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कर्तव्यों को निभाने में राज्य सरकार विफल : राज्यपाल

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कोलकाता.

राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के अपने मूल कर्तव्यों को निभाने में विफल रही है. राज्यपाल ने कहा कि राजभवन आर जी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर पैदा हुए गतिरोध में संविधान के प्रावधानों के तहत पहले से ही हस्तक्षेप कर रहा है.

आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद जारी गतिरोध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉ बोस ने कहा कि मामले में एक पुलिस अधिकारी और एक वरिष्ठ डॉक्टर की गिरफ्तारी एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त ‘संस्थागत अपराध’ की ओर इशारा करती है.

राज्यपाल ने सीएम के ”डांडिया नृत्य” का संदर्भ देते हुए रोमन सम्राट नीरो से तुलना की : डॉ बोस ने रेड रोड पर मंगलवार के दुर्गापूजा कार्निवल में मुख्यमंत्री के ”डांडिया नृत्य” का संभवत: संदर्भ देते हुए रोमन सम्राट नीरो से उसकी तुलना की. नीरो के बारे में कहा जाता है कि ‘जब रोम जल रहा था, तो वह (नीरो) बांसुरी बजा रहा था.’

राज्यपाल ने कहा : कहा जाता है कि जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था. क्या पश्चिम बंगाल में इतिहास खुद को दोहरा रहा है? कौन नकल करने की कोशिश कर रहा है? कहा जाता है : मैं रोमन सम्राट हूं, इसलिए सबसे ऊपर हूं. क्या कोई ऐसा है, जो कहता है : मैं शासक हूं, इसलिए कानून से ऊपर हूं?

स्थिति से निबटने में सरकार हो सकती थी अधिक पारदर्शी

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार गतिरोध और चिकित्सकों की मांगों पर ध्यान न देकर कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है, डॉ बोस ने दुष्कर्म-हत्या की घटना की जारी सीबीआइ जांच का हवाला देते हुए कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि स्थिति से निबटने में सरकार अधिक पारदर्शी हो सकती थी. उन्होंने कहा : मैं जांच के इस चरण में राज्य सरकार पर कोई निर्णय नहीं दे सकता.

नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य सरकार का कर्तव्य

राज्यपाल ने राज्य में जारी गतिरोध पर कहा कि नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य सरकार, खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि यहां (पश्चिम बंगाल में) सरकार अपने मूल कर्तव्यों को निभाने में विफल रही है. इसकी जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए? यदि मुख्यमंत्री ही प्रमुख (प्रशासन की प्रमुख) हैं, तो इसका उत्तर स्वयं उनके पास ही है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कार्यालय इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, डॉ बोस ने कहा : राजभवन हस्तक्षेप कर रहा है और उसे ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि राजभवन भारत के संविधान में किये गये प्रावधानों के तहत हस्तक्षेप करता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

कोलकाता.

राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के अपने मूल कर्तव्यों को निभाने में विफल रही है. राज्यपाल ने कहा कि राजभवन आर जी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर पैदा हुए गतिरोध में संविधान के प्रावधानों के तहत पहले से ही हस्तक्षेप कर रहा है.

आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद जारी गतिरोध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉ बोस ने कहा कि मामले में एक पुलिस अधिकारी और एक वरिष्ठ डॉक्टर की गिरफ्तारी एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त ‘संस्थागत अपराध’ की ओर इशारा करती है.

राज्यपाल ने सीएम के ”डांडिया नृत्य” का संदर्भ देते हुए रोमन सम्राट नीरो से तुलना की : डॉ बोस ने रेड रोड पर मंगलवार के दुर्गापूजा कार्निवल में मुख्यमंत्री के ”डांडिया नृत्य” का संभवत: संदर्भ देते हुए रोमन सम्राट नीरो से उसकी तुलना की. नीरो के बारे में कहा जाता है कि ‘जब रोम जल रहा था, तो वह (नीरो) बांसुरी बजा रहा था.’

राज्यपाल ने कहा : कहा जाता है कि जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था. क्या पश्चिम बंगाल में इतिहास खुद को दोहरा रहा है? कौन नकल करने की कोशिश कर रहा है? कहा जाता है : मैं रोमन सम्राट हूं, इसलिए सबसे ऊपर हूं. क्या कोई ऐसा है, जो कहता है : मैं शासक हूं, इसलिए कानून से ऊपर हूं?

स्थिति से निबटने में सरकार हो सकती थी अधिक पारदर्शी

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार गतिरोध और चिकित्सकों की मांगों पर ध्यान न देकर कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है, डॉ बोस ने दुष्कर्म-हत्या की घटना की जारी सीबीआइ जांच का हवाला देते हुए कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि स्थिति से निबटने में सरकार अधिक पारदर्शी हो सकती थी. उन्होंने कहा : मैं जांच के इस चरण में राज्य सरकार पर कोई निर्णय नहीं दे सकता.

नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य सरकार का कर्तव्य

राज्यपाल ने राज्य में जारी गतिरोध पर कहा कि नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य सरकार, खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि यहां (पश्चिम बंगाल में) सरकार अपने मूल कर्तव्यों को निभाने में विफल रही है. इसकी जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए? यदि मुख्यमंत्री ही प्रमुख (प्रशासन की प्रमुख) हैं, तो इसका उत्तर स्वयं उनके पास ही है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका कार्यालय इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, डॉ बोस ने कहा : राजभवन हस्तक्षेप कर रहा है और उसे ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि राजभवन भारत के संविधान में किये गये प्रावधानों के तहत हस्तक्षेप करता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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