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कोसी तटबंध के भीतर हर तरफ दिख रहा तबाही का मंजर

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पीड़ितों के सामने बनी है नई जिंदगी जीने की चुनौती

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पीड़ितों के सामने बनी है नई जिंदगी जीने की चुनौती सुपौल. कोसी क्षेत्र में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद अब पानी धीरे-धीरे घटने लगा है. लेकिन इसके साथ ही तबाही की तस्वीरें और दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आने लगी है. गांव-गांव में बर्बाद हो चुकी फसलें, धराशायी घर और बंजर हो चुकी जमीनें बाढ़ की भयावहता को बयां कर रही है. जो कभी हरियाली से लहराते खेत थे. वहां अब मिट्टी का दलदल और टूटे हुए घरों के मलबे नजर आ रहे हैं. सैकड़ों परिवार अपना सबकुछ गंवा चुके हैं. लोगों के चेहरे पर बेवसी और निराशा की गहरी छाप है. बाढ़ ने न सिर्फ लोगों का घर-द्वार छीन लिया. बल्कि उनकी आजीविका का भी सवाल खड़ा कर दिया है. पानी के उतरने के बाद जो बीमारियां फैल रही है. उससे स्थिति और भयावह हो गई है. दूषित जल, खुले में रहने की मजबूरी और चिकित्सा सेवाओं की कमी के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. सरकारी राहत टीम लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों के लिए यह राहत ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. एक स्थानीय निवासी, जिनका घर पूरी तरह तबाह हो चुका है. उन्होंने अपनी पीड़ा बताते कहा कि हमारी जिंदगी भर की मेहनत पानी में बह गयी. अब न घर है, न खाने को कुछ बचा है. बस भगवान से दुआ है कि कोई चमत्कार हो जाए. कोसी की इस विनाशकारी बाढ़ ने जहां लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है. वहीं इसके बाद की पुनर्वास की चुनौती भी उतनी ही बड़ी है. लोग अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार और समाज उनका साथ देंगे. ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सके और नई जिंदगी शुरू कर सके. लेकिन फिलहाल, कोसी के गांवों में तबाही का मंजर और लोगों की बेवसी ही हर तरफ दिखाई दे रही है. राहत वितरण कार्य का डीएम ने की समीक्षा डीएम कौशल कुमार प्रखंड कार्यालय किशनपुर में बाढ़ पीड़ित लोगों को राहत सामग्री यथा सूखा राशन एवं पॉलीथिन वितरण, जीआर सूची एवं पोर्टल पर इन्ट्री की समीक्षा की. जहां डीएम ने कई निर्देश जारी किया. समीक्षा के क्रम में डीएम के साथ सदर एसडीएम इन्द्रवीर कुमार, सदर बीडीओ ज्योति गामी सहित किशनपुर एवं सरायगढ-भपटियाही प्रखंड के सीओ, बीडीओ आदि मौजूद थे. तटबंध का किया जा रहा मरम्मतिकरण कोसी नदी के ऊफनाने से मरौना प्रखंड के मंगासिहौल के समीप पश्चिमी तटबंध पर नदी के दबाव की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके मरम्मति का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. जहां बोल्डर क्रेटिंग का कार्य किया जा रहा है. बताया कि बाढ़ सुरक्षा कार्य को लेकर यह कार्य किया जा रहा है. खतरे की कोई बात नहीं है. सतत प्रक्रिया के तहत कार्य संपादित किया जा रहा है. शिविर में गूंजी किलकारी सदर प्रखंड के तेलवा पंचायत के लिए लगाये गये बाढ़ राहत शिविर में एक बाढ़ पीड़ित प्रसूता ने शनिवार को एक बच्ची को जन्म दिया. मेडिकल टीम द्वारा शिविर में ही प्रसव पीड़िता का सुरक्षित प्रसव कराया गया. शिविर में नवजात की गूंजी किलकारी से लोगों में खुशी का माहौल देखा गया. जच्चा व बच्चा स्वस्थ बताया गया.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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