कोलकाता. भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आइसीएआइ) अपने छात्रों और सदस्यों के पेशेवर विकास के लिए कृत्रिम मेघा (एआइ) से लाभ उठाने की योजना बना रहा है. संस्थान के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आइसीएआइ ने एक समिति ”आइसीएआइ में एआइ” का गठन किया है. समिति यह पता लगायेगी कि एआइ से लाभ कैसे उठाया जा सकता है और संस्थान के संचालन में इसका उपयोग करने के लिए एक मसौदा भी तैयार करेगी. अधिकारी ने कहा कि सदस्यों और छात्रों के लिए जुलाई 2024 में इसी तरह का ”आइसीएआइ सीए जीपीटी” पेश किया गया था. श्री अग्रवाल ने कहा कि आइसीएआइ कराधान, बैंकिंग, बीमा और वित्त से संबंधित अन्य क्षेत्रों की मूल बातों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए एक पहल लेकर आया है. इसके अलावा, संस्थान पंचायतों और नगर निकायों के लेखाकारों के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी संचालित कर रहा है. इस अवसर पर, आइसीएआइ के अध्यक्ष सीए संजीव सांघी ने कहा : हम इस वर्ष के सम्मेलन में इतनी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति देखकर काफी रोमांचित और उत्साहित हैं. सदस्यों और उद्योग के नेताओं के बीच जुड़ाव और बातचीत हमारे क्षेत्र में प्रगति और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ काम करने के महत्व को रेखांकित करती है. गौरतलब है कि द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) की पूर्वी भारत क्षेत्रीय परिषद (इआइआरसी) ने 49वें क्षेत्रीय सम्मेलन के तहत दो दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम का आयोजित किया. विश्व बांग्ला मेला प्रांगण (पूर्व में मिलन मेला) में आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य सहयोग, सहकारिता और समन्वय को बढ़ावा देना और पेशेवरों, उद्योग विशेषज्ञों के साथ बाजार के लीडरों को एकजुट करना है. इस दो दिवसीय सम्मेलन में 3500 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया.
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