24.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 06:34 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन को मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया विभीषण, हेमंत सोरेन सरकार तोड़ने का लगाया आरोप

Advertisement

Jharkhand Politics: झारखंड के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को विभीषण बताया है. उन्होंने कहा कि जब भी झारखंड का इतिहास लिखा जाएगा, चंपाई सोरेन का नाम विभीषण के रूप में दर्ज किया जाएगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand Politics: जमशेदपुर-झारखंड के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि झारखंड का इतिहास जब भी लिखा जायेगा, चंपाई सोरेन का नाम विभीषण के रूप में दर्ज होगा. जिस पार्टी और माटी ने उनको सब कुछ दिया, उसको ठुकराकर अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर वे सरकार को तोड़ने का काम कर रहे थे, लेकिन समय रहते जब चीजें सामने आ गईं तो सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने हकीकत बयां की है. वे अब पछतावा कर रहे हैं और मुंह छिपा रहे हैं.

- Advertisement -

झामुमो की सरकार जब-जब बनी, चंपाई सोरेन बनाए गए मंत्री


मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने एक साधारण व्यक्ति को जमशेदपुर से निकाल कर पहचान दी. उनको मान सम्मान दिया, हर संभव मदद किया, पार्टी में अपने बाद का ओहदा दिया. जब-जब जेएमएम की सरकार बनी उसमें मंत्री बनाया. सांसद का टिकट दिया. हर निर्णय का सम्मान किया, लेकिन उसके बदले चंपाई दा ने राज्य को मौकापरस्ती के दलदल में झोंकना चाहा.

खुद को मुख्यमंत्री बनाने की बात चंपाई दा को बुरी नहीं लगी


बन्ना गुप्ता ने कहा है कि हमारे नेता हेमंत सोरेन जब जेल जाने लगे तो उन्होंने सभी सत्ता पक्ष के विधायकों से चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही तो हम सभी ने हेमंत सोरेन की बात मानी. जब खुद को मुख्यमंत्री बनने की बात थी तो वो निर्णय चंपाई दा को बुरा नहीं लगा. प्रोटोकॉल के खिलाफ नहीं लगा, तानाशाही नहीं लगा?

सीएम रहते नेतृत्व में तानाशाही महसूस नहीं हुआ था?


बन्ना गुप्ता कहते हैं कि जब हमारे नेता जेल से छुटकर आ रहे थे तो चंपाई सोरेन कैबिनेट की बैठक में व्यस्त थे, जबकि इतिहास गवाह है कि जब वनवास के बाद प्रभु श्रीराम वापस आये तो भरत ने उनका स्वागत कर उनसे राज सिंहासन पर बैठने का आग्रह किया था. मगर चंपाई दा तो अकेले निर्णय लेने में व्यस्त थे, उस समय तो कांग्रेस समेत झामुमो के मंत्रिमंडल के साथियों ने भी कैबिनेट में बात उठाई थी. हर विभाग में उनका हस्तक्षेप था. हर मंत्रालय में वे खुद निर्णय लेने लगे थे. तब उनको नेतृत्व में तानाशाही महसूस नहीं हुआ था क्या? दूसरे को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले और झूठा सहानुभूति इकट्ठा करने के चक्कर में चंपाई दा अपने कुकर्मों को भूल गए हैं शायद.

बीजेपी नेतृत्व को खुश करने में लगे थे चंपाई दादा

बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब पार्टी और गठबंधन बुरे दौर से गुजर रहा था तो वे भाजपा नेताओं से अपनी सेटिंग बैठा रहे थे. जब हमारे नेता जेल में थे तो केंद्र सरकार की कानून बदलने वाली योजना को हर अखबार के प्रमुख पन्नों में अपनी फोटो के साथ छपा कर कौन सा गठबंधन धर्म निभा रहे थे? जबकि INDIA गठबंधन देश में इसका विरोध कर रहा था, लेकिन चंपाई दादा भाजपा से अपना पीआर बढ़ाने में लगे थे. भाजपा नेतृत्व को खुश करने में लगे हुए थे.

