38.8 C
Ranchi
Monday, April 21, 2025 | 02:24 pm

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इंद्र के अंश हैं पांडव : जीयर स्वामी

Advertisement

सिंगरा में चातुर्मास व्रत के दौरान श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी का चल रहा है प्रवचन

Audio Book

ऑडियो सुनें

पड़वा. महाराज पांडू के पांचों पुत्र देवराज इंद्र के अंशी हैं. जबकि द्रौपदी, इंद्र की पत्नी सचि का अवतार. ऐसे में पांडवों के साथ द्रौपदी का वैवाहिक संबंध धर्म के अनुकूल है. द्रौपदी को एक साथ पांच पतियों की पत्नी होने पर उठाये जाने वाले सवाल धर्म के विरुद्ध है. सिंगरा स्थित चातुर्मास व्रत के दौरान मंगलवार को उक्त बातें परम तपस्वी श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी ने कही. श्रीमद्भागवत कथा के दौरान महाभारत का संक्षिप्त विवरण देते हुए स्वामीजी ने इस प्रश्न की जटिलता को सुलझाते हुए कहा कि अर्जुन तो इंद्र का साक्षात स्वरूप हैं. जबकि इंद्र के धर्म तत्व का अंश युधिष्ठिर, बल तत्व का भीम, कला-कौशल का नकुल व सौंदर्य का सहदेव. लिहाजा लौकिक दृष्टि से भले ही ये पांच व्यक्ति हैं, पर वास्तव में इंद्र के एक ही स्वरूप के भिन्न-भिन्न तत्व हैं. कथा को विस्तार देते हुए महाराज श्री ने कहा कि नारी जब कड़वा वचन बोलती है, तो संकट की स्थिति उत्पन्न होती है, परंतु वही नारी जब मधुर बोलती है, तो बड़ी से बड़ी विपत्ति भी क्षण भर में दूर हो जाती है. द्रौपदी व सीता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि द्रौपदी के कटु वचन ने दुर्योधन के मन में ऐसा विद्वेष पैदा किया कि महाभारत का महासंग्राम हो गया. वहीं वनवास के दौरान माता जानकी के तीखे व व्यंग्य वचन से आहत लक्ष्मण जी उन्हें छोड़ स्वर्ण मृग का शिकार करने गये भगवान श्रीराम के पीछे भाग गये. जिसका परिणाम भयावह हुआ. कथा को आगे बढ़ाते हुए स्वामीजी ने कहा कि अहंकारियों को दूसरे का वैभव अच्छा नहीं लगता. जिस तरह दुर्योधन को पांडवों द्वारा खुद के रहने हेतु मय राक्षस द्वारा निर्मित कराया गया अजूबा महल खांडवप्रस्थ को देख उसे ईर्ष्या हो गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

[quiz_generator]

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels