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Jagannath Rath Yatra 2024: प्रभु जगन्नाथ की एकांतवास में शुरू हुई गुप्त सेवा, सात जुलाई को निकलेगी रथयात्रा

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Jagannath Rath Yatra: एकांतवास में प्रभु जगन्नाथ की गुप्त सेवा शुरू हो गयी है. सात जुलाई को रथयात्रा निकलेगी. नेत्र उत्सव पर भगवान नवयौवन रूप में दर्शन देंगे. खरसावां बीडीओ प्रधान माझी व सीओ शीला उरांव ने रथयात्रा की तैयारियों का जायजा लिया.

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Jagannath Rath Yatra 2024: खरसावां-स्नान पूर्णिमा पर अत्यधिक स्नान से प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार होकर एकांतवास में चले गये हैं. इसके बाद उन्हें अणसर गृह में रखा गया है. यहीं पर महाप्रभु की गुप्त सेवा की जा रही है. सेवायतों द्वारा मंदिर के अणसर गृह में पूजा-अर्चना के साथ फल-मूल का भोग लगाया जा रहा है. देसी नुस्खे से महाप्रभु का उपचार भी शुरू कर दिया गया है. अगले एक पखवाड़े तक प्रभु जगन्नाथ भक्तों को दर्शन नहीं देंगे. सात जुलाई को रथयात्रा के दिन प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा पूरी तरह से स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देंगे. रविवार को खरसावां बीडीओ प्रधान माझी व सीओ शीला उरांव ने राजबाड़ी पहुंचकर रथयात्रा की तैयारियों का जायजा लिया.

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नेत्र उत्सव पर प्रभु नवयौवन रूप में देंगे दर्शन

सात जुलाई की सुबह प्रभु का नेत्र उत्सव किया जायेगा. इसके साथ ही प्रभु अपने नवयौवन रूप में भक्तों को दर्शन देंगे. इसी दिन ही दोपहर तीन बजे प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जायेगी. रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी प्रभु जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर के लिये रवाना होंगे.

सात जुलाई को निकलेगी प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा

खरसावां में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारी जोरों पर है. 13 दिनों बाद सात जुलाई को प्रभु जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी गुंडिचा मंदिर जायेंगे. इसे लेकर खरसावां में नये रथ का निर्माण किया जा रहा है. खरसावां बीडीओ प्रधान माझी व सीओ शीला उरांव ने खरसावां राजबाड़ी पहुंच कर रथयात्रा की तैयारियों का जायजा लिया. आयोजन समिति के सदस्यों से रथ यात्रा के दौरान होने वाले धार्मिक अनुष्ठान की जानकारी ली. रथ मार्ग के दोनों किनारे सड़क को दुरुस्त करने, बिजली के तारों को दुरुस्त करने आदि के निर्देश दिये गये. थाना प्रभारी गौरव कुमार ने बताया कि रथयात्रा के दौरान सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त रहेंगे. पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती होगी.

ओडिशा के कारीगर बना रहे रथ

बताया गया कि अगले एक सप्ताह के भीतर रथ का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. यहां पुरी (ओडिशा) की तर्ज पर प्रभु जगन्नाथ का भव्य व आकर्षक रथ बनाया जा रहा है. रथ की ऊंचाई 25 फीट, चौड़ाई 12 फीट व लंबाई 18 फीट के आस-पास है. ओडिशा के मयूरभंज के कारीगरों द्वारा रथ का निर्माण किया जा रहा है. प्रभु जगन्नाथ के रथ को आकर्षक लुक दिया जा रहा है. रथ पर लगी लकड़ियों में पेंटिंग की जा रही है. रथ के सामने पांच घोड़ा के साथ एक सारथी की प्रतिमा भी बनायी गयी है. खरसावां में प्रभु जगन्नाथ के रथ निर्माण के लिए राज्य सरकार के विधि विभाग से पिछले वर्ष 18 लाख रुपये का आवंटन मिला है. खरसावां अंचल कार्यालय के जरिये इस राशि से प्रभु जगन्नाथ का भव्य रथ बनाया जा रहा है.

रथ निर्माण के लिए विभाग से मिला आवंटन

खरसावां में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के लिए राज्य सरकार से आवंटन मिला है. राजा गोपाल नारायण सिंहदेव के अनुसार आजादी से पूर्व यहां रथ यात्रा समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के लिए राजघराने के राजकोष से राशि उपलब्ध कराया जाता था. 1947 में देश की आजादी के बाद सभी धार्मिक अनुष्ठानों के लिए राज्य सरकार आवंटन उपलब्ध कराती है. जानकारी के अनुसार, 1947 में तमाम देशी रियासतों के भारत गणराज्य में विलय के दौरान खरसावां के तत्कालीन राजा श्रीरामचंद्र सिंहदेव व सरकार के बीच इसे लेकर मर्जर एग्रीमेंट किया गया था.

रथयात्रा के कार्यक्रम


नेत्र उत्सव सह नवयौवन रूप के दर्शन : 07 जुलाई की सुबह
गुंडिचा रथयात्रा : 07 जुलाई की शाम
हेरा पंचमी : 11 जुलाई
नवमी संध्या दर्शन : 14 जुलाई
बाहुड़ा यात्रा : 15 जुलाई

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