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What is Cloud Storage: कितना सुरक्षित है क्लाउड स्टोरेज, जिसे लेकर Jio ने बढ़ा दी Apple और Google की टेंशन

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What is Cloud Storage How Safe It Is? रिलायंस जियो ने अपने यूजर्स के लिए 100GB फ्री क्लाउड स्टोरेज ऑफर कर Google , Apple और Microsoft जैसी दिग्गज टेक कंपनियों की टेंशन बढ़ा दी है. क्या होता है क्लाउड स्टोरेज और कितना सुरक्षित है यह? आइए जानें-

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What is Cloud Storage: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी के 47वें Reliance AGM 2024 में AI और क्लाउड सर्विसेज को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की हैं. RIL के इस सालाना इवेंट में JIO ने AI Cloud सर्विस की घोषणा कर Google , Apple और Microsoft जैसी दिग्गज टेक कंपनियों की टेंशन बढ़ा दी है. जियो ने अपनी AI Cloud सर्विस में यूजर्स को 100GB क्लाउड स्टोरेज फ्री में ऑफर किया है.

क्लाउड पर डेटा की सरक्षा का जियो ने किया वादा

जियो की तरफ से अपने एआई क्लाउड के बारे में दावा किया गया है कि उसके क्लाउड स्टोरेज में स्टोर की गई डिजिटल कंटेंट पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. इसमें यूजर्स अपने फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट्स आदि को आसानी और इत्मीनान से स्टोर कर सकते हैं. ऐसे में आपको यह जानना चाहिए कि क्लाउड स्टोरेज आखिर होता क्या है, जिसके लिए कंपनियां अपने यूजर्स को पैसे चार्ज करती हैं. साथ ही, यह भी जान लेना आवश्यक है कि आपने अपना जो डेटा क्लाउड पर स्टोर किया है, वह कितना सुरक्षित है.

क्लाउड स्टोरेज क्या होता है?

हम जब अपना डेटा स्मार्टफोन, कंप्यूटर, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क इत्यादि फिजिकल डिवाइस में स्टोर करते हैं, तो उसे हम डिजिटल मीडियम कहते हैं और जब हम उसी तरह के डेटा को दूसरी कंपनियों के सर्वर ऑनलाइन स्टोर करते हैं, तो वह क्लाउड स्टोरेज कहलाता है. इसे ऑनलाइन बैकअप, क्लाउड बैकअप, ऑनलाइन डेटा स्टोरेज, फाइल होस्टिंग सर्विस इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है. उदहारण के लिए गूगल ड्राइव, ऐपल की आईक्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट का वन ड्राइव, आदि. क्लाउड स्टोरेज में हम अपना डेटा या डाॅक्यूमेंट को दूसरी कंपनियों के सर्वर पर ऑनलाइन स्टोर करते हैं. भविष्य में हम कभी भी किसी भी फाइल को ऑनलाइन डाउनलोड या अपलोड करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, और कोई भी आपकी अनुमति के बिना आपके डेटा को देख या इस्तेमाल नहीं कर सकता है. क्लाउड स्टोरेज सर्विस को वेब ब्राउजर या इन कंपनियों की ऐप्लीकेशन के से इस्तेमाल किया जा सकता है.

किन फाइल फॉर्मैट्स को सपोर्ट करता है क्लाउड?

क्लाउड स्टोरेज आमतौर पर सभी साइज के फाइल फॉर्मैट सपोर्ट करता है. ऐसे आप अपने सारे जरूरी कंटेंट, जैसे- फोटो, वीडियो, गाने, फिल्में और डॉक्यूमेंट सहित कई तरह के फाइल्स अपलोड कर सकते हैं. क्लाउड स्टोरेज सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां कुछ फ्री अकाउंट भी ऑफर करती हैं. इसमें कितना डेटा स्टोर किया जा सकता है, इसकी लिमिट सभी जगह अलग-अलग होती है. किसी में 5GB तो किसी में 50GB और उससे भी ज्यादा की लिमिट होती है. अगर ज्यादा स्टोरेज चाहिए, तो इन कंपनियों का प्लान खरीदना होगा. जितनी ज्यादा स्टोरेज की साइज, उतनी ज्यादा फी.

क्लाउड स्टोरेज कैसे काम करता है?

क्लाउड स्टोरेज को इस्तेमाल करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है. जिस कंपनी के सर्वर पर डेटा स्टोर करना चाहते हैं, उसकी वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाना होता है, तब अपना डेटा ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं. क्लाउड स्टोरेज में कई डेटा सर्वर होते हैं और यूजर इनसे इंटरनेट के जरिये जुड़ा होता है. ये डेटा सेंटर पूरी दुनिया में कहीं भी हो सकते हैं, और इसकी जानकारी केवल सर्विस प्रोवाइडर को होती है. यूजर इंटरनेट पर डेटा को सर्वर पर मैन्युअली या ऑटोमैटिकली अपलोड कर सकते हैं. इसके बाद क्लाउड स्टोरेज सर्विस प्रोवाइडर उस डेटा को कई अलग-अलग सर्वर्स पर अपलोड कर देते हैं. यह इसलिए किया जाता है क्योंकि अगर एक सर्वर या किसी एक डेटा सेंटर में कोई प्रॉब्लम आ जाए तो यूजर का डेटा दूसरे सर्वर पर सुरक्षित रहे. डेटा स्टोर होने के बाद उसे वेब ब्राउजर या ऐप्लीकेशन के जरिये ऐक्सेस किया जा सकता है.

क्लाउड स्टोरेज कितना सुरक्षित?

ज्यादातर क्लाउड स्टोरेज सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां यूजर का डेटा सुरक्षित रखने के लिए क्लाउड सिस्टम ऑथेंटिकेशन प्रॉसेस और डेटा एन्क्रिप्शन का पर काम करती हैं. इससे लॉग-इन करने के लिए सिक्योरिटी कोड और पासवर्ड दोनों की ही जरूरत होती है. इसका फज्ञयदा यह होता है कि यूजर की परमिशन के बिना कोई उनके उकाउंट तक कोई ऐक्सेस नहीं पा सकता है और डेटा को चोरी होने से बचाया जा सकता है. क्लाउड स्टोरेज कंपनियां यूजर का अकाउंट सुरक्षित रखने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करती हैं, ताकि किसी को अगर पासवर्ड पता भी चल जाए तो यूजर के अकाउंट को लॉग-इन करने के लिए उसे एक और कोड की जरूरत होगी. आमतौर पर यह यूजर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, ई-मेल या कनेक्टेड डिवाइस पर ही भेजा जाता है. क्लाउड पर यूजर का डेटा अलग-अलग सर्वर पर ऑनलाइन स्टोर रहता है. ऐसे में अगर कोई समस्या अगर आ जाती है तो कंपनी की सपोर्ट टीम से कांटैक्ट किया जा सकता है.

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