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पशुपालक कर रहे दियारा क्षेत्र से पलायन

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किऊल नदी, हरुहर के अलावा गंगा का पानी दियारा क्षेत्र के सड़क पर आ चुका है.

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लखीसराय. जिले के दियारा क्षेत्र में गंगा नदी उफान पर आ चुका है. किऊल नदी, हरुहर के अलावा गंगा का पानी दियारा क्षेत्र के सड़क पर आ चुका है. जिससे कि वहां के पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालक घोड़े पर लादकर एवं पैदल चलकर बाढ़ के पानी में घुसकर चारा काट कर ला रहे हैं. हालांकि बाहर के पानी में किसानों का चारा टूट चुका है, लेकिन मक्का एवं नरकटिया का पौधा बड़ा होने के कारण अभी वह पूरी तरह से नहीं डूबा है. पशुपालक द्वारा पानी में प्रवेश कर पशुओं के लिए चारा काट लाते हैं.

किसानों के नकद फसल सोयाबीन व मिर्च की खेती हुई बर्बाद

दियारा क्षेत्र में किसानों के नकद फसल सोयाबीन एवं मिर्च की खेती बाढ़ के पानी में बर्बाद हो चुकी है. किसानों को सालों भर रोजी रोटी की पूर्ति होती है. सोयाबीन की खेती दियारा क्षेत्र में काफी महंगी मानी जाती है. सोयाबीन का बीज दो से तीन प्रति किलो किसानों को मिल पाता है. इसके अलावे सोयाबीन की खेती के लिए इसे तैयार करने में भी तीन हजार तक लागत आ जाता है. इस तरह किसानों को 10 हजार प्रति एकड़ सोयाबीन की खेती में लागत आती है. सोयाबीन का खेत डूब जाने के कारण किसान सड़क पर आ चुके हैं. उनके सामने अब कोई निदान नहीं लग रहा है. दोबारा सोयाबीन की खेती का समय निकल जाने के कारण अब सोयाबीन की खेती किया भी नहीं जा सकता है. वहीं मिर्च का बिचड़ा गिराया गया था. जिसे किसान बचाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं. किसान बाढ़ के पानी से पूरी तरह तंग और तबाह हो रहे हैं.

कृषि विभाग से आकस्मिक फसल के बीज व मुआवजे की मांग करेंगे किसान

बाढ़ के पानी में किसानों का फसल डूब जाने के बाद किसानों के द्वारा अब मुआवजा एवं आकस्मिक फसल के बीज की मांग की जायेगी. इस संबंध में प्रगतिशील किसान शिव पार्वती नंदन उर्फ बमबम बाबू ने बताया कि दियारा क्षेत्र के किसानों का फसल बर्बाद हो जाने से किसान पूरी तरह से सड़क पर आ चुके हैं. किसान अब कृषि विभाग से आकस्मिक फसल एवं मुआवजा की मांग करेंगे.

बोले अधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि बाढ़ का आकलन कर किसानों के फसल बर्बाद की सर्वेक्षण कराकर उन्हें आकस्मिक फसल देने के लिए विभाग को पत्र लिखा जायेगा. उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देशन अनुसार किसानों को सहूलियत दी जायेगी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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