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बिहार के थानेश्वर मंदिर की अनोखी परंपरा, आखिरी सोमवारी को यजमान बनकर थानाध्यक्ष करते हैं पूजा

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बक्सर के नावानगर थाना परिसर स्थित थानेश्वर मंदिर में अंतिम सोमवारी पर विशेष पूजा का आयोजन किया गय. इस दौरान थानाध्यक्ष नंदू कुमार और उनकी पत्नी ने यजमान की भूमिका निभाते हुए पूजा संपन्न कराई.

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बिहार के बक्सर जिले के नवानगर में भगवान शिव का एक मंदिर स्थित है, जिसका नाम थानेश्वर मंदिर हैं. यहां सावन की आखिरी सोमवारी पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. खास बात यह है कि इस पूजा में नवानगर थाने के थाना प्रभारी यजमान के रूप में पूजा-अर्चना करते हैं. इसी परंपरा को जीवंत रखते हुए इस साल भी आखिरी सोमवारी पर थाना प्रभारी नंदू कुमार और उनकी पत्नी चंद्रावती कुमारी ने यजमान के रूप में पूजा-अर्चना की. यहां पुलिस द्वारा पूजा-अर्चना की यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है.

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1920 में हुई थी मंदिर की स्थापना

बताया जाता है कि थानेश्वर मंदिर की स्थापना 1920 में तत्कालीन थाना प्रभारी ने की थी. तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि सावन के आखिरी सोमवार को थाना प्रभारी और उनकी पत्नी यजमान बनकर पूजा-अर्चना करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मंदिर पहुंचते हैं. शाम को मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण के लिए विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है.

पूजा से प्रसाद वितरण तक पुलिसकर्मी उठाते हैं सभी जिम्मेदारी

वैसे तो पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है, लेकिन जिले में पुलिस की भूमिका यहीं तक सीमित नहीं है. खास तौर पर सावन के महीने में पुलिस अपने पारंपरिक धार्मिक कर्तव्यों का भी निर्वहन करती है. सावन की आखिरी सोमवारी को नावानगर के थानेश्वर मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. जिसमें थाना प्रभारी अपनी पत्नी के साथ यजमान बनते हैं और पूजा-अर्चना और प्रसाद वितरण की पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस खुद उठाती है. यह परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है.

इस पूजा से पूरे वर्ष बनी रहती है भोलेबाबा की कृपा

थानेश्वर मंदिर के पंडित रंगवासी पांडेय बताते हैं कि अंतिम सोमवारी पर पुलिस द्वारा मुख्य यजमान की भूमिका निभाने की यह परंपरा वर्ष 1920 से चली आ रही है. पुलिस कर्मियों में मान्यता है कि इस पूजा से बाबा भोलेनाथ की कृपा पूरे वर्ष पुलिसकर्मियों पर बनी रहती है. आज रंगवासी पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धूमधाम से सोमवारी की पूजा संपन्न कराई.

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ये रहे मौजूद

अंतिम सोमवारी को थानेश्वर मंदिर में स्थापित मां काली भगवती, भगवान शिव, हनुमान की पूजा बड़े ही धूमधाम से की गई. जहां मुख्य रूप से मृत्युंजय सिंह, राजू सिंह, पंकज सिंह सहित नावानगर भटौली रूपसागर बुधैला जीतवाडीह अतमी एवं आसपास के ग्रामीण उपस्थित थे.

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