15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 09:05 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Rice Bowl: बिहार के कौन से जिले को धान का कटोरा कहा जाता है, जानें

Advertisement

Rice Bowl: बिहार अपने इतिहास,संस्कृति,और विविधता के लिए तो जाना ही जाता है साथ में कृषि प्रधान में भी अलग पैठ बनाये हुए है. इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की बिहार का धान का कटोरा किसे कहा जाता है और क्यों.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Rice Bowl: रोहतास के पश्चिमी जिले को आम तौर पर बिहार का “चावल का कटोरा” कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है रहा है जहां चावल की प्रचुर मात्रा में खेती होती है. और इसका एक लंबा इतिहास भी रहा है, जिसने बिहार में फलते-फूलते चावल उद्योग के केंद्र का खिताब दिलाया है. इस लेख माध्यम से हम जानेंगे क्यों इसे धान का कटोरा कहा जाता है और क्या है इसके पीछे कारण.

- Advertisement -

Rice Bowl: अत्यधिक मात्रा में होती है उत्पादन

रोहतास जिला अपनी शानदार चावल की खेती के लिए इसलिए जाना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी और धान की खेती के लिए उसके अनुरूप मौसम इसे इस मुख्य फसल के लिए आदर्श जगह बनती है. जिले में चावल की खेती हर साल अत्यधिक मात्रा में हो इसके लिए किसान अपनी फसल की देखभाल और उसकी सुरक्षा सावधानीपूर्वक करते हैं जिससे की पैदावार बढ़िया हो और अपना खिताब भी अपने पास हो.

जिले का चावल व्यापर और इसका प्रसंस्करण

क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में चावल उत्पादन का परिणाम यह हुआ की रोहतास जिला अपने आप में एक मजबूत चावल का प्रसंस्करण व्यवसाय के रूप में उभरा है. जिससे की जिले में लगभग 40 चावल मिलें हैं, जिनमें बड़ी और छोटी दोनों शामिल हैं, और वे सभी कच्चे धान को पॉलिश कर के, बाजार में खाने के लिए उपयोगी चावल के रूप में बदलते हैं, खाने उपयोग बनाने के लिए ये प्रक्रिया आवश्यक भी हैं. चूँकि रोहतास के चावल का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली और कोलकाता के मुख्य बाजारों में भी बेचा जाता है, इसलिए रोहतास जिले ने अपने आप आप में एक कृषि अर्थवयवस्था के रूप में भी खड़ा किया है, जिससे की राज्य की अर्थवयवस्था में भी सहयोग करता है.

अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 24
चावल का कटोरा: जानिए बिहार के किस जिले को कहा जाता है

धान का कटोरा बनने के लिए किस प्रकार की है इसकी सिंचाई और बुनियादी व्यवस्था

रोहतास जिले की चावल की खेती की सफलता का श्रेय अगर मुख्य रूप से दी जाये तो जिले की अच्छी तरह से विकसित सिंचाई व्यस्था को दिया जा सकता है. नहरों का एक जगह से दूसरे जगह तक फैला हुआ और जुड़ा हुआ इस क्षेत्र को सिंचाई के लिए आसान बनाता है जिससे के लिए धान के खेतों को विश्वसनीय जल आपूर्ति प्रदान हो पाता है और फसल की निरंतर पैदावार सुनिश्चित करता है. इसके अतिरिक्त, जिले का आवा गमन परिवहन व्यस्था भी, जिसमें सड़कों और रेलवे का एक नेटवर्क शामिल है, जिससे की बिहार के भीतर और बाहर दोनों ही बाजारों में कृषि वस्तुओं की पूर्ति सही समय पर हो पाती है.

वर्तमान की समस्या और क्या है अवसर

वैसे तो रोहतास को लंबे समय से बिहार का चावल का कटोरा माना जाता है, लेकिन फिलहाल इस जिले को अपनी खूब सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कटाई की प्रक्रिया के दौरान चावल के भूसे को जलाना एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चिंता है, जिससे की वायु प्रदूषण होती है. हालाँकि, इस कृषि अपशिष्ट के लिए वैकल्पिक उपयोगों की खोज करने के प्रयास चल रहे हैं.

पढ़ें: Rivers and their Tributaries

Rice Bowl: रोहतास जिले को बिहार के चावल के कटोरे के रूप में जाना जाता है, यह इस क्षेत्र की कृषि क्षमता और इसके किसानों की मेहनत का सबूत है।.रोहतास जिले ने अपने प्राकृतिक संसाधनों, बुनियादी ढांचे और प्रसंस्करण क्षमताओं के उपयोग के माध्यम से, रोहतास बिहार की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. भविष्य में आने वाली समस्यायों के बावजूद भी रोहतास जिला चावल उत्पादन के लिए राज्य के केंद्र के रूप में अपनी जगह बनाये रखने के लिए अग्रसर है और लगातार मेहनत भी कर रहा है.

यह भी पढ़ें: Bharat Ratna Award Winners की सूची रट लें, bpsc, ssc और jpsc में पूछा जा सकता है सवाल

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें