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पटना के युवाओं से संभाली कमान, पौधारोपण कर शहर को करेंगे हरा-भरा

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समाज को बेहतर बनाने में युवाओं की भागीदारी बेहद खास होती है. नौजवान लगन से अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करें, तो बड़े से बड़ा बदलाव संभव है. राजधानी पटना के कई युवा पौधारोपण कर इसकी मिसाल पेश कर रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इन युवाओं में दीवानगी इस कदर बढ़ी है कि वे सालों भर शहर में जगह-जगह पौधा लगाने से लेकर उसे संरक्षित करने तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इन युवाओं का कहना है कि पेड़-पौधे हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं. पर्यावरण को संतुलित करने के साथ-साथ मानव को ये जीवन देते हैं.

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Green Patna: धरती पर हरियाली है, तो सब कुछ संभव है. पटना शहर के युवा यही संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. सामाजिक संस्थाएं, एनजीओ से जुड़े कई युवा पौधारोपण के प्रति न सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि लक्ष्य तय कर खुद भी पौधारोपण कर रहे हैं. सड़कों पर निकल कर राहगीरों को नि:शुल्क पौधे तक वितरित करते हैं. इतना ही नहीं वे जिन पौधों को लगाते हैं, उनकी सुरक्षा का भी संकल्प लेते हैं. वहीं लोगों को जागरूक करते हुए बताते हैं कि वृक्षों की कमी से प्रदूषण बढ़ रहा है.

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ग्लोबल वार्मिंग की समय-समय पर चेतावनी दी जा रही है. अगर हम सभी पर्यावरण को बचाने के लिए अभी आगे नहीं आये तो आने वाला समय बहुत कष्टकारी होगा. विकास कार्यों के लिए लाखों पेड़ काट दिये जाते हैं, लेकिन पौधारोपण कागजों तक सीमित रहता है. पौधे लगाये भी जाते हैं, तो देखरेख नहीं होती, जिससे पौधे पनप नहीं पाते. ऐसे पौधारोपण अभियान का क्या लाभ?  

1. इस साल 10 हजार पौधे लगायेंगी मनीषा

पटना की रहने वाली मनीषा, ‘एबंडेंट लाइफ फाउंडेशन’ से जुड़ी हैं. यह संस्था पिछले दो साल से पौधरोपण करती आ रही है. यहां साल भर शहर के अलग-अलग स्कूलों, कॉलेजों और अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में पौधरोपण किया जाता है. वे कहती हैं, यदि शहर के लोग हमलोगों का साथ दें, तो कुछ साल में ही शहर हरा-भरा नजर आयेगा. पिछले हफ्ते हमने नमामि गंगे एसटीपी, बेउर और करमली चक में पौधारोपण किया है. जबकि सरकारी स्कूलों में हजार से ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य है. इस साल दस हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है. हमारी टीम में 100 से ज्यादा मेंबर्स शामिल हैं, जो पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी करते हैं.

2. प्लांटेशन ड्राइव चलाती हैं निशि मिश्रा

राइज अप कम्यूनिटी फाउंडेशन की ओर से साल 2017 से प्लांटेशन ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है. संस्था से जुड़ी निशि मिश्रा कहती हैं, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें. केवल एक दिन पौधा लगाने से नहीं होगा, बल्कि इसे मुहिम बनाकर साल भार लगाना चाहिए. इस साल भी हमारा लक्ष्य लगभग 10,000 पौधों को लगाने का है. यह पौधे ज्यादातर सरकारी स्कूलों में लगाये जाते हैं, जहां पौधों को लगाने की जगह हो. अभी हमने दानापुर के स्कूलों, स्टेशन, शास्त्री नगर आदि जगहों पर पौधा लगाया है. हमारे साथ 100 से ज्यादा वर्किंग लोग और स्टूडेंट्स जुड़े हैं.

3. पर्यावरण के प्रहरी हैं सानू कुमार

बोरिंग रोड के रहने वाले सोनू कुमार राज पिछले तीन साल से एकल और समूह में पौधारोपण करते आ रहे हैं. वे अभी एएन कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं. वे कहते हैं, ग्रेजुएशन के दौरान मैंने पर्यावरण से जुड़े वर्कशॉप में भाग लिया था. इसमें एहसास हुआ कि जिस तरह से शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं, लगाये नहीं जाते. जबकि एक पेड़ को बढ़ने में सालों का वक्त लग जाता है. यही सब सोच कर मैं इस मुहिम से जुड़ गया. मैं पौधे लगाने के बाद उनकी सुरक्षा का दायित्व भी हमारा है. जिस दिन ये बात हर व्यक्ति समझ जायेगा तो कोई पौधा मुरझायेगा नहीं.

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4. स्कूलों में पौधे लगाते हैं सतीश मिश्रा

सतीश मिश्रा टीम सहयोगी संस्था के सदस्य हैं. वे पिछले एक साल से शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पौधरोपण करते आ रहे हैं. इस दौरान वे स्कूली बच्चों को इसके लिए प्रेरित भी करते हैं और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपते हैं. उन्होंने बताया कि उनका प्रयास है कि हर व्यक्ति एक पौधा जरूर लगाए. इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. संस्था के सदस्यों ने 500 से अधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया है. वे कहते हैं, अगर हम सभी पर्यावरण को बचाने के लिए अभी आगे नहीं आये तो आने वाला समय बहुत कष्टकारी होगा.

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5. पेड़- पौधों के रक्षक हैं डॉ सुमित

बीइंग हेल्पर फाउंडेशन के सदस्य डॉ सुमित लंबे समय से शहर में पौधारोपण कर रहे हैं. वे कहते हैं, पर्यावरण संरक्षण दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है. आम से लेकर खास तक इसे लेकर गंभीर हैं. इसके प्रति जागरूक लोग अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. हमारी टीम भी शहर में जगह-जगह पौधे लगाती है और संरक्षण करती है. इस बार 5000 पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है. हम पूरे साल पौधारोपण करते हैं. यदि किसी पेड़ में दीमक लग जाती है तो उसे भी दवाई डालकर हटाया जाता है और पेड़ को जीवनदान दिया जाता है.

पौधारोपण करते युवाओं की देखिए तस्वीरें…

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