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अब हाइकोर्ट ने जांच अधिकारी को किया तलब

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पंचायत के बोर्ड गठन से पहले पुलिस ने माकपा उम्मीदवार को किया था अरेस्ट

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कोलकाता. पूर्व मेदिनीपुर की शीतलपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पद के माकपा उम्मीदवार को पुलिस ने बोर्ड गठन से एक रात पहले गिरफ्तार कर लिया था, जिसके खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी को बोर्ड गठन के दिन की वीडियो फुटेज के साथ तलब किया है. जांच अधिकारी को अगले बुधवार को फुटेज के साथ उपस्थित होने को कहा गया है क्या है मामला : गौरतलब है कि पूर्व मेदिनीपुर की शीतलपुर ग्राम पंचायत के माकपा उम्मीदवार को 11 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें एक पुराने मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 12 अगस्त को पंचायत बोर्ड के गठन के दिन, तृणमूल के विजेता उम्मीदवार को पंचायत प्रधान के रूप में चुना गया. गौरतलब है कि शीतलपुर ग्राम पंचायत में कुल 23 सीटें हैं, जिसमें 12 सीटों पर विपक्षी माकपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जबकि 11 सीटों पर तृणमूल के उम्मीदवार जीते हैं. बताया गया है कि उक्त ग्राम पंचायत का प्रधान पद ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षित है. परिणामस्वरूप, माकपा के अब्दुल जब्बार ने ओबीसी के रूप में पंचायत प्रमुख के लिए दावा किया था. लेकिन, बोर्ड गठन से एक रात पहले पुलिस ने उन्हें एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया और ओबीसी वर्ग से तृणमूल के विजयी सदस्य को पंचायत प्रधान बना दिया गया. हालांकि, माकपा सदस्य को बाद में पुलिस ने रिहा कर दिया. इसके बाद माकपा नेता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ के समक्ष मामला दायर किया. उस मामले में, न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने पंचायत प्रमुख का नये सिरे से चुनाव का आदेश दिया. उस फैसले के खिलाफ तृणमूल के 11 सदस्यों ने खंडपीठ में मामला दायर किया. न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कांत की खंडपीठ ने जांच अधिकारी को बोर्ड गठन और माकपा उम्मीदवार की केस डायरी के साथ अगले बुधवार को उपस्थित होने का आदेश दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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