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महंगाई ने घरों का बढ़ाया बजट, स्वाद पड़ा फीका

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त्योहारी सीजन के करीब आते ही महंगाई की मार का असर एक बार फिर लोगों की थाली में देखने को मिलने लगा है. एक ओर जहां लहसुन, प्याज सहित सब्जियों की कीमतों में उछाल ने लोगों के थाली का स्वाद फीका कर दिया है

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भभुआ सदर. त्योहारी सीजन के करीब आते ही महंगाई की मार का असर एक बार फिर लोगों की थाली में देखने को मिलने लगा है. एक ओर जहां लहसुन, प्याज सहित सब्जियों की कीमतों में उछाल ने लोगों के थाली का स्वाद फीका कर दिया है, तो वहीं रही-सही कसर दाल, तेल सहित जीरा और गोल मिर्च की कीमतों में जबर्दस्त उछाल ने पूरी कर दी है. ऐसे में लोगों की थालियों से सब्जियों के बाद दाल के साथ जीरे से होनेवाली उसकी छौंक भी गायब होने लगी है. अब इसके चलते पहले से ही आर्थिक विवशता का सामना कर रहे आम लोगों को महंगाई की अब और जबर्दस्त मार झेलनी पड़ रही है. खासकर इससे मध्यवर्गीय और कम आमदनी वाले लोगों की हालत पतली हो गयी और उनके घर के रसोई का बजट भी पूरी तरह बिगड़ने लगा है. यानी पहले जहां सात से आठ सदस्य वाले परिवारों को दूध, किचन का सामान और सब्जियों में हर माह जहां 12 हजार के आसपास खर्च होता था, वह खर्च बढ़कर अब 15 हजार या उससे अधिक पहुंच गया है. हर वस्तुओं में बढ़े महंगाई के चलते इसी तरह से तीन से चार सदस्य वालों के खर्च भी पहले की तुलना में बढ़ गया है. आटा, चावल, दूध, टमाटर, हरी मिर्च, सब्जियों से लेकर धनिया और जीरा गोलमिर्च तक महंगा हो गया है. जिस तरह सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ, उस अनुसार लोगों की आमद नहीं हो रही है, ऐसे में गरीब मध्यम वर्गीय तबके के लोगों की हालत खराब हो गयी है. क्योंकि, खाने-पीने की वस्तुओं की बढ़ी कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही है और आर्थिक परेशानी की मार झेल रहे लोगों के सिर पर महंगाई के साथ साथ कर्ज का भी बोझ बढ़ रहा है. = बाजार में मसाले के साथ महंगा हुआ आटा व चावल इधर, बरसात शुरू होते ही बाजार में खाद्य सामग्रियों की कीमत बढ़ने लगी है. शहर के चकबंदी रोड स्थित किराना दुकानदार संजय सिंह ने बताया कि बारिश और थोक दामों में की जा रही बढ़ोतरी से आज कल हर सामान के दाम लगभग बढ़े हुए हैं, जिसके चलते महंगाई बढ़ गयी और इसका बोझ आम लोगों पर पड़ने लगा है. उदाहरणस्वरूप जो कृष्णा चावल 28 रुपये प्रति किलोग्राम था, वह अब बढ़कर 36 से 38 रुपये किलोग्राम, अरवा चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 38 रुपये किलोग्राम, आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 35 से 36 रुपये किलोग्राम और चीनी 42 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 46 रुपये किलोग्राम हो गया है. जबकि, अरहर दाल 180 रुपये किलो और चने की दाल 100 रुपये प्रतिकिलो तक जा पहुंचा है. = महंगाई में रुला रही प्याज और लहसुन की कीमत घर चलाने में आ रही परेशानी के बीच कीमत में हुए बेतहाशा वृद्धि के चलते एक बार फिर से प्याज और लहसुन लोगों की रसोई से दूर होने लगा है. जिले सहित शहरों में प्याज के भाव 80 से 90 रुपये प्रति किलो और लहसुन 400 रुपये किलो तक पहुंच गया हैं. एक तो पहले से ही