16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bhaum Pradosh Vrat Katha: भौम प्रदोष व्रत पर जरूर सुनें ये कथा, शिवजी के साथ हनुमान जी की भी बरसेगी कृपा

Advertisement

Bhaum Pradosh Vrat Katha: 15 अक्टूबर 2024, अर्थात आज मंगल प्रदोष व्रत का आयोजन किया जा रहा है. इस भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की भी आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने या सुनने से सभी संकट समाप्त हो जाते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bhaum Pradosh Vrat Katha: प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन व्रति दिनभर उपवास रखते हैं और संध्या समय में शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं. इसके बाद, चंद्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत व्रत का पारण किया जाता है. इस वर्ष अश्विन माह का प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा

- Advertisement -

भौम प्रदोष व्रत कथा

एक नगर में एक वृद्धा निवास करती थी. उसका एकमात्र पुत्र था. वृद्धा की हनुमानजी के प्रति गहरी श्रद्धा थी. वह हर मंगलवार को नियमित रूप से व्रत रखकर हनुमानजी की पूजा करती थी. एक बार हनुमानजी ने उसकी भक्ति की परीक्षा लेने का निर्णय लिया. हनुमानजी साधु का रूप धारण करके वृद्धा के घर पहुंचे और पुकारने लगे- क्या कोई हनुमान भक्त है, जो मेरी इच्छा पूरी कर सके? पुकार सुनकर वृद्धा बाहर आई और बोली- आपकी सेवा में हाजिर हूं, महाराज.

Bhaum Pradosh Vrat 2024: आज है भौम प्रदोष व्रत, जरूर करें ये सरल उपाय

हनुमान (साधु के रूप में) बोले- मैं भूखा हूं, मुझे भोजन चाहिए, तुम थोड़ी जमीन लीप दो. वृद्धा इस पर विचार में पड़ गई. अंततः उसने हाथ जोड़कर कहा- महाराज, लीपने और मिट्टी खोदने के अलावा आप कोई और आज्ञा दें, मैं अवश्य पूरी करूंगी. साधु ने तीन बार प्रतिज्ञा कराने के बाद कहा- अपने पुत्र को बुला. मैं उसकी पीठ पर आग जलाकर भोजन तैयार करूंगा. यह सुनकर वृद्धा चिंतित हो गई, लेकिन वह प्रतिज्ञाबद्ध थी. उसने अपने पुत्र को बुलाकर साधु के समक्ष प्रस्तुत किया.


वेशधारी साधु हनुमानजी ने वृद्धा के हाथों से उसके पुत्र को पेट के बल लिटवाया और उसकी पीठ पर अग्नि प्रज्वलित की. अग्नि जलाकर दुखी मन से वृद्धा अपने घर चली गई. इस बीच, भोजन तैयार करके साधु ने वृद्धा को बुलाया और कहा- तुम अपने पुत्र को पुकारो ताकि वह भी आकर भोग ग्रहण कर सके. इस पर वृद्धा ने कहा- उसका नाम लेकर मुझे और कष्ट न दो.

लेकिन जब साधु महाराज ने उसकी बात नहीं मानी, तो वृद्धा ने अपने पुत्र को आवाज दी. अपने पुत्र को जीवित देखकर वृद्धा को अत्यंत आश्चर्य हुआ और वह साधु के चरणों में गिर पड़ी. हनुमानजी ने अपने वास्तविक स्वरूप में प्रकट होकर वृद्धा को भक्ति का आशीर्वाद दिया.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें