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13 माह में बस एक ऑपरेशन पर डॉक्टरों से मांगा जवाब

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वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर 13 माह में बस एक ऑपरेशन पर डॉक्टरों से जवाब मांगा गया है. सदर अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल के इस मामले में आरएडी ने सीएस से तीन दिनाें में रिपाेर्ट देने को कहा है. अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन प्रसव नहीं कराये जाने पर सीएस ने डॉक्टरों से जवाब तलब किया है. आरएडी ने पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों व जीएनएम की तैनाती के बाद भी रात में 13 माह में बस एक ऑपरेशन क्यों हुआ? ये कैसे उचित है? इस लापरवाही पर उन्हाेंने जिम्मेदारी तय करने काे कहा था. आरएडी ने एमसीएच में सिजेरियन नहीं हाेने के कारणाें के बारे में तीन दिन में रिपाेर्ट देने का निर्देश दिया था. जिसके बाद सीएस ने जवाब पूछा है.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एमसीएच में 13 माह में एक गर्भवती का सिजेरियन प्रसव कराया गया है. जबकि 33 जीएनएम, 13 महिला डॉक्टर तैनात है. यह स्थिति तब है जब सरकार की ओर से सी-सेक्शन यानी सिजेरियन की संख्या बढ़ाने काे लेकर कई स्तरों पर माॅनीटरिंग की जा रही है. अप्रैल 2023 से मई 2024 तक सदर अस्पताल के एमसीएच में मात्र एक ही प्रसूता का रात्रि में सिजेरियन किया गया है. यह सिजेरियन जनवरी 2024 में किया गया. इधर रात में एमसीएच में काेई महिला डॉक्टर नहीं रहती है. डॉक्टर के नहीं रहने के कारण रात में प्रसूताओं के आने की संख्या में भी काफी कमी आई है. रात में जाे प्रसूताएं आती हैं, उनका ऑपरेशन चिकित्सक यदि उपस्थित भी रहती हैं ताे भी वे नहीं करना चाहती हैं. उसे एसकेएमसीएच रेफर कर देती हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर 13 माह में बस एक ऑपरेशन पर डॉक्टरों से जवाब मांगा गया है. सदर अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल के इस मामले में आरएडी ने सीएस से तीन दिनाें में रिपाेर्ट देने को कहा है. अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन प्रसव नहीं कराये जाने पर सीएस ने डॉक्टरों से जवाब तलब किया है. आरएडी ने पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों व जीएनएम की तैनाती के बाद भी रात में 13 माह में बस एक ऑपरेशन क्यों हुआ? ये कैसे उचित है? इस लापरवाही पर उन्हाेंने जिम्मेदारी तय करने काे कहा था. आरएडी ने एमसीएच में सिजेरियन नहीं हाेने के कारणाें के बारे में तीन दिन में रिपाेर्ट देने का निर्देश दिया था. जिसके बाद सीएस ने जवाब पूछा है.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एमसीएच में 13 माह में एक गर्भवती का सिजेरियन प्रसव कराया गया है. जबकि 33 जीएनएम, 13 महिला डॉक्टर तैनात है. यह स्थिति तब है जब सरकार की ओर से सी-सेक्शन यानी सिजेरियन की संख्या बढ़ाने काे लेकर कई स्तरों पर माॅनीटरिंग की जा रही है. अप्रैल 2023 से मई 2024 तक सदर अस्पताल के एमसीएच में मात्र एक ही प्रसूता का रात्रि में सिजेरियन किया गया है. यह सिजेरियन जनवरी 2024 में किया गया. इधर रात में एमसीएच में काेई महिला डॉक्टर नहीं रहती है. डॉक्टर के नहीं रहने के कारण रात में प्रसूताओं के आने की संख्या में भी काफी कमी आई है. रात में जाे प्रसूताएं आती हैं, उनका ऑपरेशन चिकित्सक यदि उपस्थित भी रहती हैं ताे भी वे नहीं करना चाहती हैं. उसे एसकेएमसीएच रेफर कर देती हैं.

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