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Smartphone Cause Cancer? स्मार्टफोन से ब्रेन कैंसर होता है या नहीं? WHO ने कर दिया खुलासा

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Smartphone Cause Cancer? स्मार्टफोन के इस्तेमाल से क्या सच में ब्रेन कैंसर होता है? ऐसे कई दावे आपने देखे, सुने या पढ़े होंगे. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसपर स्थिति साफ की है और बताया है कि सच क्या है. आप भी जानें-

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Smartphone Cause Cancer? विश्व स्वास्थ्य संगठन, यानी डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल क्या सच में कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि अध्ययनों की समीक्षा के अनुसार, मोबाइल फोन के उपयोग और मस्तिष्क कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है. अनुसंधानकर्ताओं के अंतरराष्ट्रीय दल ने 5,000 से अधिक अध्ययनों को लिया, जिनमें से 1994 से 2022 के बीच प्रकाशित 63 अध्ययनों को अंतिम विश्लेषण के लिए चुना गया.

बहुत तेजी से बढ़ी है टेक्नोलॉजी

ऑस्ट्रेलियन रेडिएशन प्रोटेक्शन एंड न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने पाया कि पिछले दो दशक में वायरलेस (बेतार) टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बढ़ी है, लेकिन मस्तिष्क कैंसर के मामले नहीं बढ़े हैं. इस विश्लेषण को आज तक का सर्वाधिक व्यापक और अद्यतन आकलन कहा जा रहा है, जिसका प्रकाशन ‘एनवॉयरमेंट इंटरनेशनल’ पत्रिका में किया गया है.

रेडियो तरंगों का उपयोग खतरनाक?

मई 2011 में, डब्ल्यूएचओ की एजेंसी ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ ने वायरलेस फोन के इस्तेमाल से ग्लियोमा, जो एक घातक प्रकार का मस्तिष्क कैंसर है, का जोखिम बढ़ने की आशंका के आधार पर रेडियो तरंगों के संपर्क को ‘संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसरकारी’ के रूप में वर्गीकृत किया था. मोबाइल फोन संचार के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करते हैं.

आश्वस्त करनेवाला निष्कर्ष

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार यह वर्गीकरण मानवीय अवलोकन अध्ययनों के सीमित साक्ष्यों पर आधारित रहा. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख अनुसंधानकर्ता केन कारिपिडिस ने कहा, मानव अवलोकन संबंधी अध्ययनों की यह व्यवस्थित समीक्षा आईएआरसी द्वारा जांचे गए डेटासेट की तुलना में बहुत बड़े डेटासेट पर आधारित है, जिसमें अधिक हालिया और अधिक व्यापक अध्ययन भी शामिल हैं, इसलिए हम इस निष्कर्ष पर अधिक आश्वस्त हो सकते हैं कि वायरलैस प्रौद्योगिकी से निकलने वाली रेडियो तरंगों के संपर्क में आने से मानव स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है.

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