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दिसंबर तक बन जायेगी इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क, बिहार के सात जिलों की होगी सीधी कनेक्टिविटी

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Indo-Nepal border road: इस सड़क का निर्माण पूरा हो जाने से कई दशकों से उपेक्षित बार्डर लाइन के आसपास बसे गांव में सामाजिक आर्थिक विकास की शुरुआत के साथ में सीमावर्ती इलाकों में यातायात की सुविधा भी बेहतर होगी.

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Indo-Nepal border road: पटना. राज्य में इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क के करीब 375 किमी हिस्से का निर्माण करीब 2300 करोड़ रुपये की लागत से दिसंबर 2024 में पूरा होने की संभावना है. इससे पहले करीब 178 किमी लंबाई में निर्माण हो चुका है. ऐसे में इस पूरी सड़क का निर्माण पूरा होने पर राज्य में करीब 552 किमी लंबाई में आवागमन शुरू हो सकेगा. इससे सात जिला के लोगों को सीधी कनेक्टिविटी मिल सकेगी. इसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. इसमें 121 पुल पुलिया का निर्माण होना था जिसमें से 119 पूरे हो चुके हैं. 2 निर्माणाधीन पुल अंतिम रूप में हैं.

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सीमा क्षेत्र में विकास के अवसर खुलेंगे

इस सड़क का निर्माण पूरा हो जाने से कई दशकों से उपेक्षित बार्डर लाइन के आसपास बसे गांव में सामाजिक आर्थिक विकास की शुरुआत के साथ में सीमावर्ती इलाकों में यातायात की सुविधा भी बेहतर होगी. इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच बेहतर सड़क संपर्क स्थापित होगा. यह सड़क बिहार और नेपाल लगभग 729 किलोमीटर सीमा साझा करते हैं, जिसमें से 552 किलोमीटर सीमा सड़क द्वारा कवर की जा रही है. इसके निर्माण से यातायात के साधन सुगम होंगे.

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कितनी लंबी होगी सड़क

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क का निर्माण उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में करीब 1372 किमी लंबाई में होना है. इसमें से भारत में 552 किमी लंबाई में इसका निर्माण 2010 में शुरू हुआ, लेकिन जमीन अधिग्रहण सहित अन्य तकनीकी पेच की वजह से इसका निर्माण पूरा होने में विलंब हुआ. अब सभी तीन राज्यों में इस सड़क के बन जाने से नेपाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल पहुंचने में कम समय लगेगा. इतना ही नहीं इसके निर्माण से सीमा से तस्करी पर लगाम लगेगी. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय अपराध पर भी शिकंजा कसा जा सकेगा.

क्या होगा रूट

पश्चिम चंपारण में मदनपुर से शुरू होकर पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सीतामढ़ी के बैरगनियां, सोनवर्षा होते हुए मधुबनी जिले के जयनगर, सुपौल में बीरपुर, अररिया में सकटी होते हुए किशनगंज के गलगलिया तक जायेगी.

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