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भूमि में वर्मीकंपोस्ट और माइक्रोराजा का प्रयोग कर पौधों को दें जरूरी पोषकतत्व

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जैविक उर्वरक के महत्व विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

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आरा.

चेतन मंडल की ओर से नाबार्ड के मार्गदर्शन एवं कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी सहयोग से कुल्हड़िया गांव में अन्न उत्पादन में जैविक उर्वरक के महत्व विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सत्र के प्रारंभ में मुख्य अतिथि डॉ पीके द्विवेदी वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने विशेष रूप से जैविक उत्पादन पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए बताया कि भूमि में वर्मीकंपोस्ट, माइक्रोराजा, आदि का प्रयोग करके पौधों को आवश्यक पोषकतत्व उच्चतम उत्पादन हेतु दिया जाये. साथ ही उन्होंने वर्मीकंपोस्ट के उत्पादन पर बल देते हुए बताया कि यदि आप खेत में लगातार वर्मीकंपोस्ट का प्रयोग करते हैं, तो केचुओं का अंडा, लार्वा, कोकून सभी खेत में जाकर कंपोस्ट का निर्माण वही करते हैं, जिस से भूमि का स्वास्थ्य और उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है. जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस क्षेत्र के 50 कृषकों का चयन कर वैज्ञानिक विधि से श्री अन्न यथा बाजरे की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रशिक्षण के मध्य ही किसानों को बीज वितरित किया गया. नाबार्ड की सोच है कि यह गांव बाजरा हब के रूप में विकसित हो ताकि इसे मूल्यवर्धक उत्पाद बनाकर विपणन किया जा सके. कृषि विज्ञान केंद्र, भोजपुर, आरा के वरीय वैज्ञानिक शशि भूषण कुमार ””शशि”” ने रोग एवं कीट व्याधि नियंत्रण हेतु नीम उत्पाद, आग्नेय अस्त्र, ब्रह्मास्त्र तथा अन्य जैव कीटनाशी के बारे में बताते हुए यह भी बताया कि भूमि की उर्वरा शक्ति कैसे बढ़ाई जाए. अंत्योदय चेतन मंडल के सचिव रामनाथ ठाकुर ने बताया कि इस योजना का संचालन मेरे द्वारा करते हुए कुछ प्रबुद्ध कृषकों का चयन कर संचालित किया जा रहा है. बाजरे की यहां खेती बड़े पैमाने पर होती है, परंतु इसका प्रसंस्करण एक मूल समस्या है, निकट भविष्य में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन हेतु नाबार्ड के सहयोग से अन्य कार्य किये जायेंगे. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि आज के समय में हमें मोटे आनाज की खेती करने की जरूरत है, जिससे आनेवाली पीढ़ी को हम होनेवाली विभिन्न बीमारियों से बचा सकें. इसके उत्पादन से किसान अच्छी आमदनी भी कर सकते हैं. उक्त अवसर पर कुल 46 कृषकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में भोला सिंह, अरुण सिंह, अनिल सिंह, श्री बच्चा लाल राम, रवीश रंजन चौधरी, महावीर दत्त पाठक, रमेंद्र सिंह, अखिलेश्वर प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे.

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