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Sooraj Barjatya :ऊंचाई फिल्म का निर्देशन नहीं करना चाहते थे सूरज..सलमान खान थे वजह

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sooraj barjatya ने फिल्म ऊंचाई के लिए बेस्ट डायरेक्टर का नेशनल अवार्ड राजश्री प्रोडक्शन और अपने परिवार के बुजुर्गों को समर्पित किया.

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sooraj barjatya ने 70 वें राष्टीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार अपने नाम कर लिया है.उन्हें यह पुरस्कार उनकी फिल्म ऊंचाई के लिए मिला है.अमिताभ बच्चन ,डैनी ,अनुपम खेर ,बोमन ईरानी,अनुपम खेर,सारिका,नीना गुप्ता और परिणीति चोपड़ा इस फिल्म का चेहरा हैं.सूरज बड़जात्या इस खुशी को कृतज्ञता से भरी करार देते हैं.

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हम आपके हैं कौन की याद आ गयी

2022 के दौरान देश ने सिनेमा में जो सर्वश्रेष्ठ फिल्में देखी हैं. उनमें से एक मेरी फिल्म ऊंचाई है. इस बात से मैं अभिभूत हूं.यह मुझे 30 साल पीछे ले जाता है, जब हम आपके हैं कौन ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. उस समय एक युवा निर्देशक के रूप में मुझे जो उत्साह और खुशी महसूस हुई, वह पागलपन भरी थी, लेकिन आज, जब मुझे फिल्म ऊंचाई के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, तो कृतज्ञता की भावना है. यह ख़ुशी आंतरिक ज्यादा है. एक निर्देशक के तौर पर पिछले 35 साल से मेरा काम कहानियां सुनाते रहना रहा है और अभी मेरा काम पूरा नहीं हुआ है, अभी और भी बहुत कुछ आना बाकी है.उम्मीद है कि दर्शक आगे भी मेरी कहानियों से ऐसे ही जुड़ेंगे.


नेशनल अवार्ड हर इंडस्ट्री को जोड़ता है 

नेशनल अवार्ड की सबसे खास बात यह है कि यह हर इंडस्ट्री को एक दूसरे से जोड़ता है. साउथ की भाषाओं से लेकर बांग्ला और उड़िया सभी को एकजुट करते हैं क्योंकि हर भाषा में बनी फिल्मों का उत्सव हैं. सच कहूं इस पहलू की वजह से  सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतना मुझे सम्मानित महसूस कराने के साथ – साथ विनम्र बने रहने के लिए भी प्रेरित करता है.एक शब्द में कहूं तो मुझे लगता है कि मैं आज सचमुच  एवरेस्ट पर चढ़ गया हूं। वैसे यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है बल्कि फिल्म में मेरे सभी वरिष्ठ अभिनेताओं और तकनीशियनों की मेरी पूरी टीम का है. उन्होंने महामारी के उस बुरे दौर में  मेरे साथ अनसुनी और रियल लोकेशन पर शूटिंग की।


यह अवार्ड राजश्री प्रोडक्शन और परिवार के सभी बुजुर्गों को है समर्पित

 उंचाई मेरे कैरियर की बेहद खास फिल्म थी क्योंकि यह हमारे प्रोडक्शन हाउस राजश्री के 75वें साल में बनी थी।यह माइलस्टोन हमारे लिए बेहद खास  था और उससे नेशनल अवार्ड का जुड़ जाना हमारे लिए और खास बना गया है. मैं इस पुरस्कार को राजश्री प्रोडक्शन और अपने परिवार के सभी बुजुर्गों को समर्पित करना चाहता हूं, जिनके तहत हम सीखते रहते हैं, ऐसी कहानियां सुनाते हैं जो प्रेरणादायक है.जिसमें खुशी है और जो हमें एक-दूसरे और अच्छाई की शक्ति पर भरोसा करने में मदद करती हैं। मुझे लगता है कि हर दौर की यह सबसे बड़ी जरुरत है.


ऊंचाई को शुरुआत में मैं निर्देशित करने वाला नहीं था 

२०१६ में मेरे ऑफिस के इसी रूम में एक राइटर कहानी लेकर आए थे ,जिसका शीर्षक था मौत. जब उन्होंने मुझे कहानी सुनाई, तो मुझे लगा कि ये तो ज़िन्दगी है.ये लोग इसे मौत क्यों बोल रहे हैं. कहानी जब सुनी थी तो एवेरेस्ट का बेस कैम्प क्या होता है.  मुझे तो ये भी पता नहीं था। कहानी पारिवारिक है लेकिन ये मेरे स्टाइल का सिनेमा है ही नहीं, क्यूंकि यह पूरी तरह से आउटडोर पर शूट वाली फिल्म थी. मैं ढूंढ रहा था अलग – अलग डायरेक्टर्स को,जो ये फिल्म बना सके. उस वक्त मैं सलमान भाई के साथ वाली फिल्म के लिए कहानी लिखने में बिजी था.इसी बीच पेंडेमिक आ गया. उस दौरान पता नहीं मुझे क्या हो गया.  मुझे लगा कि मुझे वो बनाना हैं , जो मेरे दिल से है. मुझे यह कहानी याद आयी कि चलो इस पर बनाते हैं क्योंकि यह उम्मीद और हौंसले की कहानी है।

बच्चन सर को यह डायलॉग पसंद आया था 

जैसे कहानी मिली और मालूम पड़ा कि यह हौंसले की कहानी है.उसी वक़्त तय हो गया कि मुझे इस फ़िल्म के लिए बच्चन सर चाहिए.मैंने सबसे पहले उन्हें ही स्क्रिप्ट भेजी.2020 में वह पूरी तरह से केबीसी में बिजी थे,जब मैंने उन्हें अप्रोच किया था.उन्होंने आधे घंटे का ज़ूम टाइम दिया.मैंने बहुत तैयारी की थी,उन्हें स्ट्रक्चर सुनाने के लिए.उन्होंने कहानी सुनी और कहा कि सूरज मुझे तुम्हारी फ़िल्म का ये डायलॉग बहुत अच्छा लगा कि हम सबके अंदर हमारा एवरेस्ट है. जिसके जरिए हम जीवन की हर ऊंचाई को पार कर सकते हैं. उन्होंने पूछा और कौन – कौन हमारे साथ कास्ट में रहेगा और हां कह दिया.


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