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दिघलबैंक मां काली का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का है केंद्र

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भारत नहीं बल्कि नेपाल से भी श्रद्धालु यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं

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किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित मां काली का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. मां काली पूजा के अवसर पर यहां भक्तों का तांता लगता है. दिघलबैंक थाना परिसर में स्थित इस मंदिर की प्रसिद्धि पूरे इलाके में है. स्थानीय लोगों की मानें तो वर्षों से यहां माता की आराधना होती है. शुरुआत में यहां फूस, टीन और लकड़ी के मंदिर में मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की गई थी. धीरे-धीरे स्थानीय लोगों के सहयोग से पक्के के मंदिर का निर्माण हुआ. इस पौराणिक मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मां काली मंदिर में पूरी आस्था है. इस मंदिर से जुड़ी आस्था का पता इसी बात से लगाया जा सकता है सिर्फ भारत नहीं बल्कि नेपाल से भी श्रद्धालु यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं क्योंकि माता सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं. आस्था ऐसी की सिपाही की नौकरी छोड़ बन गए पुजारी दिघलबैंक काली मंदिर का दिलचस्प इतिहास है. दिघलबैंक थाना में अवध किशोर नामक एक सिपाही की पोस्टिंग होती है. दिघलबैंक थाना परिसर में ही यह प्रसिद्ध काली मंदिर है. ऐसे में सिपाही जी भी रोज मंदिर में दर्शन के आते थे एक दिन उनको मां काली स्वप्न में आई फिर क्या था आरा जिले के रहने वाले सिपाही अवध किशोर दास ने सिपाही की नौकरी छोड़ दी और मंदिर के मुख्य पुजारी बन जीवन पर्यंत मां काली की भक्ति में लीन रहे. थानाध्यक्ष ने कराया मंदिर का जीर्णोद्वार साल 1985 में तत्कालीन दिघलबैंक थानाध्यक्ष अखिलेश्वर प्रसाद सिंह काली मंदिर का निर्माण करवाया जिसमें स्थानीय लोगों का भी भरपूर सहयोग रहा. वहीं नब्बे के दशक में थानाध्यक्ष संजय ठाकुर ने राम मंदिर का निर्माण करवाया. मंदिर परिसर में राम नवमी, काली पूजा और महा शिव रात्रि में जुटती है भारी भीड़ दिघलबैंक काली मंदिर परिसर अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए पूरे इलाके में प्रसिद्ध है. मंदिर परिसर में राम दरबार मंदिर,शिवालय और हनुमान जी की मंदिर भी अवस्थित है. जहां राम नवमी में अखंड कीर्तन का आयोजन होता है. जिले के संपन्न और धनाढ्य मंदिरों में शामिल है दिघलबैंक काली मंदिर मंदिर के पास कई एकड़ कृषि योग्य भूमि है. दिघलबैंक बाजार मंदिर के भूमि पर ही अवस्थित है. पांच एकड़ 66 डिसमिल भूमि पर दिघलबैंक बाजार बसा हुआ है. बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में निबंधित है यह मंदिर दिघलबैंक काली मंदिर का निबंधन संख्या 4658/2022 है. इसके अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी किशनगंज हैं जबकि सचिव गणेश कुमार सिंह है. जबकि न्यास समिति में अन्य कई सदस्य हैं सभी के सहयोग से मंदिर का संचालन होता है.स्थानीय प्रबुद्ध नागरिक जिलेबी साह, सिकंदर साह, बिनोद चौधरी,बलराम प्रसाद साह गिल, निर्मल केडिया, मंदिर के पुजारी सुंदर साह का सराहनीय सहयोग मंदिर संचालन में होता है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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