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Water Pot in Puja Room: पूजा रूम में जल का कलश क्यों रखना चाहिए? जानें खास बात

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Water Pot in Puja Room: एक नियम है कि पूजा की थाली में सभी निर्धारित सामग्री होनी चाहिए, जिसका इस्तेमाल पूजा के दौरान बारी-बारी से किया जाना चाहिए. लेकिन सवाल ये है कि पूजा रूम में पानी से भरा कलश क्यों रखा जाता है.

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Water Pot in Puja Room: आपको अपने पूजा कक्ष में जल का कलश क्यों रखना चाहिए? पूजा कक्ष में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री की कोई खास वजह होती है, हर चीज का अपना एक अलग महत्व है. एक नियम है कि पूजा की थाली में सभी निर्धारित सामग्री होनी चाहिए, जिसका इस्तेमाल पूजा के दौरान बारी-बारी से किया जाना चाहिए. लेकिन सवाल ये है कि पूजा रूम में पानी से भरा कलश क्यों रखा जाता है.

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आइए देखें कि पूजा कक्ष में जल कलश का क्या उद्देश्य है


वरुण: गरुड़ घंटी में भगवान विष्णु की उपस्थिति होती है और पूजा करते समय इसका इस्तेमाल करना बेहद शुभ होता है. गरुड़ की तरह, भगवान वरुण भी जल का प्रतिनिधित्व करते हैं जो उनका निवास स्थान है. जल की पूजा की जानी चाहिए क्योंकि यह वरुण का प्रतिनिधि है और इसलिए इसे पूजा कक्ष में रखा जाता है.

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तुलसी जल: कुछ लोग सुबह, दोपहर और शाम को संध्या काल में पूजा कक्ष में संध्यावंदन प्रक्रिया के दौरान आचमन करते हैं. इसलिए वे जल कलश में कुछ तुलसी के पत्ते डालते हैं ताकि जल पवित्र हो जाए और किया गया आचमन सकारात्मक परिणाम दे. परिणामस्वरूप पूजा मंदिर भी शुद्ध हो जाता है.

पवित्रता: पूजा शुरू करने से पहले, हमें देवता और पूजा स्थल पर जल छिड़क कर पूजा मंदिर को पवित्र करना चाहिए. यही एक कारण है कि हमें पूजा कक्ष में जल का कलश रखना चाहिए.

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नैवेद्य चढ़ाए बिना हम ईश्वरीय आशीर्वाद का अनुभव नहीं कर सकते. नैवेद्य के रूप में आमतौर पर पंचामृत, फल और मिठाई चढ़ाई जाती है. नैवेद्य चढ़ाने के बाद हमें भगवान के लिए जल तैयार रखना चाहिए ताकि वे इसे पी सकें.

आरती: आरती करते समय हमें आरती की थाली में छिड़कने के लिए जल की आवश्यकता होती है. फिर चारों दिशाओं में और अपने आस-पास मौजूद हर व्यक्ति पर जल छिड़का जाता है. यही कारण है कि पूजा कक्ष में कलश में जल होना आवश्यक है.

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