13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 02:23 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सदर अस्पताल के एसएनसीयू में एक दिन की नन्ही परी को मिला जीवनदान

Advertisement

लोग अब निजी अस्पताल की सुविधाओं को छोड़ सरकारी अस्पताल में मौजूद एसएनसीयू पर पूरा भरोसा कर रहे और नवजात का इलाज करा रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

एसएनसीयू, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में साबित हो रहा मील का पत्थर किशनगंज.स्वास्थ्य विभाग को लेकर लोगों में पहले नकारात्मक सोच हुआ करती थी परंतु अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मिल रही बेहतर सुविधाओं की वजह से लोगों की सोच बदली है. अब लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवा लेने में नहीं हिचक रहे हैं. केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग को लगातार बेहतर करने में लगी हुई है. बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिले इसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. उन्ही सेवाओं में से एक है सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू. एसएनसीयू सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए तो कारगर साबित हो ही रहा निजी अस्पतालों में जन्मे बच्चोँ के लिए भी जीवन रक्षक साबित हो रहा है. लोग अब निजी अस्पताल की सुविधाओं को छोड़ सरकारी अस्पताल में मौजूद एसएनसीयू पर पूरा भरोसा कर रहे और नवजात

एसएनसीयू में बची एक नन्ही परी की जान

कुछ दिन पहले ही शहरी क्षेत्र के खगड़ा मछ्मारा वार्ड संख्या 33 की एक दिन की नन्ही परी को एसएनसीयू के जरिए नया जीवन मिला है. यह मासूम जब जन्म ली तो उसका वजन महज एक किलो ही था और निजी क्लिनिक के डॉक्टरों ने परिवार को कह दिया था कि बच्ची का बचना मुमकिन नहीं है, क्योंकि इसका ऑक्सीजन लेवल और वजन काफी कम था. नाजुक हालत में बच्ची को 31 अगस्त को सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में एडमिट कराया गया. एसएनसीयू के डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास किया. 19 सितंबर को बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट गई. एसएनसीयू की नोडल डॉ नविन कुमार ने बताया कि बच्ची जन्म से ही प्रीमेच्युर से ग्रसित थी . लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी. बेहतर इलाज और पूरे स्टाफ ने भरसक प्रयास किए. जिसके कारण बच्ची की जान बचाई जा सकी. अब वह पूरी तरह स्वस्थ है. बच्ची के पिता रहीम अंसारी ने बताया की

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में साबित हो रहा मील का पत्थर

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एसएनसीयू बच्चों के इलाज के साथ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है. इस यूनिट में प्रतिमाह लगभग 50 नवजात बच्चों का इलाज हो रहा तथा उन्हें असमय काल के गाल में समाने से बचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एसएनसीयू वार्ड में 0 से 28 दिन तक के बच्चों को भर्ती किया जाता है. एसएनसीयू में 24 घंटे चिकित्सक के साथ स्टाफ नर्स तैनात रहती हैं, जो शिशु के एडमिट होने के साथ ही उनकी सेवा में तत्परता से जुट जाती . एसएनसीयू में कुल 12 बेड लगाये गए हैं. एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक सहित कुल 03 चिकित्सक, स्टाफ नर्स नियुक्त हैं. एसएनसीयू में रेडियो वॉर्मर, ऑक्सीजन की सुविधा के साथ साथ जॉन्डिस से पीड़ित बच्चों के लिए फोटो थैरेपी की सुविधा भी उपलब्ध है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें