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खान विभाग ने स्टॉकिस्टों से वाहनों का जीपीएस रिकॉर्ड और टोल स्लिप मांग

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राज्य में तीन करोड़ सीएफटी बालू निजी स्टॉकिस्टों के पास है, पर उन्हें चालान नहीं दिया जा रहा है.

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रांची. झारखंड के बालू स्टॉकिस्ट खान विभाग की शर्तों को लेकर स्टॉक यार्ड बंद रखे हुए हैं. खान विभाग उन वाहनों के लिए जीपीएस रिकॉर्ड और टोल स्लिप मांग रहा है, जिनसे स्टॉक यार्ड में बालू लाया गया है. सभी स्टॉकिस्टों को इस बाबत पत्र भेजा गया है. गौरतलब है कि राज्य में तीन करोड़ सीएफटी बालू निजी स्टॉकिस्टों के पास है, पर उन्हें चालान नहीं दिया जा रहा है.

रांची के एक स्टॉकिस्ट ने बताया कि वे बालू बाजार में भेजना चाहते हैं, पर विभाग ने जीपीएस रिकाॅर्ड और टोल प्लाजा स्लिप की मांग की है. जबकि, हमलोग पिछले एक वर्ष से बालू का स्टॉक कर रहे हैं. खान एवं खनिज अधिनियम में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जिसके तहत वे यह पूछ सकें. फिर भी पूछा जा रहा है और हमें चालान नहीं दिया जा रहा है. इस कारण स्टॉकिस्ट बालू बेच नहीं पा रहे हैं. स्टॉकिस्ट ने बताया कि वाहन अलग-अलग मालिकों और अलग-अलग स्थानों के हैं. जीपीएस डाटा और टोल डाटा प्राप्त करना व्यावहारिक रूप से असंभव है. यही वजह है कि रांची समेत अन्य जिलों के सभी स्टॉक यार्ड बंद हैं और कोई डिस्पैच नहीं हो रहा है.

पुलिस हस्तक्षेप भी बड़ा कारण

स्टॉकिस्ट ने बताया कि बालू के मामले में पुलिस का हस्तक्षेप बहुत अधिक है. इस कारण लोडिंग प्वाइंट से सिटी प्वाइंट तक बालू का परिवहन बड़ी चुनौती है.

शर्तें आसान नहीं की गयीं, तो बालू रखा रह जायेगा

स्टॉकिस्ट ने बताया कि शर्तों को आसान कर यदि बालू के लिए चालान निर्गत नहीं किया गया, तो बारिश के दौरान सारे बालू रखे रह जायेंगे. जल्द ही स्टॉकिस्ट इस मुद्दे को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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