अनुकंपा पर मिली कुर्सी को समझने लगे अधिकार


चम्पाई दादा, 2019 का चुनाव आपके चेहरे पर नहीं बल्कि हेमंत बाबू के चेहरे पर लड़ा गया था और ये जनादेश हेमंत बाबू और गुरुजी को मिला था, लेकिन अनुकंपा के आधार पर मिली कुर्सी को आप अधिकार समझने लगे थे. सच तो ये है कि आप सत्ता के लोभी हैं और कुर्सी के भी. तभी तो जब-जब झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो आपने मंत्रीपद मांगा. आपको मिला भी. आपने सांसद का टिकट मांगा आपको मिला, पार्टी में भी बड़ा सम्मान मिला, लेकिन आपको सम्मान पचा नहीं.

आप सत्तालोभी, बसंत सोरेन ने दी कुर्बानी


बन्ना गुप्ता ने कहा कि सच तो ये ही कि जिस दिन हेमंत बाबू जेल से बाहर आये थे, आपको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था और नंगे पैर चलकर हेमंत बाबू को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था, लेकिन आप तो अंतिम समय में भी ट्रांसफर-पोस्टिंग में लगे थे. असल में आपको अनुकंपा पर मिली कुर्सी अपनी लगने लगी थी और कुर्सी का लगाव और मोह नहीं छूट पा रहा था. जब हेमंत बाबू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो एक मुख्यमंत्री बनने के बाद भी आप मंत्री पद मांगने की जिद करने लगे, जबकि यदि आपको कुर्सी का मोह नहीं होता तो कई सीनियर नेता थे. कोल्हान में रामदास सोरेन थे, दशरथ गगराई थे, कई लोग थे जिसे आप अपना मंत्रीपद दे सकते थे लेकिन आप तो मंत्री बनने के लिए नाराज तक हो गए थे, लेकिन यदि किसी ने कुर्बानी दी तो वे थे बसंत सोरेन क्योंकि उनके शरीर में गुरुजी का खून है.

इमोशनल कार्ड खेलना चाहते हैं आप

बन्ना गुप्ता कहते हैं कि आज जब भाजपा में आपकी दाल नहीं गली, बाबूलाल मरांडी आपके जॉइनिंग का विरोध कर रहे हैं तो आप लगे हरिश्चन्द्र बनने. ऑप्शन चुनने, आपके पास एक ही ऑप्शन था जो आपने गंवा दिया, वो था मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गद्दी सौंपना और झामुमो को मजबूत करना लेकिन अफसोस कि रातोंरात आपने तो अपने घर और गांव से झामुमो का झंडा उतारकर गायब करवा दिया. लोबिन दादा को मनाने के बजाय उकसा कर गलत बयानबाजी करवा दी. मीडिया मैंनेजमेंट के बहाने झामुमो के मजबूत और समर्पित विधायकों का नाम उछलवा दिया कि वे आपके साथ हैं. हद तो तब हो गई जब कोलकाता होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट में आप कहने लगे हम जहां हैं, वही हैं. मतलब जेएमएम में हैं. सरकार के साथ हैं, लेकिन जब भाजपा नेतृत्व ने आपको ठुकरा दिया तो सोशल मीडिया पर चलवा दिया इमोशनल कार्ड वाला बयान?

झामुमो का ही नहीं, गठबंधन का है मामला

बन्ना गुप्ता ने कहा कि सच बोलूं तो ये आपका और झामुमो का मामला है, लेकिन ये सरकार का भी मामला है. गठबंधन का मामला है. नैतिकता का मामला है. झारखंड की जनता से जुड़ा मामला है. इसलिए मैं आपको कहना चाहता हूं कि भ्रम में मत रहिये. झारखंड की जनता आपको समझ सकती है. जान चुकी है. आप संन्यास नहीं लेंगे क्योंकि सत्तालोभी हैं. पार्टी या सरकार का विधायक नहीं तोड़ सकते क्योंकि सभी मजबूती से गुरुजी और हेमंत बाबू के साथ खड़े हैं और तीसरा ऑप्शन नए साथी की तलाश तो यदि भाजपा आपको साथ लेती भी है तो बहुत उदाहरण हैं जिसने पार्टी या सरकार के साथ गद्दारी की उसका क्या हुआ?

Also Read: Jharkhand Politics: झारखंड में बढ़ी सियासी तपिश के बीच पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का छलका दर्द, बोले-झामुमो में मेरा अपमान हुआ

Also Read: Jharkhand Politics: पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बीजेपी ज्वाइन करने पर झारखंड की सियासत पर क्या पड़ेगा असर?

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें