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Cervical Cancer: हर 7 मिनट में एक महिला हो रही इसका शिकार, बिहार में दिया जाएगा मुफ्त टीका

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आजकल सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. हर सात मिनट में एक महिला इस बीमारी का शिकार हो रही है. यह कैंसर महिलाओं के गर्भाशय (सर्विक्स) में होता है. अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. लेकिन इस बीमारी से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाये जा सकते हैं. नियमित जांच, जागरूकता और समय पर सही कदम उठाना ही इस बीमारी से बचने का सबसे बड़ा तरीका है. विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि टीका लगवाने से हम सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित होने से बच सकते हैं. साथ ही भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और चिकित्सा खर्चों से भी बचा जा सकता है. पढ़िए पटना से आनंद तिवारी की विशेष रिपोर्ट...

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Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर का बचाव और इलाज दोनों हो सकता है, लेकिन इसके प्रति महिलाओं में जागरूकता की कमी होने से यह कई बार लाइलाज हो जाता है. पीड़ित महिलाएं जब तक डॉक्टरों के पास पहुंचती हैं, तब तक काफी देरी हो जाती है और फिर इलाज मुश्किल हो जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज टीका लगाकर इसके प्रति जागरूक रहे, तो बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. अभी मौजूदा समय में सर्वाइकल कैंसर का वैक्सीन भी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है. ऐसे में सही समय पर टीका लगवाने और इलाज कराने से इससे काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है. बता दे कि बिहार सहित पूरे भारत में हर वर्ष करीब 60 हजार से अधिक महिलाओं की मौत इस बीमारी की वजह से हो जाती है. इनमें करीब 3500 मौतें हर साल बिहार में होती हैं.

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एक अक्तूबर से सरकारी अस्पतालों में लगेगा नि:शुल्क टीका

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हाल ही में घोषणा की है कि नौ से 14 वर्ष की प्रदेश की करीब एक करोड़ बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर की आशंका से बचाने के लिए एक अक्तूबर से सरकार मुफ्त टीकाकरण करायेगी. प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में आधार कार्ड दिखाने पर एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण मुफ्त किया जायेगा. इसके साथ ही बिहार प्रदेश का पहला ऐसा राज्य हो जायेगा, जहां सरकार सभी जिलों में एचपीवी टीकाकरण करा रही है. इस पर हर वर्ष करीब 150 करोड़ का खर्च आयेगा. उन्होंने यह भी बताया कि अभी महिलाओं को होने वाले कैंसर में से 17 प्रतिशत को बच्चेदानी के मुंह यानी सर्वाइकल कैंसर होता है. नि:शुल्क टीकाकरण की शुरुआत होने से प्रदेश के ऐसे कैंसर रोगियों को मुंबई अन्य बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा.

बचाव के लिए मात्र दो खुराक की होती है जरूरत

सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती अवस्था में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन आगे बढ़ने पर अनियमित रक्तस्राव, दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. समय पर निदान और उपचार से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है 15 वर्ष से पहले टीका लगवाने पर व्यक्ति को दो खुराक की आवश्यकता होती है. जो छह महीने के अंतराल में लगाए जाते हैं. वहीं, 15 वर्ष से अधिक उम्र होने के बाद तीन टीका लगाने पड़ते हैं. पहले टीका के बाद दूसरा टीका दो महीने में और तीसरा टीका छह महीने में लगाया जाता है.

एचपीवी एक आम यौन रोग है : डॉ नीलू

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीलू यादव ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स (कोशिकाओं) को इफेक्ट करता है. सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है, यह वजाइना से ही जुड़ा होता है. कैंसर इस हिस्से के सेल्स को इफेक्‍ट करता है. सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के अलग-अलग तरह की स्ट्रेन्स की वजह से होते हैं. एचपीवी एक आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्‍से के रूप में दिखता है. फिर धीरे-धीरे यह सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देता है. इस कैंसर को आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है. ऐसे में इसकी रोकथाम बेहद जरूरी है. 21 वर्ष की उम्र से एचपीवी, सर्वाइकल कैंसर की नियमित जांच करानी चाहिए. इसके अलावा बच्चियों को 9-15 साल के बीच दो और 15 साल के बाद इस कैंसर के तीन एचपीवी का टीका दिलाने से इसका खतरा बहुत हद तक टाला जा सकता है.

