27.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 03:25 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

hindustani 2 movie review नाम बड़े दर्शन छोटे

Advertisement

हिंदुस्तानी का सीक्वल २८ सालों बाद सिनेमाघरों में दस्तक दे चुका है.क्या यह सीक्वल फिल्म कल्ट क्लासिक फिल्म के नाम के साथ न्याय कर पायी है.जानते हैं इस रिव्यु में.

Audio Book

ऑडियो सुनें

फिल्म – hindustani 2  

- Advertisement -

निर्देशक – एस शंकर

कलाकार – कमल हासन,सिद्धार्थ ,रकुल प्रीत, गुलशन ग्रोवर ,पीयूष, जाकिर हुसैन और अन्य

प्लेटफार्म – सिनेमाघर 

रेटिंग – दो 

हॉलीवुड एक्टर टॉम क्रूज ने अपनी कल्ट क्लासिक फिल्म टॉप गन के पीट मिशेल के किरदार को लगभग ३५ सालों बाद फिल्म टॉप गन मेवरिक में फिर से निभाकर यादगार बना दिया था. भारत में 1996 में रिलीज हुई कल्ट विजिलेंट फिल्म हिंदुस्तानी के सीक्वल की घोषणा हुई,तो लगा कि २८ सालों बाद कमल हासन और उनकी टीम भी वही कारनामा परदे दोहराएगी. निर्देशन की बागडोर भी पिछली फिल्म की तरह इस बार भी एस शंकर के हाथों में ही थी. फिल्म में महंगे सेट्स और टेक्नोलॉजी का जमकर इस्तेमाल हुआ है,लेकिन सशक्त कहानी फिल्म से जोड़ना मेकर्स भूल गए हैं. कुलमिलाकर कमजोर कहानी और स्क्रीनप्ले ने हिंदुस्तानी 2 को पूरी तरह से बोझिल अनुभव बना दिया है.फिल्म की कहानी जवान ,अपरिचित सहित कई फिल्मों की कॉकटेल बनकर रह गयी है.


बदलाव के लिए बड़ी कुर्बानी देनी की बात करती है कहानी

हिंदुस्तानी २ के कहानी की शुरुआत में चित्रा अरविंद (सिद्धार्थ )और उसके कुछ दोस्तों से शुरू होती है,जो वॉच डॉग नाम की एक वेबसाइट के जरिये समाज में फैले भ्रष्टाचार की कहानी को सामने लेकर आ रहे हैं, लेकिन जल्द ही वह समझ जाते हैं कि सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके और लाखों लाइक से बदलाव नहीं आएगा. बदलाव के लिए देश को 28 साल पहले वाले विजिलेंट हिंदुस्तानी (कमल हासन)की जरूरत है.उन्हें यह भी मालूम नहीं कि हिंदुस्तानी जिन्दा भी है या नहीं, लेकिन वह कैम्पेन शुरू कर देते है और आधे घंटे के बाद कहानी में हिंदुस्तानी की एंट्री हो जाती है. विजय माल्या जैसे किसी बिजनेसमैन को वह उसके अंजाम तक पहुंचा देता है और वह चित्र अरविन्द को सोशल मीडिया पर जवाब देता है कि वह भारत आ रहा है. हिंदुस्तानी के पहले पार्ट से यह कनेक्शन भी जोड़ा गया है कि सीबीआई अफसर( नेदुमुडी वेणु )जो पिछली बार हिंदुस्तानी को नहीं पकड़ पाए थे. अब उनका बेटा अपने पिता के लिए हिंदुस्तानी को पकड़ना चाहता है. हिंदुस्तानी के भारत आते ही पुलिस के साथ उसके चूहे बिल्ली का खेल शुरू हो जाता है,लेकिन इन सबके बीच हिंदुस्तानी एक के बाद एक भ्रष्ट लोगों को उनके अंजाम तक पहुंचाता है. इसके साथ ही वह आम लोगों से सोशल मीडिया के जरिये यह अपील भी करता है कि भ्रष्टाचार जो समाज में है.उसकी शुरुआत घर से होती है,तो अपने घर में अगर गलत देख रहे हो तो उसके खिलाफ आवाज़ उठाओ.अपने अपनों को भी सजा दिलाओ. हिंदुस्तानी की अपील को चित्रा सहित सभी युवा अमल में लाने लगते हैं,लेकिन एक के बाद एक अपने करीबी लोगों से वह दूर हो जाते हैं. उन्हें एहसास होता है कि हिंदुस्तानी ने उनसे बहुत भारी कीमत वसूली है. जिसके बाद ना सिर्फ सोशल मीडिया पर बल्कि लोग सड़कों पर उतर जाते हैं ताकिवह हिंदुस्तानी को खत्म कर सके.हिंदुस्तानी जो कल तक नायक था.अब उसी समाज के लिए खलनायक बन जाता है. इस बीच वह पुलिस से पकड़ा जाता है. किसी तरह वह पुलिस की कैद से खुद को रिहा करता है और कहानी खत्म हो जाती है. अब आगे क्या होगा इसके लिए आपको दूसरे भाग का इन्तजार करना होगा. फिल्म के आखिर में दूसरे भाग की कुछ झलकियां दिखाई गयी है, जिसमें हिंदुस्तानी के युवा दिनों ,अंग्रेजो से लोहा लेने को भी शामिल किया गया है.


