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Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ हादसा या साजिश, होगी न्यायिक जांच, सीएम ने अखिलेश यादव पर बोला हमला

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Hathras Stampede: सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे. उन्होंने सत्संग हादसे में घायल मरीजों और उनके परिवारीजनों से मुलाकात की. इसके बाद घटनास्थल गए. अधिकारियों से शुरुआती जांच की रिपोर्ट ली और फिर मीडिया से बातचीत की.

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हाथरस: बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में हुई भगदड़ (Hathras Stampede) मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने साजिश की आशंका भी जताई है. इस आशंका की तह तक जाने के लिए उन्होंने पूरे हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में होगी. पुलिस व प्रशासन के रिटायर्ड अधिकारी भी इस जांच कमेटी के सदस्य होंगे. इसका नोटिफिकेशन शासन स्तर से बुधवार को जारी किया जाएगा.

एसआईटी ने सौंपी शुरुआती रिपोर्ट

सीएम ने कहा कि एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की है. इसने प्रारंभिक रिपोर्ट दी है. इस घटना की तह में जाने के लिए उनसे कहा गया है. बहुत सारे ऐसे पहलू हैं, जिनकी जांच होना जरूरी है. अब तक प्रथम दृष्टया हमारी कार्रवाई राहत और बचाव के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिए बुलाना है. घटना के बारे में उनसे पूछताछ करना है. फिर घटना की लापरवाही और जिम्मेदारी तय करना है. इसके लिए पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

साजिश की होगी न्यायिक जांच

सीएम ने कहा कि इस प्रकार की घटना एक हादसा नहीं होती है. यदि हादसा भी है तो उसके पीछे कौन जिम्मेदार है? यदि हादसा नहीं है तो साजिश किसकी है? कौन इसके पीछे है? इन सभी पहलुओं को लेकर इसकी न्यायिक जांच भी होगी. इस पूरी घटना की तह में जाकर, जो भी दोषी होगा, इसकी सजा देना, इस तरह की घटना दोबारा न हो, इनके बारे में सुझाव और एसओपी भी बनाई जाएगी. जिससे इस तरह के बड़े आयोजन में एसओपी को लागू किया जा सके.

ऐसे हुआ हादसा

सीएम ने बताया कि घायलों और उनके परिवारीजनों से बातचीत में पता चला है कि हादसा कार्यक्रम के बाद हुआ. जब इस कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने के लिए आए थे, उनका कार्यक्रम संपन्न हुआ, तो जीटी रोड पर उनका काफिला आया. इसी दौरान उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल आगे बढ़ा, उनके पीछे-पीछे एक के बाद एक भीड़ बढ़ती गई. इससे ये सभी एक दूसरे पर चढ़ते गए. इस दौरान सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे, इसके कारण जीटी रोड के दोनों तरफ दु:खद हादसा हो गया.

121 की मौत 31 घायल

सीएम योगी ने कहा कि सत्संग में भगदड़ से 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. 121 में से 6 मृतक अन्य राज्यों से थे. ग्वालियर मध्य प्रदेश से 1, हरियाणा से 4 और राजस्थान से एक मृतक था. यूपी के हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, संभल और लखीमपुर के श्रद्धालु इस हादसे के शिकार हुए हैं. कुल 31 घायल हैं. जिनका अलीगढ़, एटा, आगरा और हाथरस के अस्पताल में इलाज चल रहा है. ये सभी खतरे से बाहर हैं.

अखिलेश यादव पर साधा निशाना

एक सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि लोग हादसों में भी राजनीति ढूंढते हैं, उनकी फितरत है चोरी भी सीना जोरी भी. सज्जन के फोटो किसके साथ हैं, उनके राजनीतिक संबंध किनके साथ जुड़े हुए हैं, रैलियों के दौरान भगदड़ कहां मचती थी और कौन उसके पीछे थे, उसकी तह में जाना जरूरी है. जो लोग निर्दोष लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं, उसका पता लगाया जाएगा.

हादसे के बाद सेवादार भाग निकले

सीएम योगी ने कहा कि प्रशासन प्रथम दृष्टया ये मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजन है. उनके सेवादार आयोजन की जिम्मेदारी स्वयं उठाएंगे. सावधानी बरतते हुए प्रशासन फोर्स को आउटर रिंग में तैनात करता है. अंदर उनके स्वयं सेवक या सेवादार ही व्यवस्था का संचालन करते हैं. जहां भीड़ अनुशासित होती है, धार्मिक और श्रद्धा भाव के साथ जहां लोग आते हैं वहां भीड़ अनुशासित होती है. जब वही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है तो वहां अनुशासनहीनता का नजारा देखने को मिलता है. होना ये चाहिए था कि सेवादारों को व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था. यदि वो नहीं कर पा रहे थे, तो प्रशासन की मदद से हादसे के शिकार लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने, उपचार की व्यवस्था करनी चाहिए थी. लेकिन सभी सेवादार भाग निकले.

केंद्र व राज्य दोनों ने दी आर्थिक सहायता

सीएम योगी ने बताया कि हादसे में मृतकों व घायलों को केंद्र व राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मृतकों को चार-चार लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपये दिया जाएगा. मृतकों के नाबालिग बच्चों को उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना के तहत पढ़ाई की व्यवसथा कराई जाएगी. जिस स्कूल या संस्था में होंगे, वहां उनकी पढ़ाई की व्यवस्था होगी.

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