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1,10,305 कांवरियों ने फौजदारीनाथ को किया जलार्पण

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श्रावणी मेला के 19वें दिन नागपंचमी को बासुकिनाथ में उमड़ा भक्तों का सैलाब, लगे जयकारे

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बासुकिनाथ. श्रावणी मेले के 19वें दिन नाग पंचमी को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गयी. दो बजे रात को मंदिर का कपाट खोल दिया गया. नागपंचमी पर मंदिर प्रांगण में शिवलोक जैसा नजारा दिखा. तीन बजे भोर से मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1,10,390 लाख कांवरियों ने अरघा व गर्भगृह में जल डालकर फौजदारीनाथ से सुख-समृद्धि की कामना की. भक्तों ने दूध-लावा चढ़ाया. श्रावण मास में नागपंचमी त्योहार का विशेष महत्व है. यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजता रहा. महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा को अरघा से जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया. कांवरियों की श्रद्धा व भक्ति देखते ही बन रही थी. तीन बजे भोर से ही मंदिर में भक्तों का जो तांता चला. शम तक जलार्पण जारी रहा. संध्या पूजा में कुछ देर के लिए विराम हुआ. फिर जलार्पण अनवरत चल रहा है. वहीं नाग पंचमी के अवसर पर दानीनाथ मंदिर, पांडवेश्वरनाथ मंदिर, नीमानाथ मंदिर, बाबा दुखियानाथ आदि तमाम शिवालयों में भी श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ की पूजा की. नाग पंचमी के पावन पर्व पर भक्तों ने नाग भगवान की विशेष पूजा अर्चना की. कांवरिया कतारबद्ध होकर कर रहे हैं जलार्पण सावन के पवित्र मास में कांवरिया कतारबद्ध होकर जलार्पण कर रहे हैं. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्प्लेक्स व शिवगंगा पींड़ तक सिमटी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 10,200 महिला पुरुष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. शिवभक्तों ने एलइडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइपलाइन द्वारा गंगाजल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. काउंटर पर वैसे कांवरिया जलार्पण करते हैं, जो कांवरिया शेड में कतारबद्ध नहीं होना चाहते. 15,03,729 रुपये की हुई आमदनी मंदिर न्यास पर्षद को विभिन्न स्रोतों से 15,03,729 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर गर्भगृह गोलक से 1,05,280 रुपये नकद प्राप्त हुए. अन्य स्रोतों से 16,949 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर गर्भगृह गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया. 4605 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत शुक्रवार को 4605 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास परिषद को 13 लाख 81 हजार 500 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. बिहार समस्तीपुर से पहुंचे कुछ कांवरियों ने कटाया हुआ. टोकन अपने पुरोहित को यह कहकर वापस कर दिया कि अरघा में पैसे देकर जल नहीं डालूंगा. जलार्पण काउंटर पर ही बिना पैसे का जलार्पण कर दूंगा. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर अधिकांश कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की. नाग पंचमी पर नागदेव की पूजा करने से संकट होते हैं दूर नाग पंचमी पर शिव की पूजा का महत्व बढ़ गया है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि मान्यता है कि विधि-विधान के अनुसार भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा की जाये. व्रत रखा जाये तो सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. शिवभक्त का सुखी वैवाहिक जीवन बीतता है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि शिव जी के साथ ही आज नाग देवता की भी पूजा हो रही है. नाग पंचमी पर नाग देव की पूजा करने से संकट दूर होते हैं. भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण होती है. शिव मंदिरों में भोलेनाथ के साथ नाग देवता के विशेष रूप से पूजा-अर्चना की गयी. इससे शिव जी प्रसन्न होकर सदा अपनी कृपा दृष्टि अपने भक्त पर बनाए रखते हैं. कोलकाता की कांवरिया मंडली ने भव्य आरती बासुकिनाथ. फौजदारी दरबार में शुक्रवार को कोलकाता के कांवरिया मंडली ने मंदिर परिसर में भव्य आरती की. भोलेनाथ के भक्ति में नाचते गाते आरती का परिक्रमा कर गीत गाये. भक्त रामचंद्र अग्रवाल, विनय कुमार, मनीष कुमार आदि ने बताया कि 12 वर्षों से सावन में बासुकिनाथ बाबा का जलार्पण के लिए आते रहे हैं. उतरवाहिनी गंगा से जल भरने के बाद पहले बाबा बैद्यनाथ की पूजा की. इसके बाद बासुकिनाथ बाबा के पास पहुंचे हैं. भोलेनाथ से अर्जी लगाने कोलकाता से भक्तों की मंडली पहुंची है.

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