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जमीन सर्वे: जमीन के दस्तावेज में गड़बड़ी, ऑनलाइन नहीं मिल रहे कागजात, लगान देने में परेशानी

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राज्य में जमीन सर्वे आवेदन के लिए जमीन का दस्तावेज खोजने के दौरान कई प्रकार के खुलासे हो रहे हैं. इसमें रजिस्टर टू में गैरकानूनी तरीके से छेड़छाड़ कर रैयतों के नाम में परिवर्तन करना, रजिस्टर टू के पन्ने गायब करना आदि शामिल है.

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– भू-लगान जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोलने पर वहां रैयत का विवरण नहीं मिलता

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– विभाग का कहना है कि परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से अशुद्धियों का शुद्धिकरण हो सकता है

संवाददाता, पटना राज्य में जमीन सर्वे आवेदन के लिए जमीन का दस्तावेज खोजने के दौरान कई प्रकार के खुलासे हो रहे हैं. इसमें रजिस्टर टू में गैरकानूनी तरीके से छेड़छाड़ कर रैयतों के नाम में परिवर्तन करना, रजिस्टर टू के पन्ने गायब करना आदि शामिल है. हद तो तब हो गई है जब रैयतों द्वारा जानकारी दिये जाने और इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए आवेदन के बावजूद त्वरित सुधार नहीं हो रहा. ऐसा ही एक मामला लंबे समय से एडीएम कोर्ट में चल रहा है.

यही नहीं इसके साथ ही जमीन के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन करने के दौरान भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. कहीं रैयत का नाम गलत दर्ज है तो कहीं खाता और खेसरा ही गलत दर्ज किया गया है. ऐसे में जब लोग अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाने से बचने के लिए ऑनलाइन ही जमीन का दस्तावेज खोज रहे होते हैं तो वह भी नहीं मिलता है. हालत यह है कि अधिकार अभिलेख में रैयत का नाम दर्ज होने और उस आधार पर भू-लगान जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोलने पर वहां रैयत का विवरण नहीं मिलता है. ऐसे में बड़ी संख्या में रैयत अपना भू-लगान भी नहीं दे पा रहे हैं. इससे राज्य के हर हिस्से में बड़ी संख्या में लाेग परेशान हैं.

इस बारे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से अशुद्धियों की शुद्धि करने की व्यवस्था होने का लगातार दावा किया जाता रहा है. विभागीय जानकारों का कहना है कि यदि ऑनलाइन जमीन के दस्तावेज में किसी प्रकार की गड़बड़ी या भूल दिख रही है तो इसका सुधार परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन देकर आसानी से कराया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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