फिल्म की खूबियां और खामियां 

हिंदुस्तानी की कहानी भ्रष्टाचार पर थी और 28 साल बाद भी देश से भ्रष्टाचार नहीं गया है,तो वह इसकी सीक्वल कहानी से भी नहीं गया है लेकिन प्रभाव पूरी तरह से नदारद  है , जो कहानी की जरुरत है. इस सीक्वल के इंटरवल के पहले तक में हिंदुस्तानी किस तरह से भ्रष्ट लोगों की आसानी से उनके अंजाम तक पहुंचा रहा है. इसी पर फोकस हुआ है. २८ साल पहले की तरह इस बार भी हिंदुस्तानी अपने वर्मन कला से सभी को सजा दे रहा है. इतने पावरफुल लोगों के बीच उसकी इतनी आसानी से एंट्री कैसे हो रही है. कहानी इस बारे में बिल्कुल भी बात नहीं करती है कि यह सब कैसे हो रहा है. बदलाव के लिए बड़ी क़ुरबानी देनी पड़ती है. फिल्म का सेकेंड हाफ इस अलग सोच को को रेखांकित करने की कोशिश करती है , लेकिन लचर पटकथा इस सोच के साथ भी न्याय नहीं करती है. निर्देशक शंकर ने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दी हैं. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल फिल्मों में करना उन्हें खूब आता है,लेकिन इस बार दृश्यों के संयोजन में भी वह फ्रेशनेस नहीं दिखी है. जीरो ग्रेविटी में सजा देने वाला दृश्य हो या आखिरी का आधा घंटा चेसिंग सीन पेपर पर भले ही रोचक लगा हो,लेकिन परदे पर वह उस तरह से नहीं आ पाएं हैं किदर्शक थिएटर से निकलकर भी उनको याद रख पाए. फिल्म का म्यूजिक भी निराश करता है. हिंदुस्तानी का संगीत २८ सालों बाद भी लोगों के जुबान पर है. संगीत में इस बार रहमान के बजाय अनिरुद्ध का नाम जुड़ा है. यह एक पैन इंडिया फिल्म है. फिल्म के संवादों में गुजराती और पंजाबी भाषा का इस्तेमाल हुआ है. जिसका हिंदी में सबटाइटल भी आता है ,लेकिन बहुत ज्यादा गलतियां हैं. मेकर्स को सेकेंड पार्ट में इसका विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत होगी.

 
चित परिचित अंदाज में दिखें हैं कमल हासन 

यह फिल्म कमल हासन की है. प्रॉस्थेटिक मेकअप से प्यार उनका किसी से छिपा नहीं है. इस फिल्म में भी उन्होंने इसका जमकर इस्तेमाल किया है, हालांकि उनकी अब तक की कई फिल्मों में हम उन्हें इस तरह के अंदाज में देख चुके हैं,तो यह अब हैरत में नहीं डालता है. वह अपने चित – परिचित अंदाज में ही दिखें हैं. ७० की उम्र के करीब पहुंच चुके कमल इस बार भी परदे पर अपने स्टंट सीन्स में अपना प्रभाव छोड़ते हैं.इससे इंकार नहीं है.सिद्धार्थ अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं. रकुल प्रीत को फिल्म में करने को कुछ खास नहीं था.एसके सूर्या का किरदार अपनी वेश भूषा से ध्यान खींचता है लेकिन इस बार उन्हें भी ज्यादा सीन नहीं मिले हैं. पीयूष मिश्रा, जाकिर हुसैन और गुलशन ग्रोवर के किरदार सतही रह गए  हैं. सिद्धार्थ के सभी दोस्तों के अलावा फिल्म के बाकी के किरदार अपनी – अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं. 

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें