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आदिवासी नहीं हुए जागरूक, तो पहाड़िया की तरह हो जायेंगे विलुप्त: कुमार विनोद

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सामाजिक कार्यकर्ता कुमार विनोद ने कहा कि झारखंड के निर्माण के लिए सबसे बड़ा योगदान व बलिदान देने वाला आदिवासी समाज आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

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मारगोमुंडा. जिला नागरिक मंच और भ्रष्टाचार विरोधी मंच ने प्रखंड क्षेत्र के पंदनियां पंचायत स्थित तेतरिया स्कूल में बैठक की. मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता कुमार विनोद ने कहा कि झारखंड के निर्माण के 24 वर्ष गुजर रहे हैं, लेकिन वह आदिवासी समाज जिसने अलग राज्य के लिए सबसे बड़ा योगदान और बलिदान दिया, आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. आदिवासी समाज का विकास नहीं, बल्कि विनाश हो रहा है, क्योंकि जल, जंगल और जमीन के मुख्य आधार को बालू और पत्थर माफियाओं के जरिये नष्ट किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप आदिवासी समुदाय प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने को मजबूर हो गया है. उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद उच्च पदों पर बैठे लोग करोड़पति बन गये हैं, जबकि आदिवासी युवा रोज़ी-रोटी की तलाश में बंगाल, बिहार, दिल्ली, गुजरात और मुंबई की सड़कों पर भटकने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों में मांझी परगना को मानदेय मिल रहा है, लेकिन देवघर जिले का मांझी परगना इस लाभ से वंचित है. सभी राजनीतिक दल 24 वर्षों से आदिवासी उत्थान की केवल बातें कर रहे हैं. उन्होंने आदिवासियों को चेताया कि यदि समय रहते जागरूक नहीं हुए, तो उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा और वे एक दिन पहाड़िया जाति की तरह विलुप्त हो सकते हैं. मौके पर विपिन हांसदा, वकील सोरेन, हरिशन मुर्मू, यमुना दास, माधव मरांडी, महेंद्र टुडू, सोनाराम टुडू, सहदेव टुडू आदि मौजूद थे.

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