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अभिषेक बनर्जी ने फिर दोहरायी दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून बनाने की मांग

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राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने फिर केंद्र सरकार से दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून बनाने की मांग की है.

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संवाददाता, कोलकाता

तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर बुधवार को यहां मेयो रोड स्थित रैली को संबोधित करते हुए सांसद व सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने फिर केंद्र सरकार से दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून बनाने की मांग की है. साथ ही यह अल्टीमेटम दिया कि यदि केंद्र सरकार चार महीनों में दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ त्वरित सुनवाई और सजा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाने में विफल रहती है, तो तृणमूल की ओर से नयी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. वह खुद इस प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. बनर्जी ने उक्त कानून को लेकर विपक्ष के सांसदों को लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश करने का भी आह्वान किया है.

श्री बनर्जी ने कहा : हमारी एकमात्र मांग दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून बनाया जाना है. यदि केंद्र सरकार दुष्कर्म के आरोपों में दोषी लोगों की समयबद्ध सुनवाई और सजा सुनिश्चित करने के लिए नया कानून नहीं बनाती है, तो तृणमूल सड़कों पर उतरेगी. अगर केंद्र सरकार यह कानून नहीं बनाती है, तो मैं नये कानून के लिए एक निजी विधेयक पेश करने के पक्ष में हूं. तृणमूल भी दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय और त्वरित सुनवाई और सजा की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार एक दिन में लॉकडाउन या नोटबंदी लागू कर सकती है, तो वे दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून क्यों नहीं बना सकते.

भाजपा पर बोला हमला : सांसद बनर्जी ने इस दिन भाजपा पर हमला करते हुए कहा : भाजपा के नेता आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं. पिछले 10 वर्षों में महिला सुरक्षा में सबसे खराब राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र हैं. इन सभी प्रदेशों में भाजपा व ‘डबल इंजन’ की सरकारें हैं. पहले आप (भाजपा) इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा मांगे. उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए, जिनके राज्य में महिलाओं पर अत्याचार की कई घटनाएं हुई हैं. क्या हमें महिला सुरक्षा के बारे में भाजपा से सीखना चाहिए? पश्चिम बंगाल की वह राज्य है, जहां पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गयीं. बंगाल में तृणमूल के 29 सांसदों में से महिला सांसदों की संख्या 11 है. उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तृणमूल छात्र परिषद नेतृत्व से आग्रह करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य के कॉलेजों में अगले छात्र निकाय चुनावों में 55 प्रतिशत सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हों.

सीबीआइ जांच पर कसा तंज

आरजी कर अस्पताल में हुई घटना पर श्री बनर्जी पर सीबीआइ जांच पर भी तंज कसा है. उन्होंने कहा : आरजी कर घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर कोलकाता पुलिस एक निश्चित अवधि के भीतर जांच पूरी नहीं कर पाती है, तो मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंप दी जायेगी. लेकिन 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मामला सौंपे जाने के बावजूद केंद्रीय जांच एजेंसी ने अभी तक तफ्तीश पूरी नहीं कर पायी है. बनर्जी का आरोप है कि सीबीआइ वर्ष 2004 में कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के नोबेल पदक की चोरी मामले समेत राज्य में पहले की जांच में अपराधियों को सजा दिलाने में विफल रही. उन्होंने पूछा कि सीबीआइ आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पायी है, जबकि उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं. बनर्जी ने केंद्रीय जाच एजेंसियों द्वारा तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा : राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी करीब दो साल से जेल में हैं. वह हमारी पार्टी के प्रदेश महासचिव थे. क्या न्याय मिल पाया है? तृणमूल पार्टी स्तर पर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दुष्कर्म विरोधी सख्त कानून की मांग करेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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