कम उम्र में भी बढ़े हैं सर्वाइकल कैंसर के मामले

बुद्धा कैंसर सेंटर के निदेशक डॉ अरविंद कुमार कहते हैं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की ओर से सर्वाइकल कैंसर का टीका प्रदेश के बच्चियों को सरकारी स्तर पर लगाने की घोषणा काफी सराहनीय कदम है. इससे सर्वाइकल कैंसर काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. बीमारी पकड़ने के लिए स्क्रीनिंग भी बेहद जरूरी है. इसके बाद सर्जरी कर मरीज की बीमारी को ठीक किया जा सकता है. वहीं कम उम्र में सर्वाइकल कैंसर के मामले काफी बढ़ रहे हैं. हालांकि समय पर जांच के बाद इलाज करने से बीमारी ठीक भी हो रही है. इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर के मामलों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की भी जरूरत है. इसके लिए समय पर जांच, इलाज और एचपीवी का टीका लगाना चाहिए. मेरी गुजारिश है कि माता-पिता अपने बच्चों का समय पर टीकाकरण करवाएं और उन्हें एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य प्रदान करें. टीका लगाने से सर्वाइकल, योनि, गुदा, मुंह और गले के कैंसर से बचा जा सकता है.

  • केस 1 : दरियापुर की रहने वाली 58 वर्षीय जहाना खातून सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं. खातून ने बताया कि स्वास्थ्य में गिरावट आने के बाद परिजन उन्हें बुद्धा कैंसर लेकर गये. जहां स्क्रीनिंग कराने के बाद सर्वाइकल कैंसर बीमारी की पुष्टि हुई. सर्जरी कराने के बाद बीमारी कंट्रोल में आ रही है.
  • केस 2 : 45 वर्षीय प्रमिला देवी ने बताया कि उन्हें सर्वाइकल कैंसर है. सर्वाइकल टीके के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी. प्रमिला देवी के परिजनों ने बताया कि कैंसर केयर एंड क्योर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से स्क्रीनिंग की गई. जहां सर्वाइकल कैंसर और स्त्री एवं प्रसूति रोग की विशेषज्ञ डॉ नीलू की देखरेख में सर्जरी कर इलाज किया जा रहा है.
  • केस 3 : भागलपुर जिले की निवासी निखत रजा ने बताया कि वह सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं. हालांकि उनकी बीमारी शुरुआत स्टेज में ही पकड़ में आ गई. उन्होंने कहा कि सर्वाइकल टीके की जानकारी सभी महिलाओं व छात्राओं को होनी चाहिए. ताकि बीमारी जड़ से खत्म हो जाये.

आइजीआइएमएस एचपीवी टीका लगाने वाला बिहार का पहला अस्पताल बना

पटना सहित पूरे बिहार को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करना है. यह सपना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है. इसी के तहत 9 से 14 वर्ष की प्रदेश की करीब एक करोड़ बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर की आशंका से बचाने के लिए एक अक्टूबर से सरकार मुफ्त टीकाकरण करायेगी. इसकी तैयारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही है. यह कहना है स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का. सोमवार को शहर के आइजीआइएमएस के ऑडिटोरियम सभागार में एचपीभी सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम गुलमोहर मैत्री, एसबीआइ के सौजन्य से किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन मंगल पांडे, सीतामढ़ी से सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, निदेशक डॉ बिंदे कुमार, उपनिदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल, आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, डॉ मंजू सिन्हा व आर नटराजन ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम के दौरान 632 बच्चियों को संस्थान में सर्वाइकल से बचाव का टीका लगाया गया.

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सभी जिलों में एचपीवी का टीका उपलब्ध कराएगी सरकार

सांसद देवेश ठाकुर ने बताया कि इसके साथ ही बिहार प्रदेश का पहला ऐसा राज्य हो जायेगा, जहां सरकार सभी जिलों में एचपीवी टीकाकरण करा रही है. उन्होंने कहा कि मंगल पांडे की देखरेख में स्वास्थ्य सेवा काफी बेहतर हुई है. ग्रामीण इलाकों में भी कई स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी हुई है. संस्थान के निदेशक डॉ बिंदे कुमार आइजीआइएमएस का प्रयास है कि कम दाम पर बेहतर सुविधाएं मरीजों को मिले. आइजीआइएमएस में कैंसर बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान किया जा रहा है. डॉ मनीष मंडल ने कहा कि टीकाकरण अभियान से बिहार में सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता मिलेगी.

वहीं गुलमोहर सचिव डॉ मंजू सिन्हा कहा कि संस्था की ओर से आइजीआइएमएस एचपीवी टीका लगाने वाला बिहार का पहला अस्पताल बना गया है. उन्होंने कहा कि महिला स्वास्थ्य और कैंसर जागरूकता पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था गुलमोहर मैत्री अपने 15 वर्ष के सफर में लाखों महिला एवं पुरुषों को जागरूक किया है. कार्यक्रम के दौरान उपनिदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा, डॉ मनीष मंडल, डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, डीन डॉ ओम कुमार, डॉ संगीता पंकज, डॉ राजेश कुमार सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे.

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