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किशनगंज शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचारी पदाधिकारियों व कर्मियों की खुली पोल, कागजी खानापूर्ति कर हुआ करोड़ों भुगतान

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किशनगंज के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने मनमानी ढंग से सारे नियमों को ताक पर रख करके जिसको पाया उसको ही शिक्षा विभाग का ठेकेदार बना दिया.

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शिक्षा विभाग में करोड़ों का घोटाला,

डीईओ,डीपीओ सहित चार अधिकारी निलंबित

शिक्षा विभाग ने ठेकेदार और वेंडरों को किया मालोमाल.

बच्चों के अधिकार के साथ खिलवाड़.

किशनगंज.शिक्षा विभाग में जिस तरह से बीते एक साल में लूट की खुली छूट मची रही की अधिकारी मालामाल हो गए जी हां पिछले साल जब जून महीना में अपर मुख्य सचिव के रूप में केके पाठक ने शिक्षा विभाग का पदभार संभाला तो लगा कि अब विभाग में व्यापक सुधार होगा.लेकिन हुआ इसका उल्टा. केके पाठक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था के साथ- साथ आधारभूत संरचनाओं को भी दुरुस्त करने का निर्देश दिया.इसके लिए उन्होंने विद्यालयों में जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जैसे पर्याप्त मात्रा में डेस्क बेंच,समर सिबल,फ्री फैब स्ट्रक्चर (टीन का घर) इत्यादि के निर्माण और पुराने भवनों के मरम्मति और जीर्णोद्धार के लिए विद्यालय को पैसे उपलब्ध कराए गए लेकिन पैसों को लूट लिए अधिकारियों और संवेदकों ने.किशनगंज के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने मनमानी ढंग से सारे नियमों को ताक पर रख करके जिसको पाया उसको ही शिक्षा विभाग का ठेकेदार बना दिया. ऐसे- ऐसे लोग ठेकेदार बने जिन्होंने जीवन में कभी ठेकेदारी और आपूर्ति का कार्य नहीं किया था. मतलब यह कि कहीं से भी कोई माल उठाकर के स्कूल में पहुंचा देना है और हेड मास्टर से भुगतान करवा कर एक बड़ा हिस्सा अधिकारियों को बांट कर खुद रख लेना है.जिसमें अधिकारी तो कई करोड़ के मालिक बन गए वहीं संवेदक और वेंडर भी करोड़पति क्लब में शामिल हो गए.

जिले में कई करोड़ रुपये घोटाले हुए हैं. खासकर डेस्क, बेंच, फ्री फायर स्ट्रक्चर, सबमर्सिबल इन सब मामले में अधिकारियों की मिली भगत से पैसे का लंबा खेल हुआ है.केके पाठक ने तो कार्रवाई नहीं की लेकिन जैसे ही अपर मुख्य सचिव के रूप में एस सिद्धार्थ आए उन्होंने किशनगंज के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और वर्तमान में गोपालगंज डीईओ सुभाष कुमार गुप्ता किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतीउर रहमान, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना राजेश कुमार सिन्हा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान सूरज कुमार झा के अलावा शिक्षा विभाग स्थापना के लिपिक अरुण कुमार को निलंबित कर दिया है.

1500 का डेस्क बेंच 5000 में विद्यालयों को जबरदस्ती थमाया गया

जिले के विद्यालयों को इन तथा कथित वेंडरों द्वारा 1500 रुपए का डेस्क बेंच 5000 रुपए में विद्यालयों को थमाया गया.कई विद्यालयों में निर्धारित संख्या के आधा भी नहीं हुआ आपूर्ति लेकिन राशि पूरी ले ली गई.एक एक विद्यालय से वेंडरों ने लाखों कमाए और अधिकारी के साथ मिल कर मालामाल होते रहे.

एक फ्री फैब स्ट्रक्चर में चार लाख की लूट

मिली जानकारी के अनुसार टीन का घर जिसे विद्यालय के छत पर जैसे तैसे खड़ा कर पांच लाख रुपए का भुगतान कर लिया सूत्र बताते हैं कि एक लाख रुपए से भी कम रुपए में इससे बेहतर और मजबूत टीन का घर बनाया जा सकता है. समर्शिबल को उखाड़ कर जांच कराया जाए तो भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी. बिना जरूरत के स्कूलों में समर्शिबल लगाकर लाखों के वारे न्यारे किए गए.

बच्चों के हक और अधिकार खा गए भ्रष्ट अधिकारी और संवेदक

गरीब के बच्चों के पढ़ाने के लिए सरकार चाहे जितने जतन कर ले, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों के हकमारी में सबसे आगे है.जिले में करोड़ों का घोटाला इसका एकमात्र बानगी भर है.शिक्षा विभाग के कार्यालयों में वर्षों से एक ही स्थान पर कर्मी जमे हुए हैं.जो बिना जेब गर्म किए बगैर कोई काम नहीं करते.

ध्यातव्य है कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव एस सिद्धार्थ के योगदान के बाद शिक्षा विभाग में लूट की जानकारी मिलने पर राज्य के सभी डीएम को पत्र लिखकर जांच करने का निर्देश दिया. आदेश मिलते ही किशनगंज के जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने जांच टीम गठित कर जांच प्रारंभ कर दिया. जांच टीम के प्रतिवेदन के आलोक में किशनगंज जिले में शिक्षा विभाग का महालूट का पर्दाफाश हुुआ और दोषी पदाधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दिया. जिसके जद में सोमवार को वर्तमान डीईओ मतिउर रहमान, निवर्तमान डीईओ व वर्तमान में गोपालगंज के डीईओ सुभाष कुमार गुप्ता, डीपीओ स्थापना राजेश कुमार सिन्हा और डीपीओ सूरज कुमार झा को निलंबित कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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