्चा नहीं बच पाया.

मां का रो-रोकर बुरा हाल : बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मृत बच्चे के चाचा ने बताया कि सुबह आठ बजे से दो बजे के बीच में एक भी दवा नहीं दी गयी. ऑफिस शिकायत करने आये तो कागज दिखाने को कहा गया, जबकि कागज नर्स के पास था. बच्चे को शिशुरोग विभाग में कमरा नंबर तीन व बेड नंबर 42 में भर्ती किया गया था. अब डेथ सर्टिफिकेट मिलने के बाद इसे घर लेकर जायेंगे.

वर्जन

– बच्चे की बीएचटी मंगवाकर देखा गया. इलाज में कोई कोताही नहीं हुई है. बच्चे को क्रॉनिक किडनी की बीमारी थी. उसका शरीर फूल गया था. बच्चे का इलाज कहीं और चल रहा था, जब हालत बिगड़ी तो मायागंज अस्पताल लाया गया.

डाॅ केके सिन्हा, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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