21.1 C
Ranchi
Tuesday, February 25, 2025 | 09:09 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bokaro News: मां चंद्रघंटा की हुई आराधना, आज पूजी जायेंगी मां कुष्मांडा

Advertisement

Bokaro News: मंत्रोच्चार से गुंजायमान हुआ चास-बोकारो, संध्या आरती में उमड़े लगे भक्त

Audio Book

ऑडियो सुनें

बोकारो, पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।। या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः। नवरात्रि के तीसरे दिन शनिवार को माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा हुई. माता के स्तवन में पूरा बोकारो-चास समेत ग्रामीण क्षेत्र भक्तिमय माहौल में दिखा. विभिन्न पूजा कमेटी की ओर से स्थापित पूजन स्थल पर होने वाली संध्या आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. मंत्रोच्चारण से पूरा शहर गुंजायमान रहा.

देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां का चंद्रघंटा रूप बेहद सौम्य व शांत है, जो सुख-समृद्धि प्रदान करती है. विधि-विधान से पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है. सुख व सामाजिक प्रभाव बढ़ता है. मां के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, इसलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.मां चंद्रघंटा का रूप अलौकिक, तेजस्वी व ममतामयी है. पूजा में शंख व घंटा के साथ पूजा कर भक्तों ने मां को प्रसन्न किया.

ऐसा है मां कुष्मांडा का स्वरूप

नवरात्रि यानी नौ दिन तक होने वाले माता के अराधना के हर दिन मां के एक स्वरूप की पूजा की जाती है. चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है. उनके आठ हाथ होने के कारण माता को अष्टभुजा देवी के रूप में भी जाना जाता है. माता के इस स्वरूप में मंद और हल्की मुस्कान है. मान्यता है कि जब सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था. चारों तरफ सिर्फ अंधकार था, तब मां कुष्मांडा ने अपनी हल्की सी मुस्कान से ही पूरे ब्रह्मांड की रचना की. मां कुष्मांडा का वाहन सिंह है. आदिशक्ति की आठ भुजा हैं. इनमें से सात हाथों में कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, कमंडल व कुछ शस्त्र जैसे धनुष, बाण, चक्र तथा गदा हैं. जबकि, आठवें हाथ में सभी सिद्धि व निधि निधियों को देने वाली जप माला है. मां कुष्मांडा की पूजा विधि-विधान पूर्वक करने से जीवन में सुख व समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है.

यह है पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें. साफ वस्त्र धारण कर माता का पूजन करें. माता कुष्मांडा के पूजन के लिए नारंगी रंग के वस्त्र पहनकर पूजन करने से विशेष फल प्राप्त होता है. माता के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें. माता का पूजन करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. घर के कल्याण की कामना करें. पूजन के बाद माता कुष्मांडा की आरती करें. पसंद का भोग अर्पित करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर