21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:31 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में नीलगाय का मांस खाकर बाघ यहां अब अगला शिकार ढूंढ रहा, महिलाओं ने देखा तो खेत से भागीं…

Advertisement

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मैनाटांड़ प्रखंड में एक बाघ पिछले कुछ दिनों से कई गांवों के लोगों के लिए दहशत का विषय बना हुआ है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Tiger News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मैनाटांड़ प्रखंड में इन दिनों एक बाघ दहशत का विषय बना हुआ है. मैनाटांड़ प्रखंड के पुरैनिया और लिपनी गांव के बाद अब बाघ करताहा नदी होते हुए चनपटिया प्रखंड की ओर चला गया है. उसके पंजे के निशान को देखकर अब बाघ को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है. चिंता की बात यह है कि बाघ अब भी जंगल की ओर नहीं गया है बल्कि वह रिहायशी इलाकों की तरफ ही घूम रहा है.

- Advertisement -

बाघ अब रिहायशी इलाकों की तरफ नदी होते हुए जा रहा

मंगुराहा वन रेंजर सुनील पाठक ने बताया कि बाघ के पग मार्ग को ट्रेस करते हुए यह क्लीयर हुआ है कि बाघ करताहा नदी के किनारे किनारे होते हुए चनपटिया ब्लॉक की तरफ गया है. उन्होंने बताया कि वन विभाग के लिए बाघ को ट्रेस करना एक मुश्किल काम हो गया है. नदी के तट पर पेड़ पौधे झाड़ी होने के कारण वन कर्मियों को परेशानी हो रही है. बाघ जंगल की ओर रुख नहीं कर वापस रिहायशी इलाकों की तरफ नदी होते हुए जा रहा है. हालांकि 20 वन कर्मियों की टीम बाघ के पीछे लगाई गयी है. बाघ की एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग का प्रयास है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया जाये.

ALSO READ: ‘हम बच गए पापा, झटका लगा और फोन हाथ से गिर गया..’ बिहार के 6 दोस्तों ने गोंडा ट्रेन हादसे की बतायी कहानी

लिपनी गांव पहुंचा तो जान बचाकर भागीं महिलाएं

बता दें कि पुरैनिया के कौड़ेना नदी के तट पर गन्ने के खेत में तीन दिन तक बाघ रहा और उसके बाद उसने अपना ठिकाना बदल दिया है. मंगलवार की शाम को कौड़ेना नदी होते हुए बाघ पुरैनिया के बगल के गांव लिपनी पहुंच गया था. शाम को लिपनी गांव से दक्षिण मंदिर के पास घास काटने गयी महिलाओं ने जब बाघ को देखा तो हो हल्ला करते हुए भागते पड़ते गांव में पहुंचीं. लिपनी की उर्मिला देवी, विंध्यवासिनी देवी, बबिता देवी, निक्की कुमारी आदि महिलाएं मंदिर के बगल में घास काटने गयी थी, तभी गन्ने के खेत से हुंकार भरते हुए बाघ को निकलते देखा. महिलाएं अपनी जान बचाकर गांव आयीं.

भैंस और गायों को हटवाया गया, लोगों को किया गया अलर्ट

सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम लिपनी गांव स्थित मंदिर के पास पहुंचा. वहां पहुंचते ही वन कर्मियों ने मंदिर के पास बंधे भैंस और गायों को पशुपालकों से कहकर वहां से हटवाया. साथ ही लोगों को उधर नहीं आने की सख्त हिदायत दीं. उधर मंगुराहा वन रेंजर सुनील पाठक ने बताया कि बाघ मृत नीलगाय के सतर प्रतिशत मांस खाने के बाद अपना ठिकाना बदल लिया है.

नीलगाय को मारकर मांस खाने रोज खेत से निकलता था बाघ

रेंजर ने बताया कि बाघ ने पहले नीलगाय को मारा था और उसका अधिकतर मांस खा लिया गया था. वह रोज-रोज बाघ गन्ने के खेत से निकलकर मृत नीलगाय को खींचकर स्थान बदलते रह रहा था. उम्मीद भी थी एक दो दिन में नीलगाय का पूरा मांस खाने के बाद ही बाघ संतुष्ट होकर जंगल की ओर रूख कर लेगा. बाघ को कोई डिस्टर्ब नहीं करें, बाघ कहीं आक्रमक न हो जाये. इसको लेकर 24 घंटे वन विभाग के द्वारा निगरानी की जा रही है. बाघ के जंगल की ओर लौटने तक वन विभाग अलर्ट मोड में है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें