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कायमनगर-वीरमपुर सड़क पर जमा है बारिश और नाली का पानी, स्थिति नारकीय

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गंदगी और बदबू के बीच रहने को विवश हैं लोग, बीमारी का डर

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कोईलवर

. कोईलवर प्रखंड को बड़हरा प्रखंड से जोड़नेवाले कायमनगर-वीरमपुर-केशोपुर पथ पर कई जगहों पर पानी जमा है, जिससे स्थिति नारकीय हो गयी है. पहले से सड़क पर गिर रहे नाली के पानी में बरसात के बाद हुए जलजमाव के बाद इस सड़क की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है. यह सड़क जलजमाव के कारण तीन महीने के लिए अघोषित रूप से बंद हो गयी है. जो भी राहगीर इस सड़क से आवागमन कर रहे हैं वे अपनी जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं. जलजमाव की वजह से उक्त पथ पर मटियारा गांव के समीप दो सौ मीटर तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई है, जिससे इस सड़क पर तीन से चार फुट नाली का पानी युक्त बारिश का पानी जमा है. ग्रामीण सुबोध यादव ने बताया कि यह परेशानी एक दिन की नहीं है. कायमनगर-मटियारा-बीरमपुर पथ पर सालों ऐसी ही स्थिति रहती है. बारिश के दिनों में स्थिति नारकीय और भयावह हो जाती है. इस सड़क पर इतना पानी जमा रहता है कि कोई भी वाहन उसमें फंस जाता है. इस वजह से दर्जनों गांवों के लोगों का आना-जाना बंद हो जाता है. बड़हरा और कोईलवर के सीमाई इलाके के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग इन मुख्य सड़कों के होते हुए भी लंबी दूरी तय कर दूसरे रास्ते से बड़हरा या कोईलवर तक आते-जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या विगत 10 वर्षों से है, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस पर नहीं है. सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्य, मुखिया समेत सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन जलजमाव से छुटकारा के लिए कोई निदान अबतक नहीं निकल सका. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से स्थिति हुई खराब : ग्रामीणों ने बताया कि पहले बारिश और नाली का पानी निकल कर बधार और खेतों के रास्ते कायमनगर नदी में जाकर गिरता था. जिस रास्ते से पानी बहता था, अब उस सरकारी जमीन पर आधा दर्जन लोगों ने कच्चा-पक्का मकान बना लिया है. वहीं, सड़क से पश्चिम में कब्रिस्तान है. गांव के लोगों की सहमति से लगभग पांच फुट जमीन पानी निकासी के लिए छोड़ा गया था. जिस पर भी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, जो सड़क के पानी निकासी नहीं होने का एक प्रमुख कारण भी है. सड़क के पूरब में भी एक गड्ढा है, जो अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है. लोगों ने यह भी बताया कि कायमनगर-मटियारा-बीरमपुर सड़क पर जिस जगह पानी जमा है, वहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. जलजमाव के कारण उक्त विद्यालय में लगभग तीन महीने तक छात्रों की उपस्थिति काफी कम हो जाती है. क्योंकि कोई भी अभिभावक छोटे बच्चों के जान को जोखिम में डाल कर पढ़ने नहीं भेजते हैं. ग्रामीण विमल यादव ने बताया कि बारिश के दिनों यह सड़क झील के रूप में तब्दील हो जाती है, जिस पर जलकुंभी तैरते रहता है. ज्यादा दिन तक गंदा पानी जमा हो जाने से काफी बदबू निकलने लगता है. बदबू और गंदगी की वजह से बरसात के मौसम में रोग का खतरा बना रहता है.

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