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Jharkhand Election: बरसात में टापू बन जाता है यह गांव, जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं ग्रामीण

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गांव आज भी सड़क व पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. नदी में पुल नहीं रहने के कारण फटका पंचायत के फडिंगा, सिंड़ी व सराबुरु गांव बरसात के दिनों में टापू बन जाता है.

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Jharkhand Election, सतीश शर्मा, रांची : तोरपा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तोरपा प्रखंड के फटका पंचायत के कई गांव आज भी सड़क व पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. नदी में पुल नहीं रहने के कारण फटका पंचायत के फडिंगा, सिंड़ी व सराबुरु गांव बरसात के दिनों में टापू बन जाता है.अवगमन बंद हो जाता है. फटका से फडिंगा तथा सिंड़ी गांव जाने के लिये बनई नदी पार करना पड़ता है. नदी पर पुल नहीं है. जिसके कारण लोगों को आवागमन में काफ़ी परेशानी होती है. आवश्यक कार्य होने पर लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैँ. रोगियों व लाचार वृद्ध लोगों को टांगकर नदी पार कराना पड़ता है जी काफ़ी जोखिम भरा होता है. ग्रामीण बताते हैं कि फडिंगा में 40 परिवार तथा सिंड़ी में 12 परिवार रहते हैँ. दोनों गांव की आबादी लगभग 700 है जिनमें 500 के करीब मतदाता है. इन मतदाताओं को नदी पार कर बूथ तक आना होगा. इसके अलावा निकटवर्ती सिंहभूम जिले के कुरसे, लिलीकोटो, पोड़ेंगर आदि गांव के सैकड़ों लोग इस नदी को पार कर अवगमन करते हैँ. इसी प्रकार इसी पंचायत का साराबुरु गांव के ग्रामीणों को भी बड़ा नाला पार कर आना जाना पड़ता है. यहां लगभग 250 लोग रहते हैं. 100 के करीब मतदाता है. इस बार भी इन्हे यह नाला पार कर मतदान के लिये दुमांगदीरी बूथ तक जाना पड़ेगा.

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क्या कहते हैं ग्रामीण : फटका गांव के मसकलन बोदरा, फडिंगा स्कूल में शिक्षक हैं. वह बताते हैं कि इस नदी में गर्मी में भी तीन से चार फीट तक पानी रहता है. स्कूल जाने के दौरान प्रतिदिन नदी पार करने में कपड़ा भींग जाता है. वह बताते हैँ कि फडिंगा तथा सिंहभूम क्षेत्र से बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं इसी नदी को पार करके चूरदाग़ तथा तपकारा हाई स्कूल पढ़ने जाते हैँ. फटका के ही जोसेफ बोदरा कहते हैँ कि गांव तक चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पता है. रोगियों, गर्भवती महिलाओं को ढोकर नदी पार कराना पड़ता है.
क्या कहती है मुखिया : फटका पंचायत की मुखिया पुष्पा गुड़िया बताती है कि फडिंगा व सिंड़ी जैसी स्थिति साराबुरु गांव की भी है. उन्होंने बताया कि दोनों जगह पर पुल बनाने के लिये कई बार आवेदन दिया गया है परन्तु कार्रवाई नहीं हुई.

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