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‘अफसोस मैं हिंदू बनकर चुनाव नहीं लड़ सका’, जानें क्यों अपनी जमानत जब्त कराना चाहते थे गिरिराज सिंह 

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Giriraj Singh : मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि वह हिन्दू नहीं बन सके.

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Giriraj Singh : केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बिहार बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने बड़ा दावा किया है. मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैं भी हिन्दू नहीं बन सका. मैं भी चुनाव लड़ता हूं तो जाति विशेष बहुल इलाके से लड़ता हूं. लेकिन मेरी इच्छा थी कि मैं किशनगंज से चुनाव लड़ूं. भले ही मेरी जमानत जब्त हो जाए, लेकिन, मैं हिन्दू बनकर चुनाव लड़ना चाहता हूं. बता दें कि किशनगंज बिहार का मुस्लिम बहुल जिला है यहां की आबादी में हिंदूओं की संख्या महज 32 प्रतिशत है. 

किशनगंज से चुनाव लड़ना चाहते थे गिरिराज सिंह

मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में मेरी पार्टी ने मुझसे पूछा कि आप कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो मैंने किशनगंज का नाम लिया था. लेकिन पार्टी ने मुझे वो सीट नहीं दी. मुझे वहां से पार्टी ने चुनाव लड़ाया जहां मेरी जाति के लोग ज्यादा है. उन्होंने आगे कहा कि भले ही मेरी जमानत जब्त हो जाए, लेकिन, मैं हिन्दू बनकर चुनाव लड़ना चाहता हूं. बता दें कि गिरिराज सिंह को बीजेपी ने 2014 में नवादा और 2019 और 2024 में बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया. पार्टी की इच्छा के अनुरूप गिरिराज हर बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और मोदी सरकार के तीनों ही कार्यकाल में मंत्री बने. 

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‘क्या बंगाल को बांग्लादेश और पाकिस्तान बनाना चाहती हैं ममता’

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जब वह आई थी तो कहा था मन मानुष माटी. आज वह बंगाल को बांग्लादेश और पाकिस्तान बना देना चाहती हैं. पहले ममता बनर्जी ने लोगों को वोट नहीं डालने दिया और अब दुर्गा पूजा और हिंदुओं के त्योहारों में नियम लगा रही हैं. वह यह नहीं भूले जनता उनसे एक-एक पाई का हिसाब लेगी. आप बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं. यह आदेश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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किशनगंज में है सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कटिहार ज़िले की जनसंख्या 3,071,029 है. ज़िले का जनसंख्या घनत्व 1,004 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. जनगणना के अनुसार जिले में 13.65 लाख मुस्लिम थे. वहीं, साल 2024 में मुस्लिमों की अनुमानित आबादी 16.85 लाख हो गई है. हालांकि, प्रतिशत के हिसाब से किशनगंज ज़िले में सबसे ज़्यादा मुस्लिम हैं. यहां की कुल आबादी का 67.98 फ़ीसदी हिस्सा मुस्लिमों का है. वहीं, अररिया ज़िले में मुस्लिम आबादी 43 फ़ीसदी है. पूर्णिया ज़िले में साल 2011 में मुस्लिम आबादी 23.3 फ़ीसदी थी.

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मुस्लिम मतदाता तय करते हैं राजनीतिक तस्वीर

किशनगंज जिले में किशनगंज लोकसभा सीट आती है. मुस्लिम बहुल आबादी होने की वजह से यहां पर अधिकतर पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारती हैं. यहां पर एक बार 1967 के लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार लाखन लाल कपूर को जीत मिली थी. इस सीट पर नौ बार कांग्रेस को जीत मिली है तो तीन बार आरजेडी ने भी जीत का स्वाद चखा है. भाजपा ने एक बार 1999 में शाहनवाज हुसैन के रूप में यहां से सासंद बनाया है. किशनंगज में चार विधानसभा सीटें- बहादुरगंज, किशनगंज, ठाकुरगंज और कोचाधामन सीटें आती हैं. वोटों का गणित देखते हुए विधानसभा सीटों पर भी सभी पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं. इनमें से फिलहाल दो सीटें जेडीयू के पास हैं और एक-एक सीट कांग्रेस और AIMIM (कांग्रेस विधायक के सांसद बनने के बाद) के पास है.

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