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दुमका दिसोम मांझी थाना के आह्वान पर रामगढ़ में जुटे लोग

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लावर्ती गांव में जमीन विवाद को लेकर बुलाई गयी मांझी परगना बैसी की बैठक

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रामगढ़. दुमका दिसोम मांझी थाना आर जाहेर थान संताल परगना नामक संस्था के आह्वान पर रामगढ़ प्रखंड की पथरिया पंचायत के लावर्ती गांव में सोमवार को दूसरी बार मांझी परगना बैसी का आयोजन किया गया. इस संस्था के प्रतिनिधि स्वयं को मांझी परगना सरकार ( नॉन ज्यूडिशियल गवर्नमेंट ) कहते हैं. पिछले दिनों प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर इन्होंने दो पक्षों के बीच में चल रहे भूमि विवाद का हल करने के लिए मांझी परगना बैसी का आयोजन किया था. इनलोगों द्वारा किए जाने वाले बैसी आयोजन में सामान्यतः लोगों को तस्वीर खींचने या वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होती है. जानकार लोग बताते हैं कि ये लोग भूमि विवाद के निर्णय के बदले में किसी एक पक्ष पर भारी आर्थिक जुर्माना भी लगते हैं. जुर्माना न भरने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति के घर में उक्त संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा ताला लगा दिया जाता है. पिछले दिनों में इस संस्था से जुड़े लोगों ने प्रखंड के धोधमा, बाबू पाटोजोरिया तथा लावर्ती में भी मांझी परगना बैसी की बैठक आयोजित की थी, जिसमें बाबू पाटोजोरिया में बैसी की बैठक लगातार दो दिनों तक चली थी. लावर्ती में भी गत सोमवार 14 अक्तूबर को इसी मामले में मांझी परगना बैसी की बैठक बुलाई गयी थी. किंतु दूसरे पक्ष द्वारा बैठक में उपस्थित न होने तथा दूसरे पक्ष की एक वृद्धा महिला की अचानक मृत्यु हो जाने के कारण बैसी की बैठक स्थगित कर दी गयी थी. बैठक को लेकर प्रशासन भी उस दिन पूरी तरह से सक्रिय था. क्या है मामला : लावर्ती के लुखीराम टुडू का अपनी चचेरी बहन सनी टुडू के बीच जमीन को लेकर विवाद है चल रहा है. सनी टुडू का पति स्वर्गीय चुड़का मुर्मू परिवार सहित अपनी ससुराल लावर्ती में घर जमाई के रूप में रहता था. उसका विवाह 1980 में ही हुआ था. किंतु सनी टुडू का चचेरा भाई लुखीराम टुडू सनी टुडू के पति को घर जमाई मानने से इनकार करते हुए सनी टुडू को उसके पिता की पैतृक जमीन नहीं देना चाहता था. इसी बात को लेकर उसके अनुरोध पर तथाकथित मांझी परगना सरकार चलाने वाली दुमका दिसोम मांझी थान आर जाहेर थान संताल परगना द्वारा मांझी परगना वैसी बुलाई गई थी. इसी संस्था तथा लुखीराम टुडू के भय से सनी टुडू तथा उसके परिजन सनी टुडु की मृत माता का अंतिम संस्कार मृत्यु के दो दिन बाद तक नहीं कर पाए थे . बाद में पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर सनी टुडू के दूसरे चचेरे भाई द्वारा सनी टुडू की मां का अंतिम संस्कार मृत्यु के तीसरे दिन गत बुधवार को किया गया था. आदर्श आचार चुनाव संहिता में बैसी की बैठक आयोजित करने पर उठे सवाल लावर्ती में आयोजित मांझी परगना बैसी की बैठक में उपस्थित ग्राम प्रधानों तथा संताल समाज के बुद्धिजीवियों ने बैसी की बैठक आयोजित करने वाली तथाकथित संस्था की मनमानी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आयोजकों से पूछा कि वे इस तरह की बैठक किस अधिकार से बुलाते हैं. जमीन विवाद का फैसला करने तथा भारी भरकम जुर्माना लगाने का अधिकार उन्हें संविधान की किस धारा के तहत प्राप्त हुआ है. बुद्धिजीवियों ने यह भी पूछा कि जमीन विवाद के हल के लिए न्यायालय तथा थाने की शरण लेने वालों को वे लोग किस अधिकार से दोषी ठहराते हैं. साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी प्रशासन की मंजूरी के बगैर वैसी की बैठक के नाम पर सैकड़ों लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करने पर भी बुद्धिजीवियों ने सवाल उठाए. बुद्धिजीवियों के इन प्रश्नों का आयोजकों के पास कोई जवाब नहीं था. इसके बाद ग्राम प्रधानों एवं बुद्धिजीवियों ने द्वितीय पक्ष की सनी टुडू तथा प्रथम पक्ष के लुखीराम टुडू के कागजातों को देखने के बाद सर्वसम्मति से सनी टुडू के पक्ष में निर्णय सुनाया. साथ ही अपने को दुमका दिसोम मांझी थाना और जाहेर थान संताल परगना नामक कथित संस्था के मांझी परगना सरकार ( नॉन ज्यूडिशियल गवर्नमेंट) का सलाहकार बताने वाले तथा मांझी परगना बैसी के आयोजक ग्राम केसाडी, पंचायत गेडिया, थाना बिंदापाथर, प्रखंड नाला, जिला जामताड़ा निवासी महादेव हेंब्रम तथा ग्राम टेसाफुली प्रखंड गोपीकांदर जिला दुमका निवासी सुखीलाल मरांडी एवं ग्राम आसनपुरा, प्रखंड अमडापाड़ा जिला पाकुड़ निवासी उसके दो सहयोगियों को पुलिस को सौंपने के लिए लावर्ती के ग्राम प्रधान दरबारी टुडू के हवाले कर दिया. वहीं, देर शाम तक लावर्ती में बैठक जारी थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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