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फर्जी डॉक्टर के फर्जी अस्पतालों पर चलेगा प्रशासन का डंडा

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फर्जी डॉक्टर के फर्जी अस्पतालों पर चलेगा प्रशासन का डंडा

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जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश, प्रभात खबर में छपी खबर पर जिलाधिकारी ने दो माह पूर्व ही लिया था संज्ञान सहरसा. प्रभात खबर में 7 अप्रैल को प्रमुखता से छपी खबर के शीर्षक “फर्जी अस्पतालों पर जिला प्रशासन की नहीं है नजर ” पर जिला प्रशासन ने गंभीर संज्ञान लिया है. खबर प्रकाशन के दूसरे ही दिन जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र लिखकर एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. जिसके तहत जिले में चल रहे सभी फर्जी अस्पतालों व फर्जी डॉक्टरों की जांच कर उसकी जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर आदेश पर तत्काल विराम लग गया. लेकिन जैसे ही चुनाव की सारी प्रक्रिया संपन्न हुई तो जिलाधिकारी के दिए निर्देश पर जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने भी तेजी से कदम उठाया है. जिसमें सोमवार को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को एक सप्ताह के अंदर फर्जी डॉक्टर व उसके फर्जी अस्पतालों की जांच कर उसका जांच प्रतिवेदन सौंपने के लिए जारी पत्र अग्रसारित कर दिया है. इस आदेश के बाद स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी सक्रिय हो गये हैं और अपने-अपने क्षेत्र में जांच पड़ताल शुरू करने की तैयारी में जुट गये हैं. नगर निगम क्षेत्र में फर्जी चिकित्सकों एवं फर्जी अस्पतालों की जांच की जिम्मेदारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सदर प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपी गयी है. उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपने क्षेत्र में स्थित सभी तरह के फर्जी चिकित्सकों व अस्पतालों की पहचान करें और उनका प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को दें. गौरतलब है कि फर्जी अस्पतालों का संचालन न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है. बिना लाइसेंस और मान्यता के संचालित होने वाले ये अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मरीजों से धोखाधड़ी के साथ उनके जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. प्रशासन की इस कार्रवाई से ऐसे अस्पतालों पर नकेल कसने की उम्मीद की जा रही है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत हरकत में आकर जांच प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है. यह पहली बार नहीं है जब फर्जी अस्पतालों का मुद्दा उठाया गया है. लेकिन इस बार प्रशासन की सख्ती और तेजी से उम्मीद की जा रही है कि जिले में चल रहे सभी अवैध अस्पतालों सहित फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों पर जल्द ही नकेल कसी जायेगी. जिला प्रशासन के इस कदम से जहां एक ओर फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है. वहीं दूसरी ओर लोगों ने प्रशासन व प्रभात खबर के इस कदम का स्वागत भी किया है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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