परेशान आम जनता को दाल तेल के साथ सब्जियों की महंगाई ने भी करारा झटका दिया है. प्याज व लहसुन के साथ अन्य सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. बाजार में स्थिति यह है कि एक-दो सब्जियों को छोड़ कर बाकी कोई भी सब्जी 40 रुपये से नीचे नहीं मिल रहीं. इससे भी आम आदमी के रसोई का बजट बिगड़ गया है और दाल में प्याज का तड़का लगाना मुश्किल हो गया है. इस बीच कई दुकानदारों ने बढ़े दामों की वजह से अपने यहां प्याज और लहसुन की बिक्री भी बंद कर दी है. = बाजार में कीमतें तय होना जरूरी दरअसल, खाद्य पदार्थ के दामों में वृद्धि के कारण आम लोगों का बजट बिगड़ जा रहा है. खासकर महंगाई के कारण मध्यम वर्ग के लोगों का हाल बेहाल है. खाद्य पदार्थ के दामों में प्रति किलो लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण जनजीवन आम लोगों का अत्यधिक प्रभावित हो रहा है. आटा, मैदा, दाल, चावल, दही आदि दैनिक जीवन में प्रतिदिन उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों पर बढ़ाये जा रहे दाम की मार से आम लोग परेशान हैं और खाद्य पदार्थ महंगी होने के कारण ज्यादा जेब ढीली हो रही है. दुकानदार बताते हैं कि दाम बढ़ने के कारण खाद्य पदार्थ की बिक्री में भी कमी आयी है. महंगाई के कारण आम लोगों के साथ दुकानदार के रोजगार पर भी असर पड़ रहा है. सरकार के दाल-रोटी पर भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है. महंगाई बढ़ जाने के कारण आम लोगों का रसोई का बजट संतुलित करने में पसीने छूट रहे है. इधर इस बढ़ी महंगाई से गृहणियां, आम लोग और व्यापारी नाराज हैं. उनका कहना था कि प्रशासन की ओर से रेगुलर जांच नहीं होने के चलते थोक व्यवसायी आये दिन किसी ना किसी खाद्य पदार्थ का दाम बढ़ा दे रहे है. इससे लोगों की तो जेबें कट ही रही है, खुदरा व्यवसायियों को भी दाम के दाम सामान बेचना पड़ रहा है, ताकि अधिक दाम वसूलने की शिकायत पर ग्राहक भड़क ना जाये. = महंगाई पर रोक लगाने की जरूरत रीना देवी- बच्चों की पढ़ाई से लेकर रसोई खर्च तक महंगा होते जा रहा है. दाल, आटा और चावल के अलावा रसोई के अन्य सामान के दामों में कई बार बढ़ोतरी हो चुकी है. यानी हर चीज के दाम बढ़ गये हैं. घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. अगर बाजार में मनमानी है तो प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देनी चाहिए. अंजली देवी- बारिश के नाम पर बाजार में सभी वस्तुओं के दाम बढ़ गये हैं. किचन का सामान, डिटर्जेंट पाउडर, हेयर आयल और क्रीम भी महंगे हो गये हैं. सब्जियां भी काफी महंगी हो गयी है और आटा, दाल, मसाला की कीमत में इजाफा हुआ है, जिसके चलते घर चलाना मुश्किल हो गया है. अवकाश कुमार- महंगाई पर शीघ्र लगाम लगानी होगी. विगत कुछ महीनों में घरेलू सामानों की कीमत में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते घर का बजट भी बिगड़ गया है. इसका असर हर महीने में होने वाले खर्च पर भी दिख रहा हैं. बनारसी सिंह – महंगाई बड़ी समस्या बनती जा रही है. सबसे अधिक परेशानी साग सब्जी और मसाला दाल की कीमत बढ़ने से हो रही है. महंगाई बढ़ने से घर का बजट बिगड़ गया है. जिला प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए बाजार में मुनाफाखोरों पर कार्रवाई करते हुए बढ़ती कीमतों पर रोक लगाना चाहिए.

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