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नमो नमो दुर्गे सुख करनी नमो नमो…

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आज देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की होगी पूजा

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कलश स्थापना के साथ नवरात्र हुआ प्रारंभ आज देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की होगी पूजा सहरसा कलश स्थापन और दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की आराधना के साथ नवरात्र प्रारंभ हुआ. गुरुवार के सुबह की शुरूआत बारिश से हुई, लेकिन लोग पूजा की तैयारी में जुटे रहे. बारिश के बीच हिंदू धर्मावलंबियों के घर साफ -सफाई हुई. लोगों ने घरों में कलश की स्थापना की और आस्था से भगवती दुर्गा की पूजा-अर्चना की गयी. घर व दुर्गा मंदिरों में दुर्गा सप्तशती सहित दुर्गा चालीसा का सस्वर पाठ किया गया. दुर्गा पाठ करने वालों ने दुर्गा के एक सौ आठ नाम, कवच पाठ, अर्गलाश्रोतम, कीलक पाठ के साथ तेरह अध्यायों वाले सप्तशती का पाठ आरंभ किया. शंकर चौक स्थित रामजानकी ठाकुरबाड़ी एवं महावीर चौक स्थित महावीर मंदिर में पूर्व के वर्षों की तरह इस बार भी आसपास के बच्चों ने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ शुरू किया. यहां दर्जनों बच्चों ने सुबह ग्यारह बार व शाम में सात बार चालीसा का पाठ शुरू किया है. देवी दुर्गा की आरती के बाद घर व मंदिरों में प्रसाद वितरण का दौर चला. अगले नौ दिनों तक दैनिक पूजा का यही कार्यक्रम बना रहेगा. पाठ पर बैठने वाले कई लोगों ने फलाहारी का संकल्प लिया है तो कइयों ने अरवा भोजन ग्रहण करने की ठानी है. पहली पूजा के दिन से ही पूरा वातावरण धार्मिक हो गया है. सभी ओर से धूप, अगरबत्ती, सरर, गुगुल, धूमन, कपूर के जलने से माहौल सुवासित हो रहा है. तैयारी में हुई परेशानी शहरी क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर होने वाली पूजा के लिए बने पंडालों के पास पानी के जमा हो जाने से थोड़ी-बहुत परेशानी हुई. हालांकि सभी जगह मूर्ति निर्माण का काम पूरा हो चुका है. पंडाल के बाहर मेले के लिए बन रहे काउंटर का काम भी शुरू कर दिया गया है. पूजा पंडालों में शाम के समय आरती करने वाली महिला श्रद्धालुओं की भीड् बढ़ गयी है. शुक्रवार को देवी के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी. …………………………………………………………………………….. कलश स्थापन के संग शारदीय नवरात्र का हुआ शुभारंभ महिषी मुख्यालय सहित क्षेत्र के सभी जगहों पर शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र कलश स्थापन के संग शुभारंभ हुआ. लोगों ने प्रतिपदा से नवमी तक दुर्गा के नौ स्वरूपों के पूजा उपासना का संकल्प लिया. उपासना के पहले दिन माता शैल पुत्री का आवाह्न कर पूजा अर्चना की गयी. मुख्यालय स्थित अति प्राचीन सिद्ध शक्तिपीठ उग्रतारा मंदिर में अहले सुबह से देर शाम तक श्रद्धालुओं ने शक्ति के तीनों मूल स्वरुपों महाकाली, महालक्ष्मी, व महासरस्वती के समन्वित स्वरुपों का जलाभिषेक व चरण वंदना कर अभिष्ट सिद्धि की कामना की. वशिष्ठ आश्रम पर सभी जीवों व वनस्पतियों के कल्याण की मंशा से अहर्नीश दुर्गा सप्तशती पाठ का संकल्प लिया. ज्योतिषाचार्य पंडित जवाहर पाठक की अगुआई व मार्गदर्शन में यजमान अमित कुमार चौधरी ने वैदिक रीति रिवाज़ से शांति कलश स्थापित कर व जयंती में प्राण प्रतिष्ठा दे पाठ का शुभारंभ किया. सप्तशती पाठकों के सश्वर पाठ से वातावरण भक्तिमय बना है. मंदिर परिसर स्थित साधनालाय भवन में दर्जनों ग्रामीण आवृत्ति पाठ करने में लगे हैं. इसके अतिरिक्त घोंघेपुर पंचायत के सार्वजनिक दुर्गा मंदिर पचभिंडा, बघवा पंचायत के गंडोल व अन्य पूजा स्थलों पर निर्मित भगवती दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठा दे पूजा का शुभारंभ किया गया है. ……………………………………………………………………….. भारी बारिश के बावजूद देवी पूजा का उल्लास पड़ा भारी पतरघट मौसम में हुए अचानक बदलाव के कारण क्षेत्र के सभी हिस्सों में सुबह में हुईं भारी बारिश के बावजूद देवी दुर्गा की अराधना का दस दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार को भक्तिमय माहौल में श्रद्धा भक्ति एवं उल्लास के साथ प्रारंभ हो गया. पूजा अनुष्ठान के साथ हीं देवी की प्रतिमा के निर्माण कार्य में तेजी आ गयी है. इस दौरान क्षेत्र के विशनपुर, गोलमा, कहरा, धबौली, कपसिया, पस्तपार, पामा, सुरमाहा, किशनपुर, पतरघट, भद्दी, रहुआ, ठाढी सहित सभी दुर्गा मंदिर एवं जीवछखंड में अहले सुबह से ही बारिश के बीच श्रद्धालुओं के द्वारा काफी श्रद्धा भाव के साथ पंडितों के द्वारा किए जा रहे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिरों एवं जीवछखंड में कलश स्थापित किया गया. इसके साथ ही दस दिवसीय अनुष्ठान विजयादशमी दशहरा पर्व का विधि पूर्वक शुभारंभ हो गया. पंडित हीराकांत झा चाणक्य, पंडित गुलाब झा शास्त्री, नूनुकांत झा, अमन झा सहित अन्य ने बताया कि मंदिरों में विधि पूर्वक कलश स्थापना के साथ ही प्रतिदिन विधि विधान के साथ मंदिरों तथा जीवछखंड में दुर्गा सप्तशती का सस्वर पाठ, देव कन्याओं को भोजन, सत्संग, भजन संध्या, आरती, प्रसाद वितरण का आयोजन किया जा रहा है. सभी पूजा समितियों के अध्यक्ष, सचिव सहित पूजा समितियों के सदस्यों के द्वारा सभी मंदिरों में पूजा अर्चना सहित सांस्कृतिक तथा भक्ति कार्यक्रम के लिए भव्य आयोजन किया जा रहा है. पूजा समितियों के द्वारा देवी-देवताओं की प्रतिमा के साथ-साथ मंदिरों को बेहतर तथा आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है. शहर के पंचवटी चौक स्थित मंदिर में चार दशकों से होती है पूजा नवमी को सैकड़ों छागर की दी जाती है बलि पहले कागज अब मिट्टी की बनती है मां दुर्गा की प्रतिमा सहरसा शहर के पंचवटी चौक स्थित दुर्गा मंदिर में बीते करीब चार दशकों से दुर्गा पूजा हो रही है. शहरी क्षेत्र में मात्र यह एक दुर्गा मंदिर है, जहां नवमी के दिन छाग की बलि दी जाती है. पंचवटी चौक स्थित दुर्गा मंदिर में हर वर्ष मां दुर्गा की प्रतिमा बनायी जाती है. नवरात्रा को लेकर विशेष पूजा अर्चना होती है. पंचवटी चौक पर वर्ष 1981 से पहले छोटी झोपड़ी बनाकर पूजा होती थी. बाद में धीरे-धीरे मंदिर का विकास होता चला गया. वर्ष 1990 में मंदिर का पक्का निर्माण हो गया. उसके बाद से पक्का भवन में ही दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित की जाने लगी. मंदिर निर्माण में मुख्य रूप से संस्थापक रमेश चंद्र यादव, संचालन समिति में शामिल चंद्रशेखर सिंह चमन, रामप्रकाश सिंह, अभय कुमार झा, पीयूष रंजन, कलानंद मिश्र हैं. शहर में एकमात्र पंचवटी चौक स्थित दुर्गा मंदिर की विशेषता यह है कि दुर्गा पूजा के अवसर पर नवमी के दिन बड़ी संख्या में छाग की बलि दी जाती है. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु बलि प्रदान देने के लिए यहां पहुंचते हैं. दुर्गा पूजा को लेकर यहां पांच दिनों का मेला लगता है. मेले का आनंद लेने के लिए गांवों से लोग पहुंचते हैं. मंदिर में हर वर्ष दशहरा में मां दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की जाती है. पंचवटी चौक दुर्गा मंदिर में नवरात्र के अलावा रामनवमी के मौके पर बड़ा आयोजन होता है. जिसमें मेला का आयोजन किया जाता है. मीना बाजार का आयोजन तो सालों भर लगा रहता है. रामनवमी के मौके पर कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन होता है. बताया जाता है कि 80 के दशक में कागज से बनी प्रतिमा का पूजा-पाठ किया जाता था. बाद में धीरे धीरे बदलाव होता गया. इस वर्ष भी नवरात्र को लेकर प्रतिमा निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है.

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