15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:01 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

98 लोगों को एक साथ उम्रकैद की सजा, जानिए क्यों?

Advertisement

Karnataka Court: देश के इतिहास में शायद ऐसा पहली पहली हुआ है जब अदालत ने दलितों पर अत्याचार के एक मामले में सामूहिक रूप से लोगों को उम्रकैद की सजा सुना दी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Karnataka Court: देश के इतिहास में शायद ऐसा पहली पहली हुआ है जब अदालत ने दलितों पर अत्याचार के एक मामले में सामूहिक रूप से लोगों को उम्रकैद की सजा सुना दी है. कर्नाटक राज्य के एक सेशन कोर्ट या फिर सत्र न्यायालय (Sessions Court) ने 98 लोगों को एक साथ उम्रकैद की सजा सुनाई है. साल 2014 के भेदभाव और जातिगत हिंसा (Discrimination and caste violence) के इस मामले में सेशन कोर्ट ने 3 अन्य को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई है. 10 साल पुराने यह मामला गंगावटी तालुक के माराकुंबी गांव का है, जहां पर दलितों को टारगेट करके हमला करने और उनके साथ भेदभाव का मामला सामने आया था.

- Advertisement -

इस भी पढ़ें: Weather Forecast: 120 की रफ्तार से टकराया दाना तूफान, 4 राज्यों में भयंकर बारिश का अलर्ट, स्कूल बंद, कई उड़ानें रद्द  

101 लोगों को सजा, 98 को उम्रकैद

जज चंद्रशेखर सी ने भेदभाव और जातिगत हिंसा मामले में कुल 101 लोगों को दोषी करार दिया था. इसमें से 3 को कम सजा दी गई. ऐसा इसलिए क्योंकि उन तीनों के खिलाफ एससी-एसटी ऐक्ट 1989 (SC-ST Act 1989) नहीं लगाया जा सका. दरअसल वे तीनों भी दलित समाज से ही संबंध रखते हैं. सूत्रों का कहना है कि देश में ऐसा पहली बार है जब दलितों पर अत्याचार के मामले में इतने ज्यादा लोगों को एक साथ यानी सामूहिक रूप से सजा सुनाई गई है.

इस भी पढ़ें: Lawrence Bishnoi: कौन है लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई, जिस पर 10 लाख का इनाम?

सरकारी वकील अपर्णा बुंडी ने बताया कि इस मामले में 117 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके मुकदमा चलाया गया था. 29 अगस्त 2014 को पुलिस में एक शिकायत की गई थी. इस शिकायत में दलितों पर अत्याचार और उनके घरों में आग लगा देने की जानकारी दी गई. इस हिंसा के 3 महीने बाद तक माराकुंबी गांव में पुलिस की टीम तैनात थी. कर्नाटक राज्य दलित अधिकार समिति (Karnataka State Dalit Rights Committee) ने इस, मुद्दे पर आंदोलन किया था. इसके बाद कई दिनों गंगावटी पुलिस स्टेशन (Gangavathi Police Station) को सीज कर दिया गया था. जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले की चार्जशीट में शामिल लोगों में से 16 की केस के सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई. सभी दोषियों को बल्लारी जेल में बंद किया गया है और उन सभी पर 5 हजार से लेकर 2000 का जुर्माना भी लगाया गया है.

इस भी पढ़ें: Bomb Threat: तिरुपति में कई होटलों को बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी पुलिस

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें