15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 04:53 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jamshedpur News : चुआड़ विद्रोह के नायक शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज को उनके शहादत दिवस पर याद किया गया

Advertisement

Jamshedpur News : रघुनाथ सिंह भूमिज का संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है. उनके योगदान से आदिवासी समुदायों के बीच एकता और संगठन की भावना विकसित हुई. उनका जीवन और संघर्ष आज की पीढ़ी को सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jamshedpur News : साकची मेरिन ड्राइव चौक मेें बिरसा सेना समेत अन्य आदिवासी-मूलवासी सामाजिक संगठनों ने चुआड़ विद्रोह के नायक शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज को उनकी शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित किया. मेरिन ड्राइब चौक में उनके नाम से की गयी पत्थलगड़ी पर माल्यार्पण कर नमन किया गया. बिरसा सेना के अध्यक्ष दिनकर कच्छप ने कहा कि झारखंड वासियों को वीर शहीदों की जीवनी से सबक लेना चाहिए. उन्होंने अन्याय व अत्याचार के खिलाफ बिगुल फूंका. राज्य व देश के लिए अपने प्राणों तक की आहुति दी. हम सबों को उनके बताये व दिखाये राह पर चलने का संकल्प लेना चाहिए. इस अवसर पर दिनकर कच्छप, राधे सिंह भूमिज, घासीराम सिंह भूमिज, सुखदेव भूमिज, धनंजय भूमिज, सावन लुगुन समेत अन्य मौजूद थे.

- Advertisement -

चुआड़ विद्रोह का परिचय

चुआड़ विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें आदिवासी समुदायों ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष किया. इस विद्रोह में शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज का विशेष स्थान है. जिन्होंने अपने साहस और नेतृत्व से अंग्रेजी शासन को चुनौती दी.चुआड़ विद्रोह 1767 से लेकर 1833 के बीच हुआ, जिसमें मुख्य रूप से बंगाल और बिहार के जंगल महल क्षेत्र के आदिवासी किसानों ने भाग लिया. अंग्रेजों द्वारा लगाए गए अत्यधिक कर, ज़मीनों की जब्ती, और जंगलों पर अधिकार ने आदिवासियों को विद्रोह के लिए प्रेरित किया. यह विद्रोह अंग्रेजों के खिलाफ पहला संगठित आदिवासी विद्रोह माना जाता है.

रघुनाथ सिंह भूमिज का परिचय

रघुनाथ सिंह भूमिज एक वीर आदिवासी नेता थे, जिनका जन्म भूमिज समुदाय में हुआ था. भूमिज समुदाय पश्चिम बंगाल, बिहार, और ओडिशा के आदिवासी समूहों में से एक है. रघुनाथ सिंह ने चुआड़ विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व किया. उन्होंने स्थानीय समुदायों को संगठित किया और उन्हें अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया.रघुनाथ सिंह भूमिज ने आदिवासियों को संगठित कर गुरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनायी. उन्होंने जंगलों और पहाड़ी इलाकों का फायदा उठाते हुए अंग्रेजी सेना पर कई हमले किये. रघुनाथ सिंह का नेतृत्व आदिवासी जनता के बीच एक प्रेरणा स्रोत बना और उन्होंने अपनी वीरता से अंग्रेजों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की.

अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया

अंग्रेजी सरकार ने आदिवासियों पर अत्यधिक कर लगाए थे, जिससे वे आर्थिक तंगी में फंस गए थे. रघुनाथ सिंह ने इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया और ब्रिटिश शासन की नीतियों को चुनौती दी. उन्होंने अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण शासन को समाप्त करने का प्रण लिया. रघुनाथ सिंह भूमिज ने अपने जीवन की अंतिम सांस तक अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष जारी रखा. उनकी वीरता और साहस ने उन्हें अंग्रेजों का मुख्य दुश्मन बना दिया. अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने के लिए कई प्रयास किये, और अंततः उन्हें पकड़कर फांसी पर चढ़ा दिया गया. उनका बलिदान आदिवासी समुदाय के लिए स्वतंत्रता के संघर्ष में एक मील का पत्थर साबित हुआ.

समाज के लोगों को साहस व संकल्प की सीख दी

शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज का बलिदान और संघर्ष आज भी आदिवासी समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने न केवल अपने लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके बलिदान ने आने वाली पीढ़ियों को साहस और संकल्प की सीख दी. आदिवासी समुदाय उन्हें आज भी अपने नायक के रूप में मान्यता देता है. साकची में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज को सम्मानित किया गया. यह समारोह उनके बलिदान और योगदान को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था. इसमें आदिवासी नेता, इतिहासकार और स्थानीय लोग शामिल हुए. उन्होंने रघुनाथ सिंह की वीरता और स्वतंत्रता के प्रति उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की.

समाज में रघुनाथ सिंह भूमिज उनका प्रभाव

रघुनाथ सिंह भूमिज का संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है. उनके योगदान से आदिवासी समुदायों के बीच एकता और संगठन की भावना विकसित हुई. उनका जीवन और संघर्ष आज की पीढ़ी को सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है. शहीद रघुनाथ सिंह भूमिज ने चुआड़ विद्रोह में न केवल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के लिए आदिवासी समुदायों को संगठित किया. उनके बलिदान को आज भी आदिवासी समाज और भारतीय इतिहास में गर्व से याद किया जाता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें