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Kal Bhairav: नवरात्रि में काल भैरव की पूजा क्यों की जाती है और उनकी मूर्ति को घर में रखना उचित क्यों नहीं

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Kal Bhairav: नवरात्रि के पावन अवसर पर काल भैरव की पूजा का महत्व जानें. इस लेख में जानिए कैसे काल भैरव की पूजा हमें संकटों से बचाती है और शक्ति प्रदान करती है. काल भैरव के साथ मां दुर्गा की पूजा के लाभ भी समझें.

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Kal Bhairav: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की पूजा का महापर्व है, जो हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान हम मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पावन अवसर पर काल भैरव की पूजा भी उतनी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है? आइए जानते हैं काल भैरव के बारे में और नवरात्रि में उनकी पूजा क्यों की जाती है.

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काल भैरव कौन हैं?

काल भैरव भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं. इन्हें समय और मृत्यु का स्वामी माना जाता है. भैरव का अर्थ होता है “डर को दूर करने वाला. ऐसा माना जाता है कि काल भैरव ने जगत के संकटों को दूर करने के लिए अपना अवतार लिया. उनकी पूजा करने से भक्तों को संकटों से मुक्ति मिलती है और मन में साहस और शक्ति का संचार होता है.

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संकटों से बचाव

काल भैरव को संकट मोचक कहा जाता है. नवरात्रि में उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के संकटों और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है. यह विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण होता है जब जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

शक्ति और साहस

देवी मां की पूजा से हमें मानसिक और आत्मिक शक्ति मिलती है, वहीं काल भैरव की पूजा से हमें भय और चिंता को दूर करने की शक्ति मिलती है. इससे हमारी आत्मविश्वास में वृद्धि होती है.

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

काल भैरव नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं. उनकी उपासना से हमारे चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनता है, जिससे हम किसी भी प्रकार की बुरी नजर और नकारात्मकता से सुरक्षित रहते हैं.

तंत्र साधना

तंत्र साधना में काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है. उनके द्वारा साधना करने से व्यक्ति की मानसिक शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है.

भूमि की रक्षा

काल भैरव को स्थानों के रक्षक देवता भी माना जाता है. उनकी पूजा से हमारे घर और आसपास का वातावरण सुरक्षित रहता है. यह विशेष रूप से तब जरूरी होता है जब किसी नए स्थान पर निवास करना हो.

मन की शांति

काल भैरव की पूजा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है. यह तनाव को दूर करने और मन को शांत करने में सहायक होता है.

सादगी से पूजा

काल भैरव की पूजा करते समय साधारण सामग्री जैसे कि नीला रंग का कपड़ा, काली मिर्च, काजू, और तिल का उपयोग करें.

निशाचर पूजा

पूजा रात में की जानी चाहिए, खासकर महा नवमी के दिन. इस दिन विशेष मंत्रों का उच्चारण करें.

धूप और दीप जलाना

पूजा करते समय धूप और दीप जलाना न भूलें. यह उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है.

भोग अर्पित करें

काल भैरव को भोग अर्पित करें, जैसे कि काले तिल और शराब. इससे उनकी कृपा प्राप्त होती है.

काल भैरव और मां दुर्गा की पूजा

नवरात्रि में काल भैरव की पूजा देवी मां दुर्गा के साथ की जाती है. ऐसा माना जाता है कि दोनों की पूजा एक-दूसरे की ऊर्जा को बढ़ाती है. देवी मां शक्ति और करुणा का प्रतीक हैं, जबकि काल भैरव सुरक्षा और साहस का. इसलिए, इनकी पूजा एक साथ करने से जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है.

काल भैरव की मूर्ति घर में क्यों नहीं रखें?

काल भैरव बहुत शक्तिशाली देवता हैं. उनकी ऊर्जा बहुत तीव्र होती है, इसलिए उनकी मूर्ति को घर में रखना उचित नहीं माना जाता. इनकी पूजा मंदिरों या खुले स्थानों पर की जानी चाहिए, ताकि उनकी ऊर्जा का सही उपयोग हो सके.

नवरात्रि में काल भैरव की पूजा क्यों की जाती है?

नवरात्रि में काल भैरव की पूजा संकटों से बचाव, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा, और डर को दूर करने के लिए की जाती है. यह पूजा भक्तों को साहस और मानसिक शांति प्रदान करती है. काल भैरव को संकट मोचक और स्थानों के रक्षक देवता भी माना जाता है.

काल भैरव की मूर्ति को घर में क्यों नहीं रखते?

काल भैरव की ऊर्जा अत्यधिक तीव्र होती है, इसलिए उनकी मूर्ति को घर में रखना उचित नहीं माना जाता. उनकी पूजा मंदिरों या खुले स्थानों पर की जाती है, ताकि उनकी शक्तिशाली ऊर्जा का सही उपयोग हो सके.

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